आईपीएल में सट्‌टेबाजी:सट्‌टे का गढ़ बनता ग्वालियर बिहार तक फैला है नेटवर्क; 30 दिन में 22 सटोरिए पकड़े, ‌‌11.8 लाख बरामद

14 करोड़ का हिसाब मिला …..

ग्वालियर सटोरियों का गढ़ बनता जा रहा है। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) शुरू हुए अभी 30 दिन ही हुए हैं और पुलिस ने 22 सटोरियों को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। इनसे बरामद मोबाइल-लैपटॉप की पड़ताल में 14 करोड़ का हिसाब मिला है। इतना ही नहीं शहर के सटोरियों के तार बिहार से जुड़े होने का भी पता चला है।

मुरार में पकड़े गए तीन सटोरियों के एजेंट बिहार में होने और करीब 200 ग्राहकोंं को 6 करोड़ रुपए का सट्‌टा खिलाने का हिसाब मिला। हालांकि सारा लेनदेन ऑनलाइन होने के कारण पकड़े गए सटोरियों से सिर्फ 11.8 लाख रुपए ही बरामद हो सके हैं। जबकि पिछले आईपीएल में 6 से 7 सटोरिये ही पकड़े गए थे।

वहीं पकड़े गए सटोरियों के करीब 70 बड़े सब एजेंट भी शहर में सक्रिय हैं। शहर में चल रहे सट्टा सरगना की आईडी पर पुलिस को लाइव मैच पर दो बॉल का अंतर मिला है, खेली जा चुकी दो बॉल के बाद के मैच को लाइव दिखाकर सट्टा लगवा केवल ग्राहकों की हार का ही सट्टा लिया जाता है। इन सटोरियों को नोटिस देकर रुपए, मोबाइल, लेपटॉप व वाहन बरामद कर छोड़ दिया गया और सरगना पर शिकंजा न कसे जाने के कारण लगातार कार्रवाई के बाद भी क्रिकेट सट्टा नियंत्रित नहीं हो रहा है।

सरगना संतोष की गैंग बढ़ी, दो मामले दर्ज होेने के बाद रोक, अब नहीं हो रही कार्रवाई

शहर में अब तक पकड़े गए अधिकांश सटोरिए पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार संतोष घुरैया गैंग के एजेंट हैं। संतोष के खिलाफ दो मामले भी दर्ज हुए हैं लेकिन इन दो मामलों के बाद तीसरा कोई प्रकरण व उसकी लोकेशन लेकर पकड़े जाने की कार्रवाई अटक गई। सटोरिए 99 हब का इस्तेमाल कर सट्टा लगवाते ही पकड़े जा रहे हैं जो कि संतोष की लाइन है, लेकिन दो मामलों के बाद उस पर मामला दर्ज नहीं किया गया, इसके पीछे अफसरों पर दबाव बताया गया है।

आईडी देने वालों की तलाश की जा रही है

क्रिकेट सटोरियों के खिलाफ कार्रवाई लगातार की जा रही है। पकड़े जा रहे एजेंटों से पूछताछ के बाद उन्हें आईडी देने वालों को भी नामजद किया जा रहा है। इनकी तलाश भी की जा रही है। राजेश दंडोतिया, एएसपी क्राइम

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