MP में डेढ़ करोड़ बिजली उपभोक्ताओं को झटका ….. कंपनियां फिक्स चार्ज के साथ वसूलेगी मिनिमम चार्ज; 100 यूनिट जलाने पर 100 रुपए, बिजली न खर्च करने पर 139 रुपए देने होंगे

प्रदेश में डेढ़ करोड़ घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को बड़ा झटका लगा है। अब वे बिजली जलाएं या नहीं फिक्स चार्ज के साथ उन्हें न्यूनतम चार्ज भी देना होगा। ग्रामीण क्षेत्र में 55 रुपए तो शहर में 69 रुपए का न्यूनतम फिक्स चार्ज तय किया गया है। मतलब आप एक यूनिट भी बिजली नहीं जलाते हैं तो भी महीने का बिल फिक्स चार्ज सहित 125 से 139 रुपए आएगा ही।

बिजली कंपनियों ने इस बार घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए न्यूनतम चार्ज के तौर पर 70 रुपए निर्धारित किया है। ये राशि उस समय वसूली जाएगी, जब आपने महीने में एक भी यूनिट बिजली नहीं जलाई होगी। खास बात ये है कि 100 यूनिट जलाने पर 100 रुपए चार्ज लगेगा, लेकिन बिजली न खर्च करने पर 125 से 139 रुपए देने होंगे। मतलब अब बिजली कंपनियां ऊर्जा बचत के लिए नहीं बल्कि ऊर्जा खपत के लिए लोगों को प्रोत्साहित कर रही हैं।

प्रदेश में महीनेभर में एक भी यूनिट बिजली खर्च नहीं करने वाले उपभोक्ताओं से कंपनी अब तक सिर्फ फिक्स चार्ज वसूल करती थी। जबकि गरीबी रेखा से नीचे वाले उपभोक्ताओं के लिए 30 यूनिट तक बिजली खर्च करने पर कोई फिक्स चार्ज नहीं है। पर न्यूनतम चार्ज 45 रुपए निर्धारित है। अब यही नियम दूसरे घरेलू उपभोक्ताओं पर भी लागू कर दिया गया है। बस अंतर ये है कि ऐसे उपभोक्ताओं को फिक्स चार्ज के साथ न्यूनतम चार्ज के तौर पर 70 रुपए देने होंगे। शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में फिक्स चार्ज अलग-अलग है। पर न्यूनतम चार्ज एक समान 70 रुपए निर्धारित किया गया है।

वर्ष 2021-22 की टैरिफ ऑर्डर में था आदेश। इस बार के टैरिफ ऑर्डर में नहीं।
वर्ष 2021-22 की टैरिफ ऑर्डर में था आदेश। इस बार के टैरिफ ऑर्डर में नहीं।

किसानों को भी दिया झटका, सब्सिडी का जिक्र नहीं

पहली बार टैरिफ ऑर्डर में किसानों को दी जाने वाली बिजली की राशि का स्पष्ट ऑर्डर नहीं निकाला गया है। किसानों से बिजली कंपनियां कितना वसूल करेंगी और राज्य सरकार कितनी सब्सिडी देगी। इसका जिक्र टैरिफ ऑर्डर में नहीं है। ऐसे में किसानों के सामने समस्या ये है कि वे कृषि पंप की राशि का भुगतान नहीं जमा कर पाएंगे।

पहले टैरिफ में होता था जिक्र

अब से पहले हर टैरिफ ऑर्डर में किसानों के पंप की राशि तय की गई थी। इसमें 6-6 महीने के लिए प्रति एचपी 375 रुपए दर्शाया जाता था। वहीं राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली 92% सब्सिडी का भी जिक्र रहता था। कृषि दरों में बढ़ोतरी के बाद राज्य सरकार की सब्सिडी 93% हो गई है। अब भी किसानों को 375 रुपए प्रति HP ही देना होगा, लेकिन टैरिफ में इसका जिक्र नहीं हुआ है।

प्रदेश में 28 लाख किसान

बिना टैरिफ याचिका के कंपनियां राशि नहीं वसूल पाएंगी। प्रदेश में 28 लाख किसान हैं। इसमें 25 लाख स्थाई और तीन लाख अस्थाई हैं, जो एक ही फसल गेहूं का ले पाते हैं। राज्य सरकार 10 एचपी तक के कृषि पंप पर सब्सिडी देती है। बस ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर की ओर से बयान जारी कर सब्सिडी देने की बात जारी की गई है।

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