डीजल-पेट्रोल के बाद बिजली भी महंगी … सबसे अधिक भार घरेलू उपभोक्ताओं पर …

MP में बिजली की दरें 2.64% बढ़ी; सबसे अधिक भार घरेलू उपभोक्ताओं पर….

डीजल-पेट्रोल के बाद अब प्रदेश के उपभोक्ताओं को महंगी बिजली का झटका लगा है। मप्र नियामक आयोग ने बिजली की दरों में 2.64% की बढ़ोतरी करने का आदेश दिया है। नई दरें 8 अप्रैल से लागू हाे जाएंगी। महंगी बिजली का सबसे अधिक भार घरेलू उपभोक्ताओं पर डाला गया है। हालांकि, औद्योगिक बिजली की दरें भी बढ़ाई गई हैं।

मप्र नियामक आयोग ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए गुरुवार को बिजली की नई दरें जारी कर दी है। प्रदेश की तीनों बिजली कंपनियों ने नए वित्तीय वर्ष के लिए कुल 48 हजार 874 करोड़ रुपए की जरूरत बताई थी। मौजूदा दर पर 3 हजार 916 रुपए का अंतर आ रहा था। इसकी भरपाई के लिए बिजली कंपनियों ने 8.71 प्रतिशत की बढ़ोतरी की याचिका लगाई थी। इसके अलावा कंपनियों की ओर से वित्तीय वर्ष 2020-21 की 4982 करोड़ रुपए के दावे की सत्यापन याचिका अलग से पेश की गई थी, पर आयोग ने जांच के बाद 226 करोड़ रुपए ही मान्य किए।

आयोग ने 1181 करोड़ रुपए के अंतर को ही मान्य किया

मप्र नियामक आयोग ने आपत्तियों की सुनवाई के बाद वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 45 हजार 971 करोड़ रुपए की जरूरत ही स्वीकार की है। इसमें 2020-21 की सत्यापन याचिका की स्वीकृत राशि 221 करोड़ रुपए भी शामिल है। मौजूदा बिजली दर पर कंपनियों को 1181 करोड़ रुपए कम मिलते। इसकी भरपाई के लिए नियामक आयोग ने बिजली की दरों में 2.64 प्रतिशत की बढ़ोतरी को मंजूरी दी है।

हरित ऊर्जा की बिजली जलाने पर 1.13 रुपए अतिरिक्त लगेंगे

मप्र नियामक आयोग ने पहली बार टैरिफ याचिका में हरित ऊर्जा की दर अलग से निर्धारित की है। मतलब आप ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देना चाहते हैं तो आपको अपनी श्रेणी के तय रेट के अलावा प्रति यूनिट 1.13 रुपए अतिरिक्त देने होंगे। ऐसे उपभोक्ता को अपनी पूरी खपत ग्रीन एनर्जी से करनी होगी। बिजली कंपनियां ग्रीन एनर्जी प्रयोग करने के एवज में एक प्रमाण पत्र देंगी। पर कोई उपभोक्ता अतिरिक्त भुगतान क्यों करेगा, ये नियामक आयोग नहीं समझा सका।

ये राहत जारी रखी

  • निम्न दाब औद्योगिक जैसे आटा चक्की, कूलर-पंखा, वेल्डिंग आदि छोटे उद्योग और दुकानों की बिजली की दरों को यथावत रखा गया है।
  • ई-व्हीकल चार्जिंग स्टेशन की दरों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।
  • उपभोक्ताओं से कोई मीटर चार्ज नहीं लिया जाएगा।
  • घरेलू श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं को पहले की तरह ऑनलाइन भुगतान पर 0.5 प्रतिशत की छूट मिलती रहेगी।
  • रेलवे को दी जा रही बिजली की दरों और केप्टिव पावर संयंत्र वाले उपभोक्ताओं की दरों में परिवर्तन नहीं किया गया है।
  • प्रीपेड मीटरिंग, अग्रिम भुगतान, त्वरित भुगतानों, ऑनलाइन भुगतान और टाइम ऑफ डे पर दी जा रही छूट जारी रहेगी।

घरेलू बिजली सबसे महंगी

नए टैरिफ में घरेलू बिजली की दरें सबसे अधिक बढ़ाई गई हैं। 50 यूनिट तक 3.2 प्रतिशत तो 100 यूनिट तक बिजली की खपत करने वालों की बिजली दरों में 3.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है।

इस तरह आम उपभोक्ताओं पर बढ़ा भार
खपत यूनिट में मौजूदा दर पर बिल नई दर पर बिल बढ़ोतरी
50 292 रुपए 301 रुपए 3.2 प्रतिशत
100 616 रुपए 639 रुपए 3.7 प्रतिशत
200 1494 रुपए 1545 रुपए 3.5 प्रतिशत
300 2367 रुपए 2441 रुपए 3.2 प्रतिशत

सरकार ने लगाया सब्सिडी का मलहम

प्रदेश में बिजली की दरों में बढ़ोतरी के बाद प्रदेश सरकार ने सब्सिडी का मलहम लगाया है। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2022-23 में एमपी सरकार ने 22 हजार 500 करोड़ रुपए की सब्सिडी देने का निर्णय लिया है। इसमें किसानों के बिल का 93 प्रतिशत हिस्सा सरकार देगी। इसी तरह 100 यूनिट 100 रुपए की स्कीम लागू रहेगी। किसानों को 3 से 10 एचपी कनेक्शन पर प्रति एचपी 750 रुपए का भुगतान करना होगा। मतलब 3 एचपी कनेक्शन पर 2250 रुपए, 5 एचपी कनेक्शन पर 3750 रुपए और 10 एचपी कनेक्शन पर 7500 रुपए का ही भुगतान करना होगा।

 

उद्योगों की बिजली दरें-

11 केवी सप्लाई वाले उच्च दाब उपभोक्ता

  • 7.20 रुपए प्रति यूनिट
  • फिक्स चार्ज-372 रुपए प्रति केवीए
  • ये बढ़ा-10 पैसे प्रति यूनिट और 25 रुपए प्रति केवीए फिक्स चार्ज।

33 केवीए की सप्लाई वाले उच्च दाब उपभोक्ता

  • 7.16 रुपए प्रति यूनिट
  • फिक्स चार्ज-597 रुपए प्रति केवीए
  • ये बढ़ा-11 पैसे प्रति यूनिट और 27 रुपए प्रति केवीए फिक्स चार्ज।

एफसीए चार्ज में 1 पैसे की कमी
मप्र नियामक आयोग ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के पहले त्रैमासिक अप्रैल से जून के लिए एफसीए (फ्यूल कास्ट एडजस्टमेंट) में 1 पैसे प्रति यूनिट घटा दी है। अभी ये 7 पैसे प्रति यूनिट लग रहा था। अब 6 पैसे प्रति यूनिट लगेगा। मतलब उपभोक्ताओं को बढ़ी हुई बिजली दराें में 1 पैसे की एफसीए में कटौती से राहत दी गई है। उपभोक्तओं को मिलने वाली बिजली बिल में ऊर्जा चार्ज, फिक्स चार्ज, एफसीए, टैक्स समाहित रहता है।

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