राजस्थान में 8वीं पास कर रहे कोरोना का इलाज … किसी ने इंजेक्शन लगाते ही दम तोड़ा, किसी की ड्रिप लगने के बाद मौत; जानलेवा इलाज की पड़ताल
दौसा की बबीता बैरवा (21) शादी के बाद अपने पीहर घरवालों से मिलने आई थी। उसे नॉर्मल खांसी जुकाम था। पास ही के एक क्लिनिक पर दिखाने गई तो झोलाछाप ने उसे 2 इंजेक्शन लगाए। महज 5 मिनट बाद ही विवाहिता ने तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया।
इसी तरह डूंगरपुर के चौरासी में एक महिला और उसके तीन बच्चों को तेज बुखार था। आनन-फानन में परिवार वाले उसे झोलाछाप के पास ले गए। झोलाछाप ने महिला को ड्रिप चढ़ाई और तीनों बच्चों को इंजेक्शन लगाकर घर भेज दिया। घर पहुंचने से पहले ही बीच रास्ते महिला की तड़पकर मौत हो गई।
ये दोनों मामले इलाज के नाम पर मौत बांटने वाले झोलाछाप के कारनामों को बयां कर रहे हैं। राजस्थान में न जाने कितने लोग इनके इलाज से जान गंवा चुके हैं। ये झोलाछाप कोरोना जैसी घातक महामारी का इलाज करने से भी नहीं चूकते। इनका एक बड़ा रैकेट पूरे राजस्थान में काम कर रहा है। फर्जी क्लिनिक के खिलाफ नियमित कार्रवाई नहीं होने के कारण इनका जाल फैलता जा रहा है।
दो साल पहले डूंगरपुर में ऐसे झोलाछाप के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया गया था। इसमें करीब 100 झोलाछाप पकड़े गए थे। इनमें से अधिकतर 8वीं पास थे, लेकिन इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग ने कोई सबक नहीं सीखा।
जयपुर में 400 से ज्यादा झोलाछाप कर रहे इलाज
आज भी अकेले जयपुर में 400 से ज्यादा झोलाछाप मौत की दुकान चला रहे हैं। दैनिक भास्कर की टीम ने जयपुर के चार इलाकों में स्टिंग ऑपरेशन किया तो कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं। जयपुर में ही ऐसे कई 8वीं और 12वीं पास झोलाछाप बिना जांच लोगों को दवाइयां दे रहे हैं। इंजेक्शन तक लगा रहे हैं। हैरानी की बात है कि इन्होंने स्वस्थ रिपोर्टर को बिना कोई जांच किए कोरोना की दवा दे दी। पैरासिटामॉल, डोलो-650 और खांसी की सीरप देकर 500 से 800 रुपए वसूले। इस बार संडे बिग स्टोरी में झोलाछाप की पोल खोलता स्टिंग ऑपरेशन…