अब सिर फोड़ेंगी उमा भारती! …

CM से कहा– महिलाओं के सम्मान में शराब की बोतलें फोड़ीं; दिग्विजय बोले- जनता ऐसा करेगी तो आप बचाने आएंगी क्या…

पूर्व सीएम उमा भारती के शराब दुकान में घुसकर बोतलें तोड़ने के मामले में मध्यप्रदेश की राजनीति गरमा गई है। यह मुद्दा सोमवार को विधानसभा में भी गूंजा। पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि उमा भारती ने शिवराज सरकार की नीतियों पर पत्थर मारा है। इधर, उमा ने सीएम शिवराज को चिट्ठी लिखकर कहा कि मैंने महिलाओं के सम्मान की रक्षा के लिए पत्थर मारा है। कोई पुरुष यदि महिलाओं का अपमान करेगा, तो उसका सिर भी फोड़ दूंगी।

इधर, राज्यसभा सांसद और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा- उमा जी मैं आपकी बहादुरी की दाद देता हूं। यदि आम आदमी ऐसा करता, तो उस पर केस दर्ज हो जाता। ऐसे में आपसे प्रेरणा लेकर शराब दुकानों पर कोई पत्थर मारे तो फिर क्या आप उन्हें बचाने आएंगी?

उमा बोलीं- दुकान वाले को साइड में कर दिया था

मीडिया चैनल से उमा ने कहा कि ”मैं तो ऐसी ही प्रतिक्रिया देती हूं। चाहे गौमाता पर अत्याचार हो या महिलाओं पर अत्याचार। वह तो अच्छा हुआ कि शराब की बोतलें थीं, लेकिन महिलाओं का अपमान यदि कोई पुरुष भी करेगा, तो मैं उसका भी सिर फोड़ दूंगी।’ मैंने पत्थर मारने से पहले दुकान पर काम करने वालों को साइड में कर दिया था। प्रशासन को एक हफ्ते का समय दिया है। उस शराब दुकान को तो हटाना ही होगा।

पूर्व मंत्री के सवाल पर CM की चुप्पी

विधानसभा में जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से पूछा कि मामले में क्या कार्रवाई की जा रही रही है? उन्होंने कहा कि उमा भारती ने शिवराज सरकार की नीति पर पत्थर फेंका है। इसे लेकर सदन में सीएम शिवराज ने जवाब नहीं दिया।

कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने CM शिवराज से कहा कि आप अपनी दीदी को संभालिए। वहीं, पूर्व सीएम कमलनाथ ने छिंदवाड़ा में कहा कि इसमें क्या खराबी है। हालांकि, इस मामले में सत्ता पक्ष ने ये कहते हुए किनारा कर लिया कि ये उनका निजी मामला है।

उमा ने शिवराज को लिखी चिट्‌ठी

पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने सोमवार को CM शिवराज सिंह चौहान को चिट्ठी लिखकर मामले में सफाई दी। उन्होंने लिखा कि 13 मार्च को महिलाओं के आग्रह पर आजाद नगर में शराब की दुकान देखने गई। वहां महिलाओं से जानकारी मिली कि यह मजदूरों की बस्ती है। यहां मंदिर है, स्कूल है। वे तीन साल से शराब दुकान को बंद करने लिए धरने, प्रदर्शन कर रही हैं। प्रशासन आश्वासन देता है लेकिन दुकानें बंद नहीं होती। मैं उस दुकान को देखकर वापस मुड़ी। कहा कि शासन से बात करूंगी।

इस दौरान अचानक से कुछ महिलाओं ने रोते हुए बताया कि यहां शराब दुकान के पीछे के रहवासी परिवारों की महिलाओं व बच्चियां परेशान हैं। शराबी उनकी ओर खड़े होकर पेशाब करते हैं। मैं एक महिला हूं। रोती महिलाओं के सम्मान की रक्षा में मैंने पूरी ताकत से एक पत्थर शराब की बोतलों पर दे मारा है, क्योंकि वह दुकानें नियम विरुद्ध जगह है। वह पत्थर प्रदेश की स्त्रियों व बच्चियों के सम्मान के लिए है। मेरी प्रतिक्रिया स्वाभाविक थी।

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