डीडी नगर हॉस्पिटल; लोकार्पण के चार माह बाद भी न विशेषज्ञ मिले, न वार्ड ब्वॉय और न ही स्वीपर, वार्डों में जमी है धूल की
- सुविधाओं के अभाव में क्षेत्र की 2 लाख की जनसंख्या लगातार हो रही परेशान
दो लाख लोगों की सुविधा के लिए 4 माह पहले दीनदयाल नगर में बनाया गया दीनदयाल नगर हॉस्पिटल महज डिस्पेंसरी बनकर रह गया है। हॉस्पिटल में न तो कोई विशेषज्ञ है अौर न ही वार्ड ब्वॉय तथा स्वीपर। इतना ही नहीं हॉस्पिटल में गद्दे तो आ गए लेकिन पलंग आजतक नहीं आए। यहां प्रभारी सहित 3 मेडिकल ऑफिसर ही पदस्थ हैं। आधी-अधूरी तैयारियों के चलते हॉस्पिटल का लोकार्पण 4 माह पहले 26 दिसंबर को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से करा दिया गया था, फिर भी यहां सुविधाएं नहीं हैं।
हॉस्पिटल में नहीं है साफ-सफाई के कोई इंतजाम, जम रही धूल
हॉस्पिटल दो मंजिला बन गया है लेकिन यहां कोई भी स्वीपर पदस्थ नहीं किया गया। लोकार्पण के समय रजत नामक युवक को सपोर्टिंग स्टाफ के रूप में भर्ती किया था। वह नौकरी छोड़कर चला गया। अस्पताल के वार्डों में धूल जमी हुई है।
प्रभारी सहित 3 डॉक्टरों के भरोसे है हॉस्पिटल
डीडी नगर हॉस्पिटल में वर्तमान में प्रभारी डॉ. मनोज राजौरिया, मेडिकल ऑफीसर डॉ. रंजीत राठौर और डॉ. रितिका श्रीवास्तव पदस्थ हैं। इसके अलावा 1 मेल नर्स सहित 6 स्टाफ नर्स हैं, जिसमें से 1 बीमार होने के कारण लंबी छुट्टी पर है।
भास्कर सवाल-जवाब -डॉ. मनीष शर्मा, सीएमएचओ
पलंग आते ही मरीजों को भर्ती करने लगेंगे
डीडी नगर हॉस्पिटल डिस्पेंसरी की तरह क्यों चल रहा है?
यहां मोहना से एक डॉक्टर को और भेजा जा रहा है। एक संविदा का डॉक्टर दिया है। इस तरह 5 डॉक्टर हो गए हैं। हॉस्पिटल को 24 घंटे शुरू करने के लिए कहा जा रहा है। अभी इमरजेंसी सेवा मिलेगी। पलंग आते ही मरीजों को भर्ती करना शुरू कर दिया जाएगा।
पलंग ही नहीं हैं, विशेषज्ञ पदस्थ नहीं किए हैंं ?
पलंग के ऑर्डर लग गए हैं। डिलीवरी टेबल आ गई हैं। पलंग आते ही अन्य व्यवस्थाएं हो जाएंगीं। उपकरण के |ऑर्डर लगे हैं जो सामान आता जा रहा है वे देते जा रहे हैं। मई में डिलवरी शुरू कर दी जाएगी। इसके लिए गायनिक विशेषज्ञ भी पदस्थ करेंगे। टेक्नीशियन की डिमांड भोपाल भेजी है।