स्वास्थ्य मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि हम राज्य में 10 नये मेडिकल कॉलेज खोलने की तैयारी कर रहे हैं. हम सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के आधार पर भी मेडिकल कॉलेज खोलने पर विचार कर रहे हैं.
मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग (Medical Education Minister Vishwas Sarang) एमजीएम मेडिकल कॉलेज के एमवाय सहित अन्य अस्पतालों की स्वास्थ्य सुविधाएं चेक करने के लिए बुधवार को इंदौर पहुंचे थे. यहां पत्रकारों से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि राज्य सरकार डॉक्टरों की पूरी उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 10 नए मेडिकल कॉलेज खोलने की योजना पर काम कर रही है. अपने विभाग की गतिविधियों की समीक्षा के लिए इंदौर आए स्वास्थ्य मंत्री ने बताया, ‘हम राज्य में 10 नये मेडिकल कॉलेज खोलने की तैयारी कर रहे हैं. हम सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के आधार पर भी मेडिकल कॉलेज खोलने पर विचार कर रहे हैं.’
विश्वास सारंग ने बताया कि प्रदेश को केंद्र सरकार की ओर से पांच आयातित जीनोम सीक्वेंसिंग मशीनें मिलने वाली हैं और ऐसी चार मशीनें प्रदेश सरकार खुद खरीदेगी. उन्होंने बताया, इन मशीनों को राज्य के अलग-अलग मेडिकल कॉलेजों में स्थापित किया जाएगा. सारंग ने यह भी बताया कि राज्य सरकार जल्द ही ‘मरीज मित्र योजना’ शुरू करेगी. जिसके तहत इच्छुक लोग अस्पतालों में स्वयंसेवकों के रूप में काम करते हुए रोगियों और उनके तीमारदारों की यथासंभव मदद कर सकेंगे.
एमवाय अस्पताल में सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी
इस बीच, चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने इंदौर के शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय में ओपीडी और अकादमिक ब्लॉक के नये भवनों के निर्माण की नींव रखी और नवीन स्नातकोत्तर विभाग भवन का लोकार्पण किया. उन्होंने घोषणा की, कि राज्य में सरकारी क्षेत्र के इस इकलौते दंत चिकित्सा महाविद्यालय में बीडीएस की सीटों की संख्या 63 से बढ़ाकर 100 की जाएगी. इसके साथ ही, एमडीएस की 27 सीटों को दोगुना बढ़ाकर 54 किया जाएगा.
अधूरे प्रोजेक्ट पर जताई नाराजगी
एमजीएम मेडिकल कॉलेज की सामान्य परिषद की बैठक में मंत्री ने कॉलेज के अधूरे पड़े प्रोजेक्ट और अस्पतालों में बंद पड़ी मशीनों को लेकर नाराजगी जताई. उन्होंने कुछ डॉक्टरों से कहा कि वो इंटरनेट मीडिया पर तो अपडेट रहते हैं लेकिन उनका काम मैदान में नजर नहीं आता. कुछ डाक्टर हैं जो कुछ खास लोगों के फोन ही उठाते हैं, यह ठीक नहीं है. सारंग ने अध्ययन अवकाश पर जाने वाले डॉक्टरों को लेकर कहा कि यह देखना चाहिए कि उनके द्वारा अर्जित नई डिग्री से कॉलेज को क्या फायदा मिल रहा है. मंत्री ने मेडिकल कॉलेज के अधीन बन रहे ऑडिटोरियम के काम को लेकर भी नाराजगी जताई है.