10 दिनों बाद भी नहीं थमी बमबारी … जिंदा रहने के लिए पड़ोसी देशों का सहारा; थक हारकर शरणार्थी बन रहे यूक्रेन के लोग
यूक्रेन पर रूस के आक्रामण को दस दिन हो चुके हैं। यूक्रेन के शहरों पर भीषण बमबारी कर रही है। बसे बसाए कई खूबसूरत शहर खंडहरों में तब्दील हो गए हैं। रिहायशी इलाक़े, स्कूल हो या प्रशासनिक इमारत हर जगह खतरा ही खतरा है। इस वजह से यूक्रेन के लोग जान बचाकर अपने पश्चिमी पड़ोसी देशों की तरफ़ भाग रहे हैं।
लोगों को भागने के लिए जो रास्ता मिल रहा है अपना रहे हैं। कुछ लोग कारों से सीमा की तरफ़ बढ़ रहे हैं तो कुछ पैदल ही चल रहे हैं। यूक्रेन से पश्चिमी देशों की तरफ़ जाने वाली ट्रेनें खचाखच भरी हैं और लोगों को बैठने की जगह बमुश्किल ही मिल पा रही है। घर छोड़कर जा रहे लोगों के शरीर थकें हुए हैं, चेहरा उदास है और आंखों में आंसू हैं। रूस के आक्रामण ने युक्रेन के लोगों की जिंदगी को अचानक बदल दिया है।
लोगों को भागने के लिए जो रास्ता मिल रहा है वही अपना रहे हैं। कुछ लोग कारों से सीमा की तरफ़ बढ़ रहे हैं तो कुछ पैदल ही चले जा रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक अब तक दस लाख से अधिक लोग यूक्रेन छोड़कर जा चुके हैं। फोटो में भागते हुए एक बच्चे को सीमा पार कराता वोलेंटियर ।
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद शुक्रवार को साइरेट रोमानिया में सीमा पार पर , रोमानिया के लिए जाती महिला शरणार्थी अपने बच्चे को बास्केट में ले जाती हुई।
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक देश छोड़ कर जा रहे लोगों में आधे से अधिक बच्चे हैं। थक चुके बच्चे को गले लगाकर हिम्मत देते हुए एक महिला। संभवत: ये महिला बच्चे की मां है।
यूक्रेन में इस समय भीषण सर्दी पड़ रही है। इसकी वजह से देश छोड़कर भाग रहे लोगों के लिए हालात और भी मुश्किल हो गए हैं।
इन बच्चों को शायद नहीं पता कि उनका अपना देश पीछे छूट रहा है और उन्हें एक नए ठिकाने पर अपना भविष्य बनाना होगा।
पोलैंड के अलावा यूक्रेन के लोग हंगरी, रोमानिया और मोल्दोवा भी बड़ी तादाद में जा रहे हैं। इन देशों ने शरणार्थियों के ठहरने के लिए इंतेज़ाम किए हैं।
जिस रफ़्तार से लोग देश छोड़ रहे हैं ये परिस्थिति इस सदी में यूरोप का सबसे बड़ा शरणार्थी संकट पैदा कर सकती है।
भाग रहे शरणार्थियों में खाने का संकट भी बढ़ता जा रहा है। फोटो में रेलवे स्टेशन पर भागने के बाद शरणार्थी एक भोजन साझा करते हुए।