शराब बेचने वालों के लिए योगी सरकार के नए नियम, दुकानदारों को एफएसडीए का लाइसेंस लेना अनिवार्य
उत्तर प्रदेश में शराब की दुकानें खाद्य विभाग के हवाल कर दी गई हैं। इसके तहत राज्य में मदिरा बेचने के लिए खाद्य विभाग का लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया गया है।
लखनऊ ….योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में शराब बेचने या शराब की दुकान चलाने के लिए खाद्य विभाग से लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया है। शासन ने इसके लिए निर्देश जारी कर दिया हैं। सभी जिले के जिलाधिकारियों को भी आदेश जारी किया जा चुका है। इसके अनुसार, दुकानदारों को बिक्री के अनुसार टैक्स भी देना होगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि शराब को भी दैनिक जीवन में खाने-पीने के समान की श्रेणी में रखा गया है। की लोग हैं जो शराब का नियमित सेवन करते हैं। ऐसे में यूपी सरकार ने शराब दुकानदारों के लिए लाइसेंस प्रक्रिया अनिवार्य कर दी है। लाइसेंस न लेने वाले दुकानदार मदिरा नहीं बेच सकेंगे। उधर, शराब विक्रेताओं ने इस नए नियम का विरोध किया है।
शराब की दुकान चलाने वालों के लिए लाइसेंस फीस बिक्री के अनुसार होगी। यह बिक्री का लगभग 0.01 प्रतिशत होगा। इस नए नियम से शराब विक्रेताओं को परेशानी हो सकती है। उन्हें लिखापढ़ी की परेशानी हो सकती है। शराब विक्रेताओं का कहना है कि रिकॉर्ड अनुसार टैक्स बहुत कम है पर लिखापढ़ी काफी बढ़ जाएगी।
आदेश मिलते ही दुकानदारों को जारी होगा नोटिस
आबकारी अधिकारी नीलेश पालिया का कहना है कि अभी तक शासन की तरफ से आदेश नहीं प्राप्त हुआ है। जैसे ही आदेश मिलता है, दुकानदारों को नोटिस जारी किया जाएगा। प्रदेशभर में शराब की अमूमन 30-50 हजार तक दुकानें होंगी।