शराब नीति पर उमा बोलीं- मैं शर्मिंदा हूं ….
कहा- चिंतित हूं कि MP की बेटियों की इज्जत और बेटों की जान पर खेलकर हम राजस्व कमा रहे…..
मध्यप्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती ने शराबबंदी के लिए मोर्चा खोल रखा है। इस पर उमा भारती और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान में टकराव बढ़ता दिखाई दे रहा है। इस बार उमा भारती ने शुक्रवार को लगातार ट्वीट किए। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि मैं मध्यप्रदेश की महिलाओं व बेटियों के साथ हूं। शराबखोरी के शिकार हो रहे बेटों के लिए भी चिंतित हूं। उनकी इज्जत व जान पर खेलकर हम राजस्व कमा रहे हैं, इस पर शर्मिंदा भी हूं। उन्होंने कहा कि भाजपा की छत्तीसगढ़ व दिल्ली राज्य इकाइयां शराब नीति के विरोध में उतर आए हैं।
उन्होंने कहा कि शनिवार से चैत्र नवरात्रि शुरू हो रही हैं। शुक्रवार को मध्यप्रदेश में नई शराब नीति लागू हो गई है। इसमें लोगों को ज्यादा शराब कैसे पिलाई जा सके, अहातों में ज्यादा शराब कैसे परोसी जा सके, इस व्यवस्था को निश्चित किया है। इसका विरोध किया जा रहा है।
भोपाल के सुरेंद्र लैंड मार्क मार्केट के लोगों को उमा भारती ने दिया आश्वासन
पूर्व सीएम उमा भारती शुक्रवार शाम साढ़े 7 बजे सुरेंद्र लैंड मार्क मार्केट पहुंचीं। यहां व्यापारी और आमजन शराब दुकान खुलने का विरोध जता रहे हैं। इन्होंने उमा भारती से मुलाकात कर ठेका हटाने की बात कही थी। सुरेंद्र लैंड मार्क व्यापारी संघ के अध्यक्ष आदित्य पाटीदार ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री भारती करीब 15 मिनट रुकीं। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे दुकान को शिफ्ट कराएंगी। अध्यक्ष पाटीदार ने बताया कि दुकान हटने तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
भोपाल में 13 मार्च को शराब दुकान में घुसकर तोड़ी थी बाेतलें
उमा भारती कई बार राज्य में शराबबंदी की मांग कर चुकी हैं। 13 मार्च को भोपाल के बरखेड़ा पठानी क्षेत्र के आजाद नगर में शराब दुकान को उन्होंने निशाना बनाया था। यहां शराब दुकान पर वह पहुंची थीं। दुकान में घुसकर पत्थर से बोतलें तोड़ दी थीं। कांग्रेस ने इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश। इसके बाद में उन्होंने शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर सफाई पेश की थी। इस पत्र में उमा ने तर्क दिया था कि महिलाओं का दर्द सुनने के बाद गुस्से में आकर उन्होंने पत्थर मारा था।
महिलाओं का अपमान किया तो सिर भी फोड़ दूंगी
शराब में पत्थर मारने की घटना के बाद एक मीडिया चैनल से उमा ने कहा कि ”मैं तो ऐसी ही प्रतिक्रिया देती हूं। चाहे गौमाता पर अत्याचार हो या महिलाओं पर अत्याचार। वह तो अच्छा हुआ कि शराब की बोतलें थीं, लेकिन महिलाओं का अपमान यदि कोई पुरुष भी करेगा, तो मैं उसका भी सिर फोड़ दूंगी।’ मैंने पत्थर मारने से पहले दुकान पर काम करने वालों को साइड में कर दिया था। प्रशासन को एक हफ्ते का समय दिया है। उस शराब दुकान को तो हटाना ही होगा।