भोपाल … पुलिस को भनक तक नहीं लगी और ATS दो घंटे में चारों बांग्लादेशी आतंकियों को उठा ले गई
भोपाल में आंतकी स्लीपर सेल की इनसाइड स्टोरी …
भोपाल के ऐशबाग और करोंद में चार गाड़ियों से आए ATS की 20 लोगों टीम 4 आतंकियों को उठा ले गई। इसकी स्थानीय पुलिस को कानों-कान खबर तक नहीं लगी। दो घंटों के अंदर ही ATS ने 4 आतंकियों को गिरफ्तार कर कार्रवाई की।
कार्रवाई के करीब 12 घंटे बाद एटीएस ने बड़ा खुलासा करते हुए पकड़े आरोपियों को बांग्लादेशी के आतंकवादियों की स्लीपर सेल के रूप में बताया। उनके पास से बड़ी मात्रा में जेहादी साहित्य और आतंकी गतिविधियों से जुड़ा सामान मिला है। सामान को ले जाने के लिए टीम को बोरों का उपयोग करना पड़ा। भोपाल में रहकर आतंकी ऊपर से आदेश मिलने के इंतजार में थे। तड़के तीन बजे के समय से लेकर कार्रवाई की सबसे पहले इनसाइड स्टोरी दैनिक भास्कर में पढ़िए…
इसलिए समय तीन बजे चुना
रविवार तड़के करीब 3 बजे एटीएस ने कार्रवाई शुरू की। करीब दो घंटे में आंतकियों को पकड़ने से लेकर मौके से सामान जब्त करने की पूरी कार्रवाई 5 बजे तक पूरी कर ली। जब तक लोग सोकर उठते टीम आरोपियों को लेकर इलाके से रवाना हो चुकी थी। एटीएस ने शहर के अलग-अलग इलाकों से चार आतंकियों को गिरफ्तार किया।
स्थानीय या किसी तरह का विरोध न हो इसलिए एटीएस ने तड़के 3 बजे का समय चुना। इस पूरी कार्रवाई में खास बात यह रही कि ATS ने इसकी भनक स्थानीय पुलिस तक को नहीं लगने दी। सिविल ड्रेस में पूरी कार्रवाई की गई। ATS ने आतंकियों से काफी मात्रा में संदिग्ध लिटरेचर और आतंकवादी गतिविधियों से जुड़ी सामग्री मिलने का दावा किया है। इसे बोरों में भरकर ले जाएगा।
ये आरोपी पकड़े
- फजहर अली (32) उर्फ मेहमूद पुत्र अशरफ इस्लाम
- मोहम्मद अकील (24) उर्फ अहमद पुत्र नूर अहमद शेख
- जहूरउद्दीन (28) उर्फ इब्राहिम उर्फ मिलोन पठान उर्फ जौहर अली पुत्र शाहिद पठान
- फजहर जैनुल आबदीन उर्फ अकरम अल हसन उर्फ हुसैन पुत्र अब्दुल रहमान
डेढ़ साल से रह रहे थे आतंकी
पुलिस की मानें तो पकड़े गए आतंकी डेढ़ साल से भोपाल में रह रहे थे। वह सिर्फ नमाज के लिए ही कमरे से बाहर निकलते थे। इसके अलावा, आतंकी पूरे समय मकान में रहते थे। वह किसी से मिलते-जुलते भी नहीं थे और न ही किसी से बातचीत करते थे। सभी आतंकी युवा हैं। उनकी उम्र 28 से 32 साल के बीच की है। ये यहां स्लीपर सेल के रूप में रह रहे थे। एटीएस की मानें, तो ये लोग बड़ी साजिश को अंजाम देने की नीयत से ठहरे थे। हालांकि यह किस तरह की घटना वारदात को अंजाम देने की नियत से रह रहे थे या उनके मकसद क्या थे। अब तक इसका एटीएस खुलासा नहीं कर सकी।
जेहादी साहित्य मिला
एटीएस ने बताया कि आरोपियों के पास से जेहादी साहित्य, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण व संदिग्ध दस्तावेज मिले हैं। आरोपियों के जमात-ए-मुजाहिदीन -बांग्लादेश (JMB) का सक्रिय सदस्य होना पता चला है। जमात-ए-मुजाहिदीन -बांग्लादेश (JMB) आतंकवादी संगठन है। वर्ष 2005 में बांग्लादेश के 50 शहरों व कस्बों के 300 स्थानों पर लगभग 500 छोटे बम विस्फोट किए गए थे।
साथ ही, बांग्लादेश में बड़े स्तर पर नरसंहार भी किया गया है। 2014 में भारत के पश्चिम बंगाल के वर्धमान में बम ब्लास्ट, जिसमें दो लोग मारे गए थे। 2018 में बोधगया में बम ब्लास्ट किया गया है। JMB के आतंकवादी घटनाओं के चलते वर्ष 2019 में भारत सरकार ने इसे 5 वर्ष के लिए प्रतिबंधित संगठन घोषित किया गया है। प्रतिबंध के पश्चात JMB के सदस्यों के द्वारा भारत के विभिन्न क्षेत्रों में स्लीपर सेल तैयार करने के प्रयास किए जा रहे हैं।