MP में दारू सस्ती, दवा महंगी…..
बुखार, सर्दी जुकाम से लेकर सर्जरी में लगने वाली 872 दवाओं की कीमत बढ़ी; शराब के रेट 20 प्रतिशत घटे…..
MP अजब है, गजब भी है। आज से शराब सस्ती हो रही है। दवाएं महंगी हो गई हैं। दरअसल, शुक्रवार से नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत हो गई है। नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NPPA) ने दवाओं के दामों में 10.7 फीसदी की बढ़ोतरी की है। इससे सामान्य बीमारियों के इलाज में उपयोग की जाने वाली जरूरी 872 प्रकार की दवाओं की कीमतें बढ़ गई हैं। इससे गरीब मरीजों को जहां इलाज के लिए आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ेगा। वहीं, शराब के रेट 20% तक कम होने के बाद जाम छलकाने वालों को राहत दी गई है।
इन दवाओं की कीमतें बढ़ीं
दवा व्यावसायियों का कहना है कि नई कीमतें लागू होने के बाद 1 अप्रैल से बुखार, इन्फेक्शन, हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर, त्वचा रोग और एनीमिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाएं महंगी हो जाएंगी। इसके अलावा पैरासिटामॉल, फेनोबार्बिटोन, फिनाइटोइन सोडियम, एजिथ्रोमाइसिन, सिप्रोफ्लोक्सासिन हाइड्रोक्लोराइड और मेट्रोनिडाजोल जैसी दवाओं की कीमतें भी बढ़ जाएंगी।
इसेंशियल लिस्ट की दवाएं भी होंगी महंगी
सबसे अहम बात ये है कि इस महंगाई की चपेट में वो दवाएं भी आएंगी, जो नेशनल इसेंशियल लिस्ट ऑफ मेडिसिन (एनईएलएम) में शामिल हैं। इस लिस्ट में एंटीबायोटिक्स, एंटी-इंफ्लेमेट्री ड्रग्स, कान-नाक और गले की दवाएं, एंटीसेप्टिक्स, पेन किलर, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल मेडिसिन और एंटी फंगल दवाएं शामिल हैं। बताया जा रहा है कि इनकी कीमतों में भी काफी बढ़ोतरी हो सकती है।
इस आधार पर बढ़ती हैं कीमतें
ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर 2013 के क्लॉज 16 एनपीपीए को प्रत्येक वर्ष के 1 अप्रैल को या उससे पहले पूर्ववर्ती कैलेंडर वर्ष के लिए एनुअल होलसेल प्राइस इंडेक्स (डब्ल्यूपीआई) के अनुसार अनुसूचित फॉर्मुलेशन की अधिकतम कीमत को संशोधित करने की अनुमति देता है। इसी आधार पर हर साल 1 अप्रैल से नई कीमतें लागू होती हैं।
फार्मा इंडस्ट्री ने की थी मांग
एनपीपीए ने शेड्यूल ड्रग्स के लिए कीमतों में 10.7 प्रतिशत इजाफे को हरी झंडी दे दी है। बता दें कि शेड्यूल ड्रग्स में आवश्यक दवाएं शामिल हैं और इनकी कीमतों पर नियंत्रण होता है। इनके दाम बगैर अनुमति नहीं बढ़ाए जा सकते हैं।
शराब के रेट क्यों घटे?
मप्र की नई आबकारी नीति के मुताबिक भारत में बनी विदेशी शराब की कीमतों में 20% तक की कमी की गई है। विदेशी शराब पर एक्साइज ड्यूटी में तीन प्रतिशत की कमी की गई है। राज्य में उगाए गए अंगूर से बनी शराब पर कोई एक्साइज ड्यूटी नहीं लगेगी। बीते दिनों सीएम शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई बैठक में सरकार ने नई आबकारी नीति 2022-23 और हेरिटेज शराब नीति 2022 में प्रदेश में शराब की दुकानों की संख्या न बढ़ाने का निर्णय लिया था। अगले वित्तीय वर्ष 2022-23 से नए बार लाइसेंस को कलेक्टर द्वारा सरकार की ओर से निर्धारित मानदंडों के अनुसार मंजूरी दी जाएगी। नई आबकारी नीति के मुताबिक ‘शराब की फुटकर बिक्री दरों में लगभग 20 प्रतिशत की कमी होगी। विदेशी शराब पर एक्साइज ड्यूटी 13% से घटाकर 10% कर दी गई है। सभी जिलों की देशी/विदेशी शराब की दुकानों को छोटे सिंगल क्लस्टर की तर्ज पर चलाया जा सकता है।
MP में अब देशी शराब का टेट्रा पैक मिलेगा
आबकारी नीति में कहा गया है कि देशी शराब आपूर्ति प्रणाली में सरकार टेट्रा पैक उपलब्ध कराएगी, जिससे राजस्व की हानि को रोका जा सके। नीति में डिंडोरी और अलीराजपुर जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर नई हेरिटेज शराब नीति पर महुआ से बनी शराब की बिक्री की अनुमति है। इसमें कहा गया है कि इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर के चयनित सुपर बाजारों में निर्धारित लाइसेंस शुल्क पर वाइन काउंटर संचालित करने के लिए लाइसेंस जारी किए जा सकते हैं। हालांकि अभी मप्र में शराब दुकानों के ठेकों के टेंडर खुलने की प्रक्रिया चल रही है। सभी दुकानों के ठेके होने के बाद नई रेट लिस्ट जारी की जाएगी।