यह है ग्वालियर की सड़कों का हाल…. जर्जर, टूटी सड़कें व उड़ती धूल सांस लेना हो रहा दूभर

शहर के थीम रोड, किलागेट रोड और उससे लगी गलियों की टूटी सड़कों से लोगों को आवाजाही में दिक्कत तो हो रही है। इनसे गाड़ी गुजरने के दौरान उड़ती धूल में लोगों को सांस लेना मुश्किल…

ग्वालियर. शहर के थीम रोड, किलागेट रोड और उससे लगी गलियों की टूटी सड़कों से लोगों को आवाजाही में दिक्कत तो हो रही है। इनसे गाड़ी गुजरने के दौरान उड़ती धूल में लोगों को सांस लेना मुश्किल हो रहा हैं। इन सड़कों के किनारे दुकानों से लेकर अंदर गलियों में बने मकानों और गुजरने वाले वाहन सीधे तौर पर प्रभावित हो रहे हैं। इन टूटी, जर्जर, बदहाल और धूलभरी सड़कों के किनारे करीब 30 हजार से अधिक मकान बने हुए हैं। वहीं दो सप्ताह से धूल के चलते मरीजों की संख्या में भी 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
शहर के स्मार्ट रोड, सेवा नगर, जेल रोड व शब्द प्रताप आश्रम रोड से हर दिन हजारों वाहन गुजर रहे हैं। सड़क जर्जर, टूटी व बहदाल होने के चलते यहां दिनभर धूल उड़ती रहती हैं। यह धूल घर के वाहनों पर साफ करते ही जम जाती है और घर के आंगन में भी धूल ही धूल नजर आती है। सोचिए ऐसे में अस्थमा दमा व सांस के मरीजों की क्या स्थिति होती होगी। स्मार्ट रोड पर रहने वाले राजेश कुशवाह का कहना है कि कंपू व कटोराताल पर रोड खोदने के बाद समय पर नहीं बनने से लगातार उड़ती धूल ने लोगों को बहुत परेशान कर दिया है। कई बार स्मार्ट सिटी, निगम, कलेक्टर व संबंधित एजेसी को शिकायत की जा चुकी है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ है। हालांकि माधवराव सिंधिया की जयंती को लेकर आनन-फानन में स्मार्ट सिटी द्वारा महलगेट से मांढरे की माता तक की रोड को बना दिया है, लेकिन कंपू थाने से बस स्टैंड तक काफी धूल उड़ रही है। फूलबाग से किलागेट की ओर जाने वाली सड़क के किनारे रहने वाले रिटायर्ड कर्मचारी राघवेंद्र शर्मा का कहना है कि यहां पर सीवेज व पानी की लाइन डालने के लिए कई बार सड़क को खोदा गया। इससे यह सड़क और अधिक खराब हो गई हैं। यहां अभी डिवाइडर व नाला निर्माण का कार्य चल रहा है। हालांकि बीते दो साल से सड़क पर उड़ रही धूल से लोगोंं का जीना मुहाल हो गया है।
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यह है ग्वालियर की सड़कों का हाल…. जर्जर, टूटी सड़कें व उड़ती धूल सांस लेना हो रहा दूभर
यह है सड़कों की स्थिति
स्मार्ट रोड : स्मार्ट सिटी द्वारा 300 करोड़ की लागत से स्मार्ट रोड बनाया जा रहा है, लेकिन वर्तमान में सबसे अधिक खराब हालत इसी रोड की है। इस रोड पर प्रतिदिन 30 हजार से अधिक वाहन गुजरते हैं। स्मार्ट रोड का कार्य धीमी गति से चलने व जर्जर सड़क होने से लगातार धूल उड़ रही है। हालांकि सिंधिया के सख्त निर्देश के बाद महलगेट से मांढरे की माता तक सड़क को बना दिया गया है।
सेवानगर रोड : बीते तीन सालों से फूलबाग से किलागेट तक की सड़क जर्जर, बदहाल व धूलभरी पड़ी हुई है। इस सड़क को बनाने की मांग लंबे समय से की जाती रही है। हालांकि अभी यहां पर डिवाइडर व नाले बनाए जाने का कार्य जारी हैं, लेकिन उड़ रही धूल से स्थानीय लोग व आमजन खासे परेशान हैं।
निगम की 71 सड़कें पड़ी हैं बदहाल
निगम सीमा की 94 किमी की 71 सड़कें वर्तमान में जर्जर, बदहाल व खुदी पड़ी हुई हैं। इनमें से अधिकतर सड़कों को अमृत योजना के तहत पानी व सीवेज की लाइन बिछाने के दौरान खोदा गया और खोदने के बाद इन सड़कों का निर्माण कार्य साढ़े तीन साल बाद भी नहीं करवाया गया, इससे यह और जर्जर हो गई हैं। अमृत योजना के जिम्मेदारों का कहना है कि अभी करीब 20 किमी से अधिक की सड़कें खुदी पड़ी हैं और कुछ सड़कों पर रेस्टोरेशन का कार्य चल रहा है, जबकि जर्जर व बदहाल सड़क पर रेस्टोरेशन का कार्य भी दिखावे की तरह ही किया जा रहा है। स्थिति यह है कि कई जगह पर काम शुरू होता है तो कई जगह आधी अधूरे पर बंद कर दिया जाता हैं। खुदाई वाले हिस्से में बार-बार गिट्टी के बड़े,छोटे-छोटे टुकड़े डालकर इतिश्री कर ली जाती है।
धूल की यह है मुख्य वजह
– शहर की अधिकतर सड़कें जर्जर, बदहाल व खुदी हुई पड़ी हुई हैं।
– भवन निर्माण संबंधी कार्य बिना ढके ही किए जाना।
– वाहन से निकलने वाला धुआं व मिट्टी के छोटे-छोटे कण।
– जगह-जगह लगे कचरे व मलबे के ढेर।
यह सड़कें पड़ी हैं जर्जर-बदहाल
गैंडेवाली सड़क,जीवाजी गंज, जेल रोड, शब्द प्रताप आश्रम, बहोड़ापुर, जनकगंज अस्पताल, लाला का बाजार, मामा का बाजार, नाग देवता मंदिर के पास, सिटी सेंटर रोड, मुरार थाटीपुर रोड, थीम रोड, सेवा नगर, किलागेट रोड,खेरापति रोड, सगारताल रोड, जेल रोड, रोशनी घर रोड, मुक्तिधाम रोड व एबी रोड सहित अन्य स्थानों पर भी सड़कें जर्जर व बदहाल स्थिति में है।
अस्थमा सहित कई बीमारियों की आ रही शिकायतें
धूल का लेवल अधिक बढऩे से बच्चों व बुर्जुगों को सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन, गले में दर्द, खासी, एलर्जी, दमा व अस्थमा सहित अन्य बीमारियों की शिकायत अधिक आ रही है। बीते दो सप्ताह से 15 से 20 प्रतिशत तक धूल से पीडि़त लोग इलाज के लिए आ रहे हैं। धूल से बचने के लिए मास्क लगाकर रहने के साथ ही धूलभरी जगह पर जाने से बचना चाहिए और धूल वाले स्थान पर अधिक समय तक सांस नहीं लेना चाहिए।
डॉ अजय पाल, चिकित्सक जेएएच

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