MP में निसंतानता का फ्री में होगा इलाज … भोपाल-इंदौर समेत 6 मेडिकल कॉलेजों में खुलेंगे IVF सेंटर, प्राइवेट में 2 से 5 लाख तक का खर्चा

मध्यप्रदेश के 6 मेडिकल कॉलेज में IVF (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) सेंटर शुरू किए जाएंगे। यहां फ्री में निसंतानता का इलाज होगा। प्राइवेट में इसका खर्च 2 से 5 लाख रुपए तक आता है। इंदौर जिला अस्पताल की तत्कालीन स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. गौरी राय ने 6 साल पहले हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। हालांकि, उस वक्त डॉ. गौरी के स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ होने के कारण हाईकोर्ट ने याचिका स्वीकार करने के बजाए राज्य सरकार को इस दिशा में कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इस फैसले के बाद डॉ. गौरी ने इसे आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की निसंतान महिलाओं के लिए अच्छा कदम बताया है।

निजी IVF सेंटर्स में इलाज महंगा
डॉक्टरों की मानें तो निजी सेंटर्स में IVF का इलाज कराने पर दो से पांच लाख रुपए तक का खर्च आता है। सरकारी मेडिकल कॉलेजों में इलाज कराने पर मुफ्त में निसंतानता का इलाज हो सकेगा। भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा और सागर के मेडिकल कॉलेजों में यह क्लिनिक शुरू किए जाएंगे। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के निर्देश पर यहां IVF क्लीनिक खोलने की तैयारियां शुरू हो गई है।

क्या है IVF?
ऐसी महिलाएं, जिनकी गर्भाशय (ट्यूब) की नसों में रुकावट होती है, वे गर्भाशय में अंडे के साथ पुरुष के शुक्राणु को निषेचित नहीं कर पाती हैं। इन महिलाओं के अंडे और पुरुषों के शुक्राणुओं को एक परखनली में निषेचित किया जाता है। जब भ्रूण तैयार हो जाता है, तो उसे महिला के गर्भाशय में डाल दिया जाता है, जिसके बाद महिला गर्भधारण करती है और बच्चे को जन्म देती है।

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