Gwalior JU News ….. बीएससी नर्सिंग कांड की जांच के लिए बनाई कमेटी, पूर्व कुलपति की भूमिका की भी जांच हाेगी

Gwalior JU News: अभी कमेटी के सदस्यों के नाम तय नहीं किए हैं, लेकिन प्रस्तुतकर्ता अधिकारी तय कर दिया है ….

जीवाजी विश्वविद्यालय की मंगलवार को आयोजित हुई कार्य परिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। बीएससी नर्सिंग की फर्जी मार्कशीट तैयार करने के मामले में नई जांच कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी उन विद्यार्थियों के बयान दर्ज करेगी, जिनकी फर्जी मार्कशीट तैयार कर पास किया गया था। रिजल्ट बनाने वाली अजमेर की फर्म के कर्मचारियों के भी बयान दर्ज किए जाएंगे। इस पूरे मामले में पूर्व कुलपति की क्या भूमिका रही है, उसकी भी जांच की जाएगी। हालांकि अभी कमेटी के सदस्यों के नाम तय नहीं किए हैं, लेकिन प्रस्तुतकर्ता अधिकारी तय कर दिया है। सहायक कुलसचिव साधना शर्मा जांच के दौरान पूरे दस्तावेज पेश करेंगी।़

बीएससी नर्सिंग चतुर्थ वर्ष (परीक्षा 2019) की फर्जी मार्कशीट तैयार की गई थीं। 318 विद्यार्थियों की फर्जी मार्कशीट तैयार कर फेल से पास किया गया। 318 में से 209 मार्कशीट विद्यार्थियों को दी जा चुकी थीं। पूर्व कार्य परिषद सदस्य अनूप अग्रवाल ने इस पूरे फर्जीवाड़े का राजफाश किया था। इस कांड की जांच के लिए अलग-अलग जांच कमेटी बनाई गईं, लेकिन इस फर्जीवाड़े के लिए किसी को दोषी नहीं माना। इसके बाद सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश राजीव शर्मा, सेवानिवृत्त कलेक्टर आरके जैन, सेवानिवृत्त डीआइजी हरि सिंह यादव ने भी जांच की। कार्य परिषद की बैठक में इस रिपोर्ट को रखा गया। इस रिपोर्ट में किसी को दोषी नहीं ठहराया गया। इस रिपोर्ट को कार्य परिषद में रखा गया, जिसे अमान्य कर दिया। कार्य परिषद ने अब नई जांच कमेटी बनाई है। विद्यार्थियों को बयान के लिए बुलाया जाएगा। बैठक की अध्यक्षता कुलपति प्रो.अविनाश तिवारी ने की। इस दौरान कार्य परिषद सदस्य शिवेंद्र राठौर, मनेंद्र सोलंकी, कुलसचिव डा.सुशील मंडेरिया सहित अन्य सदस्य मौजूद थे।

बैठक में यह लिए गए निर्णयः

1-जीवाजी विश्वविद्यालय में स्वीमिंग पूल का निर्माण कराया जा रहा है। काम में हुई देर व स्थान परिवर्तन से कितना नुकसान हुआ है, उसके लिए एलएनआइपीई के सेवानिवृत्त प्रो.वीके डबास, जेयू के इंजीनियर, वित्त नियंत्रक की जांच कमेटी बनाई है। साथ ही पीआइयू(प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन यूनिट) के अधिकारियों के खिलाफ भी शासन को पत्र लिखा जाएगा। जेयू स्वीमिंग पूल के निर्माण संबंधी दस्तावेज मांग रही है, लेकिन पीआइयू उपलब्ध नहीं करा रहा है।

2- खेलो इंडिया हाकी टूर्नामेंट में जेयू की टीम बेंगलुरु गई थी। यहां पर 18 सदस्यीय टीम जानी थी, लेकिन 14 सदस्यीय टीम लेकर गए। किराया नहीं दिए जाने को लेकर जेयू की बदनामी करने वाले अधिकारी केके तिवारी को ब्लैक लिस्ट कर दिया। अब इन्हें किसी भी टीम का नेतृत्व नहीं दिया जाएगा।

3- जीवाजी विश्वविद्यालय से संबद्ध कालेजों का 15 दिन में मान्यता के लिए औचक निरीक्षण कराया जाएगा। निरीक्षण रिपोर्ट आने के बाद ही प्रवेश की लिंक खोली जाएगी। जब तक कालेज अपनी तैयारी पूरी कर लें।

4- हास्पिटल मैनेजमेंट संकाय में देवराज सिंह किरार, एमपीएड फिजिकल एजुकेशन संकाय में ठाकुर उत्तम सिंह की स्मृति में और एमएससी फोर्थ सेमेस्टर (भौतिकी अध्ययनशाला) में पूर्व छात्र एसोसिएशन द्वारा गोल्ड मेडल दिए जाएंगे।

5- विवि के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों, वाहन चालकों व स्थाई कर्मियों के लिए वर्दी-कोट के लिए पांच लाख रुपये खर्च होंगे।

6- मुक्ताकाश रंगमंच का नाम महाकवि भवभूति के नाम पर करने और मंच के पास भवभूति की मूर्ति स्थापित की जाएगी।

वर्जन-

पूर्व कुलपति की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है, जो तथ्यों के आधार पर जांच कर रिपोर्ट पेश करेगी। कमेटी में पूर्व कुलपति का नाम तय नहीं हुआ है।

डा सुशील मंडेरिया, कुलसचिव जेयू

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