प्रतापगढ़ …नए निर्देश:जिन कॉलेजों के पास भूमि, भवन व योग्यताधारी लेक्चरर नहीं, उनके लिए सरकार की रुपए दो एनओसी लो अस्थाई योजना

  • 2023-24 से स्थाई एनओसी के मापदंड करने होंगे पूरे, नहीं तो निरस्त की कार्रवाई

प्रदेश के जिन निजी कॉलेजों के पास भूमि, भवन व योग्यताधारी व्याख्याता नहीं है। उन्हें राहत देेते हुए सरकार ने योजना चलाई है रुपए दो, अस्थाई एनओसी लो। तय मापदंड पूरे नहीं कर पा रहे कॉलेजों को आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा निजी महाविद्यालय नीति में संशोधन करते सरकार अस्थाई अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी करेगी। इसके लिए वर्ष के हिसाब से पेनल्टी तय की है।

यानी अभी पेनल्टी भरकर यह कॉलेज बंद होने से बच सकते है। हालांकि 2023-24 में उन्हें मापदंड पूरे करने होंगे, ऐसा नहीं होने पर क्रमिक रूप से निरस्त कर कार्रवाई की जाएगी। इसी प्रकार इससे ज्यादा देरी करने पर हर साल 50 हजार रुपए बढ़ाते हुए पेनल्टी जमा करानी होगी।

कॉलेज नीति 2021-22 में था तय, नए एडमिशन नहीं हाेंगे

निजी महाविद्यालय शिक्षा नीति 2021-22 के बिन्दु संख्या 31.2.4 अनुसार शिक्षा सत्र 2011-12 एवं इसके पूर्व से संचालित अस्थाई अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त निजी महाविद्यालय यदि स्थाई अनापत्ति प्रमाण-पत्र के मापदंड पूर्ण नहीं करते है तो सत्र 2021-22 से अनापत्ति प्रमाण-पत्र क्रमिक रूप से निरस्त कर दिया जाएगा। अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त नहीं करने पर कॉलेज में नवीन प्रवेश नहीं दिया जा सकेगा।​​​​​​​

स्थाई एनओसी के लिए जरूरी नियम

प्रथम तीन सत्र और फिर दो सत्र तक अस्थाई एनओसी लेकर विधिवत संचालन के साथ ही संबंधित कॉलेज संचालक को भूमि, भवन, यूजीसी नार्म्स अनुसार व्याख्याता, विद्यार्थियों के लिए आवश्यक सुविधा, औसत परिणाम 60 प्रतिशत, पुस्तकालय, प्रयोगशाला सहित अन्य औपचारिकताएं पूर्ण करनी होती है।

यह है समस्या : निजी महाविद्यालयों को स्थाई एनओसी के लिए भौतिक सुविधाएं तो उपलब्ध हो जाती है, लेकिन यूजीसी नार्म्स अनुसार योग्यताधारी स्टाफ उपलब्धता में परेशानी रहती है। विशेष रूप से वागड़ अंचल में योग्यताधारी स्टाफ को लेकर समस्या अधिक रहती है। यहां करीब 40 महाविद्यालय अब भी अस्थाई एनओसी प्राप्त हैं।​​​​​​​

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