बगैर चुनाव पंच-सरपंचों की जमानत जब्त! …. प्रचार के लिए कर चुके थे कई गुना खर्च, अब बोले- थोड़े से पैसों के लिए परेशानी क्यों उठाएं

मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव रद्द हाेने के बाद पंच, सरपंच समेत सभी पदों के दावेदारों द्वारा जमा जमानत की राशि वापस की जाने लगी है। ये दावेदार इस राशि को वापस लेने में रुचि नहीं ले रहे हैं। वे खुद ही इसे जब्त करने के लिए कह रहे हैं। दरअसल, नामांकन भरते समय प्रत्याशियों ने राज्य चुनाव आयोग द्वारा जमानत के लिए तय की गई जो राशि जमा की थी, उससे कई गुना ज्यादा पैसे वे प्रचार-प्रसार में खर्च चुके हैं। इनमें से पंच पद के लिए दावेदारी करने वालों का अब कहना है कि 400 रुपए के लिए हम क्यों परेशानी उठाएं।

पंचायत चुनाव में 2 लाख से अधिक कैंडिडेट्स ने नामांकन दाखिल किए थे। सबसे ज्यादा नामांकन पंच और सरपंच पद के लिए आए थे। जिला और जनपद सदस्यों के लिए भी नामांकन दाखिल हुए थे। चुनाव आयोग ने जमानत राशि तय की थी। चुनाव रद्द होने के बाद इसे वापस लौटाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। मप्र पंचायत प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डीपी धाकड़ ने बताया कि 50 प्रतिशत से ज्यादा उम्मीदवार जमानत की राशि नहीं लेना चाहते।

सरकार हर्जाना दिलाए

जिला पंचायत अध्यक्ष एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन नागर का कहना है कि दावेदार यह पैसा लेकर क्या करेगा। सरपंच पद के लिए बतौर जमानत राशि दो हजार रुपए जमा किए, लेकिन इससे ज्यादा पैसे वह चुनाव प्रचार में खर्च कर चुका है। ये पैसे कौन लौटाएगा? नागर का कहना है कि राज्य सरकार को हर्जाना देना चाहिए।

6 जनवरी को होना था पहले चरण का मतदान

मध्यप्रदेश में तीन चरणों में होने वाले पंचायत चुनाव में 6 जनवरी को पहले चरण का मतदान होना था। पहले और दूसरे चरण के लिए नाम वापसी के बाद प्रचार का दौर चल रहा था। मतदान से कुछ ही दिन पहले चुनाव रद्द हो गए। दूसरे चरण का चुनाव 28 जनवरी को होना था। तीसरे चरण की चुनाव प्रक्रिया 30 दिसंबर से शुरू होनी थी। चुनाव रद्द होने से सबसे अधिक प्रभावित पहले चरण में उतरे दावेदार हो रहे हैं। इन्होंने प्रचार प्रसार के लिए चुनावी सामग्री तक तैयार करा ली थी।

इस तरह जमा कराई गई थी जमानत राशि

जिला पंचायत सदस्य के लिए नामांकन के साथ जमानत राशि 8 हजार रुपए, जनपद के लिए 4 हजार और ग्राम पंचायत सरपंच के लिए 2 हजार तो पंच के लिए 400 रुपए जमा कराई गई थी। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी व महिलाओं ने निर्धारित रकम से आधी राशि यानी 200 रुपए जमा कराए थे।

अभी 6 महीने का समय है

राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव बीएस जामोद का कहना है कि हमने महीने भर में सभी उम्मीदवारों को राशि लौटाने के निर्देश दिए हैं। हालांकि इसके लिए 6 महीने का समय तय है। इस दौरान उम्मीदवार जमानत राशि वापस ले सकते हैं।

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