ग्वालियर में नगरनिगम को करनी है 200 करोड़ संपित्तकर की वसूली, अभी तक 55 करोड़ 61 लाख की जमा करवा पाया
संपत्तिकर की वसूली का लक्ष्य 200 करोड़ रखा गया था। लेकिन अभी तक मात्र 55 करोड़ 61 लाख के आसपास ही संपत्तिकर वसूली की जा
ग्वालियर. । नगर निगम की आय का मुख्य स्रोत संपत्तिकर की वसूली का लक्ष्य 200 करोड़ रखा गया था। लेकिन अभी तक मात्र 55 करोड़ 61 लाख के आसपास ही संपत्तिकर वसूली की जा सकी है। अधिकारी संपत्तिकर की वसूली जनवरी से मार्च माह के बीच ही करते हैं इसके कारण यह टारगेट कभी पूरा नहीं हो पाता है।
शहर में करीब तीन लाख के आसपास संपत्तियां हैं, लेकिन नगर निगम के खाते में मात्र डेढ़ लाख के आसपास नामांकित हैं। करीब एक लाख लोग ऐसे हैं जो भूमि या भवन के मालिक हैं लेकिन वह संपत्ति कर अदा नहीं करते हैं। नगर निगम ऐसे संपत्ति कर ना देने वाले लोगों के खिलाफ भी कोई सख्त कार्रवाई नहीं करती है ।
संपत्तिकर के मुख्य बिंदु
-अभी तक 78984 संपत्तिकरदाताओं ने कर जमा किया।
-राज्य शासन की 25 हजार सम्पत्तियां
-एक लाख अवैध सम्पत्तियां, जिनसे निगम को कोई भी कर नहीं मिल रहा।
वसूली बढ़ाने करना होगी ये मशक्कत
-कॉलोनी वैध हो चाहे अवैध सभी से हो वसूली
-हर महीने पंजीकृत होने वाली सम्पत्तियों पर नजर
इन पर है वसूली की जिम्मेदारी
(एपीएस भदौरिया उपायुक्त सम्पत्तिकर)
किस विधानसभा में कितना बकाया
-ग्वालियर पूर्व विधानसभा
अभी तक 26 करोड़ 76 की वसूली
ग्रामीण विधानसभा
8 करोड़ 92 लाख
ग्वालियर विधानसभा
-अभी तक 8 करोड़ 40 लाख
ग्वालियर दक्षिण विधानसभा
-अभी तक 11 करोड़ 53 लाख
अपर आयुक्त करते है निगरानी
-ग्वालियर पूर्व विधानसभा- आरके श्रीवास्तव
-ग्रामीण विधानसभा- संजय मेहता
-ग्वालियर दक्षिण विधानसभा-मुकुल गुप्ता
-ग्वालियर विधानसभा-अतेन्द्र गुर्जर
कुल वार्ड-66
-हर वार्ड में एक-एक कर संग्रहक तैनात है।
-साथ ही 12 एपीटीओं की तैनाती है।
यह रहा वसूली का गणित
संपत्ति कर वसूली के आंकड़े
– साल 2015 -16 मिला लक्ष्य-438269778
वसूली -233032611
– साल 2017 -18 मिला लक्ष्य – 852855089
वसूली – 517923652
– साल 2019 – 20 मिला लक्ष्य – 75000000
वसूली – 579459053
-2020-2021 मिला 104 करोड़ रुपए
वसूली 55 करोड़
-2021-2022- मिला लक्ष्य 200
वसूली-55 करोड़ 61 लाख
प्राइवेट लोग करते हैं वसूली
क्षेत्रीय कार्यालय क्रमांक एक पर सनसनी खेज मामला उभरा था। जिसमें 65 लाख की वसूली कर संग्रहकों ने बाहरी तत्वों से करा ली थी। इन तत्वों को टैबलेट ऑपरेट करने के लिए अपने हिसाब से करसंग्रहक बगल बैठा लेते है फिर यही तत्व घर-घर जाकर वसूली करके पैसा अपने पास रखते है। इस कांड में छह कर संग्रहक निलंबित हुए थे तब अपनी नौकरी बचाने के लिए इन्हें अपनी जेब से 65 लाख की राशि निगम कोष में जमा करवाना पड़ी थी।
इनसे नहीं होती वसूली
नारकोटिक्स, एलएनआईपीई, रेलवे, ट्रिपल आईटीएम जैसे संस्थान शामिल हैं। सेना के किसी संस्थान से किसी प्रकार की कोई वसूली नहीं की जाती। रेलवे पर नगर निगम का 12 करोड़ रुपए से अधिक बकाया है।