स्मार्ट सिटीज में भी सबसे महंगा इंदौर …. ?
जयपुर, सूरत स्मार्ट सिटी में 1000 वर्गफीट का नक्शा 7500 रुपए में पास, इंदौर में 10 लाख में…..
सूरत, भोपाल, जयपुर में कहीं भी वैल्यू कैप्चर फंड लागू नहीं किया गया….
नगर निगम इंदौर ने स्मार्ट सिटी एरिया में हो रहे निर्माण और उसकी वजह से बढ़ रही प्रॉपर्टी की वैल्यू के आधार पर उन इलाकों में नक्शा शुल्क करीब एक हजार रुपए वर्गफीट (हजार वर्गफीट के 10 लाख रुपए) कर दिया है। भास्कर द्वारा तीन प्रमुख स्मार्ट सिटीज में पड़ताल की तो पता चला कहीं पर भी नक्शा मंजूर करने के लिए इतना टैक्स नहीं वसूला जा रहा है, जबकि वहां भी करोड़ों के काम हुए हैं।
इंदौर में नक्शा मंजूर करते समय अलग-अलग मद में एक दर्जन से ज्यादा शुल्क वसूले जा रहे हैं, जो इन स्मार्ट शहरों के नगर निगम में कहीं भी नहीं लिए जा रहे हैं। स्थिति यह है कि जयपुर व सूरत में महज साढ़े सात हजार रुपए में एक हजार वर्गफीट पर निर्माण का नक्शा पास हो जाता है।
यहां तक कि भोपाल के स्मार्ट सिटी एरिया में भी सामान्य 26 रुपए वर्गफीट के हिसाब से नक्शा शुल्क लिया जा रहा है, लेकिन इंदौर में इससे कई गुना ज्यादा हजार रुपए वर्गफीट वसूले जा रहे हैं। स्मार्ट सिटी के लिए जिन लोगों ने अपनी जमीन, मकान-दुकान दिए, उनके लिए भारी-भरकम शुल्क के कारण बची-खुची जमीन पर निर्माण मुश्किल हो गया है।
भोपाल स्मार्ट सिटी क्षेत्र में अतिरिक्त शुल्क नहीं
स्मार्ट सिटी क्षेत्र में नक्शा पास करने कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं ले रहे। कंसल्टेंट अब्दुल माजिद कहते हैं, 800 वर्गफीट के प्लाॅट पर वाटर हार्वेस्टिंग शुल्क नहीं लेते। कुल फीस 750 रुपए है। गाइडलाइन के हिसाब से 5 से 26 रु. वर्गफीट फीस ले रहे हैं।
जयपुर सभी इलाकों में सामान्य शुल्क ही ले रहे
परकोटा, किशनपोल व चांदपोल बाजार आदि में स्मार्ट सिटी के 420 करोड़ के काम पूरे हो चुके हैं। निगम अधिकारी राजेश शर्मा बताते हैं कि एबीडी एरिया में विकास के कारण शुल्क नहीं बढ़ाया है। 800 वर्गफीट के नक्शे पर 6 हजार शुल्क लगता है।
सूरत अतिरिक्त शुल्क का प्रावधान ही नहीं
स्मार्ट सिटी एरिया में भी नाममात्र के शुल्क लिए जा रहे हैं। सामान्य रूप से यदि 800 स्के. फीट का प्लाॅट है तो पांच से छह हजार रुपए तक में नक्शा पास हो जाता है। बड़े प्लाटों पर भी फीस हजारों में ही जाती है।
नियमानुसार ही ले रहे फीस
वैल्यू कैप्चर फंड स्मार्ट सिटी प्रावधान के अनुसार ही ले रहे हैं। अन्य स्मार्ट सिटी के बारे में बताना मुश्किल है। डिमॉलिशन शुल्क घर बनाते समय निकलने वाले वेस्ट के लिए है। नर्मदा को यहां तक लाने में जो कैपिटल इन्वेस्टमेंट हुआ उसका व नर्मदा कनेक्शन का चार्ज अलग है। – प्रतिभा पाल, निगमायुक्त