खाने वाले तेल में हो रही भयंकर मिलावट, रेट में भी 45 रुपए का अंतर
खाद्य तेलों में हो सकती है है मिलावट, देख कर खरीदें….
भोपाल। सरकार की तगड़ी सख्ती के बावजूद खाद्य तेलों में मिलावट का काम नहीं रुक रहा ज्यादा मुनाफा के फेर में कतिपय मिलर्स सरसों तेल में चावल का तेल सोयाबीन में पाम का तेल मिलाकर या उसमें एसेंस डालकर बेच रहे है। संबंधित विभागों की इस पर नजर नहीं है। बताया जाता है कि बाजार में कतिपय लोग सरसों तेल में राइस तेल की मिलावट कर बेच रहे है। बॉटल पर बहुत ही छोटे शब्दों में लिखा होता है, जिसे आम आदमी पड़ नहीं पाता। इसके साथ ही कम वजन के तेल के विक्रय की बाजार में चर्चा है।
धोक तेल कारोबारी अपूर्व पवैया ने बताया कि सरसों का ओरिजनल तेल जहां बाजार में 175/180 रुपए किलो में मिलता है तो वहीं राइस ब्रेन तेल का भाव 140/145 रुपए किलो है। बाजार के जानकारों ने बताया कि सरसों तेल की खपत भोपाल एवं आसपास के क्षेत्रों को मिलाकर 10 टन रोजाना है तो राइस चैन ऑयल की खपत 40 टन के आसपास है। कहा जा रहा है कि मिलावट से ग्राहकों को लगभग 40 से 45 रुपए प्रति किलो का नुकसान हो रहा है। भोपाल किराना व्यापारी महासंघ अध्यक्ष कुंदन भूरानी ने कहा कि उन्हें इस संबंध में अभी तक शिकायत नहीं मिली।
री-पैकिंग का खेल
दरअसल राइस बैन ऑयल का उत्पादन छग की मिलों में होता है। वहां से मुरैना, ग्वालियर, भिंड लाइन पर इस तेल को लाकर उसमें सरसों का रोल मिलाकर क बाजारों में उतार दिया जाता है। मिलर्स इस तेल को 100 ग्राम से लेकर 14 किलो के जार में भरते हैं और सरसो तेल के नाम से बेचा जाता है।
ज्योति शाह नरवरिया, जिला आपूर्ति नियंत्रक का कहना है कि खाद्य तेल के संबंध में टीमें लगातार निगरानी बनाए हुए हैं. पूर्व में स्टॉक के संबंध में कार्रवाई भी की गई है। अगर अभी कहीं से कोई शिकायत या जानकारी होती है तो तत्काल कार्रवाई की जाएगी।