भोपाल में 6 संदिग्ध आतंकी पकड़ाए …
- ATS ने ऐशबाग में आधी रात को छापा मारकर दो आतंकी पकड़े, उनकी निशानदेही पर करोंद से 4 की गिरफ्तारी…
- पकड़े गए आतंकियों के पास से विवादित किताबें और लैपटॉप बरामद
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से ATS ने 6 संदिग्ध आतंकियों को पकड़ा है। इनमें से दो आतंकी ऐशबाग इलाके की फातिमा मस्जिद के पास किराए से रह रहे थे। इनकी निशानदेही पर करोंद इलाके की खातिजा मस्जिद के करीब एक घर में रह रहे चार लोगों को पकड़ा गया। पकड़े गए लोगों के पास से विवादित किताबें और लैपटाॅप मिले हैं। खुफिया एजेंसी इनसे पूछताछ कर रही है।
मध्य प्रदेश ATS को सूचना मिली थी कि भोपाल में कुछ आतंकी छिपे हुए हैं। पड़ताल के बाद शनिवार देर रात 3:30 बजे पुलिस ऐशबाग पहुंची और एक बिल्डिंग में छापा मारा। यहां से दो लोगों को पकड़ा गया।
रात 3:30 बजे इलाके में लग गई भीड़
मकान मालकिन नायाब जहां ने बताया कि रात करीब 3.30 बजे होंगे। हम लोग ऊपर कमरे में सो रहे थे। तभी अचानक चलो-चलो की आवाजें आने लगीं। किराएदारों के कमरों में हंगामा तो बाहर निकलकर देखा। घर के सामने भीड़ लगी थी। मुझे देखते ही पुलिस ने कहा- आप अंदर जाओ। मैंने पूछा- बताओ, हुआ क्या है? पुलिस ने कहा- अंदर जाइए। पानी पीजिए। कुछ नहीं हुआ।
कम्प्यूटर मैकेनिक ने दिलवाया था मकान
मकान मालिक नायाब जहां ने बताया कि इलाके में रहने वाला सलमान कम्प्यूटर मैकेनिक है। करीब तीन महीने पहले उसने अपने परिचित अहमद के लिए मकान किराए पर मांगा। सलमान ने बताया कि अहमद आलिम (धार्मिक शिक्षा) की पढ़ाई कर रहा है। मकान खाली था, इसलिए उसके कहने पर साढ़े तीन हजार रुपए महीने पर मकान दे दिया। अहमद ने किराया हमेशा कैश ही दिया।
पड़ोसी बोले- डेढ़ साल से रह रहे थे युवक
पड़ोस में रहने वाली शाहिदा ने बताया कि दोनों संदिग्ध आतंकी करीब डेढ़ साल से नायाब जहां के मकान में रह रहे थे। उन्होंने बताया कि इसी मकान के नजदीक ही एक लड़की भी किराए से रहती थी। संदिग्ध आतंकी इस लड़की को सूखा राशन देते थे। वह इन्हें खाना पका कर देती थी। हालांकि वह 11 महीने पहले मकान खाली करके जा चुकी है।
आधार कार्ड मांगा तो बहाने बनाने लगा
मकान मालकिन नायाब जहां के मुताबिक, अहमद ने मकान अकेले रहने के लिए किराए पर लिया था। करीब दो सप्ताह बाद अहमद के साथ एक और लड़का रहने लगा। वह मुफ्ती साहब के नाम से मशहूर है। सभी उसे मुफ्ती साहब ही कहते थे।
मकान देने के करीब दो सप्ताह बाद अहमद से उसका आधार कार्ड मांगा था। इस पर अहमद ने दो सप्ताह बाद मकान खाली करने की बात कही। दो हफ्ते बाद मकान खाली नहीं होने पर दोबारा आधार मांगा, तब भी उसने आनाकानी कर दी।
सामने आ रहे विरोधाभासी बयान
इस मामले में मकान मालिक और पड़ोसियों के विरोधाभासी बयान सामने आ रहे हैं। मकान मालकिन नायाब जहां का कहना है कि दोनों संदिग्ध तीन महीने पहले रहने आए थे। वहीं, पड़ोसन का कहना है कि युवक सालभर से वहां रह रहे थे। पुलिस इस मामले की पड़ताल भी कर रही है।
शांत इलाकों को बनाते हैं ठिकाना
ये बात पहले भी सामने आ चुकी है कि आतंकी ऐसे इलाकों को ठिकाना बनाते हैं, जहां का इलाका शांत होता है। इसके पहले इंदौर, उज्जैन के पास महिदपुर और उन्हैल इलाके से भी सिमी आतंकियों के तार जुड़े थे। इंदौर के करीब जंगल में सिमी आतंकी हथियार चलाने की ट्रेनिंग लेते थे