नलकूप खनन घोटाले में हाई कोर्ट का अहम आदेश …. तत्कालीन कार्यपालन यंत्री, बाबू और ठेकेदार को भी सजा, 4 आरोपियों की अपील खारिज की
बहुचर्चित नलकूप खनन घोटाले में लोकायुक्त को बड़ी सफलता मिली है। हाई कोर्ट ने लोकायुक्त की अपील स्वीकार की और तत्कालीन कार्यपालन यंत्री आरएन करैया, कर्मचारी हरी सिंह खैरवार और ठेकेदार कमल किशोर पुनियानी को बरी करने के आदेश को निरस्त कर दिया।
इसके साथ ही हाई कोर्ट ने 29 जुलाई 2011 को दिए ट्रायल कोर्ट के आदेश को सही ठहराया, जिसमें तत्कालीन असिस्टेंट इंजीनियर अजय पांडवीय, तत्कालीन सब-इंजीनियर नरेंद्र सिंह भदौरिया, केके श्रीवास्तव व आरबी श्रीवास्तव को इस घोटाले के लिए दोषी मानते हुए सजा दी थी। कोर्ट ने आरएन करैया, हरी सिंह खैरवार और कमल किशोर पुनियानी को 31 मार्च तक सरेंडर करने का निर्देश दिया है।
किसे, कितनी सजा
- अजय पांडवीय – 6 माह सजा, 20 हजार जुर्माना
- नरेंद्र भदौरिया- 2 साल सजा, 35000 जुर्माना
- केके श्रीवास्तव – 6 माह सजा, 20000 जुर्माना
- आरबी श्रीवास्तव- 6 माह सजा, 20000 जुर्माना
- आरएन करैया- 6 माह सजा, 20000 जुर्माना
- हरी सिंह खैरवार- 6 माह सजा, 20000 जुर्माना
- कमल किशोर पुनियानी – 2 साल की जेल और 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया।
ट्रायल कोर्ट ने घोटाला 9940 रु. का माना, हाई कोर्ट ने 1.75 करोड़ का
सुधीर सिंह निवासी तानसेन नगर ने मामले की शिकायत दर्ज कराई। इसकी जांच लोकायुक्त के इंस्पेक्टर वीरेंद्र सिंह तोमर और अनिल कुमार अग्रवाल ने की। जांच में सामने आया कि वार्ड-9 स्थित रंगियाना कालोनी, चार शहर का नाका में पानी की किल्लत के कारण सबमर्सिबल पंप हटाकर हैंडपंप लगाने की बात कही गई। काम की कुल लागत 9940 बताई गई। ट्रायल कोर्ट ने इसी के आधार पर सजा दी। लेकिन हाई कोर्ट ने माना कि ऐसे कामों की कुल 1500 फाइल तैयार की गई, जिसमें लगभग 1.75 करोड़ के भुगतान की तैयारी की गई थी।