नगर निगम अभी पुरानी दरों से वसूल रहा संपत्ति कर … गाइड लाइन लागू होने के दो माह बाद भी सॉफ्टवेयर नहीं हुआ अपडेट, टैक्स जमा करने वालों पर भी निकलेगा बकाया
संपत्ति कर की दरों को कलेक्टर गाइड लाइन से जोड़ने के बाद रोजाना कोई न कोई नई समस्या सामने आ रही है। इसी क्रम में गाइड लाइन लागू होने दो माह बाद भी उन क्षेत्रों की टैक्स की दर अपडेट नहीं हो पाई हैं, जिनमें कलेक्टर गाइड लाइन बढ़ाई गई थी। ऐसे में ऐसे लोगों के जो लोग मौजूदा वित्तीय वर्ष का टैक्स भर रहे हैं, उन्हें सॉफ्टवेयर अपडेट होने के बाद अंतर राशि जमा कराना होगी।
निगम के स्थानीय अधिकारियों ने इसके लिए लगातार मशक्कत करना पड़ रही है। पहले तो कलेक्टर गाइड लाइन लागू होने के बाद उन लोकेशन की सूची बड़ी मुश्किल से तैयार हो पाई, जिनमें दर वृद्धि की गई थी। उसके बाद इसकी सूची तैयार कर भोपाल भेजी गई ताकि ई नगर पालिका के सॉफ्टवेयर में दरें अपडेट हो जाएं। लेकिन ये दरें अभी तक अपडेट नहीं हो पाई हैं।
नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत में कुछ दिन तो निगम ने ऐसे स्थानों का टैक्स जमा करने से इनकार कर दिया, लेकिन राजस्व का नुकसान होते देख अब ऐसे स्थानों का टैक्स जमा कराया जा रहा है। लेकिन यह टैक्स फिलहाल सॉफ्टवेयर में दर्ज पुरानी दरों से ही वसूल किया जा रहा है।
इस संबंध में निगम आयुक्त किशोर कन्याल का कहना है कि भोपाल में टैक्स की दर अपडेट करने में तकनीकि दिक्कत आ रही है। इसलिए अभी पुरानी दरों से वसूली की जा रही है। नई दर अपडेट होते ही टैक्स का स्लैब बदल जाएगा।
क्यों आ रही है टैक्स वसूलने में दिक्कत
टैक्स की रेट अपडेट न होने का कारण यह है कि कलेक्टर गाइड लाइन क्षेत्र के हिसाब से बढ़ती है। जबकि निगम में टैक्स वसूली के लिए शहर को पांच परिक्षेत्रों में बांटा गया है। एक ही क्षेत्र की एक पॉश कॉलोनी ज्यादा वसूली वाले परिक्षेत्र में है और उसी क्षेत्र की कमजोर कॉलोनी में टैक्स की रेट अलग हैं। ऐसे में यदि क्षेत्र के हिसाब से टैक्स की दरें समान रखी जाती हैं तो बड़े वर्ग को नुकसान होगा।
66 वार्डों की 200 कॉलोनियों में बढ़ेगा टैक्स
नई कलेक्टर गाइड लाइन के अनुसार निगम सीमा के 66 वार्डों में लगभग 200 कॉलोनियों में टैक्स के रेट बढ़ेंगे। इनमें कुछ नई विकसित कॉलोनियां भी हैं। क्षेत्रवार टैक्स की वृद्ध करने से 500 से ज्यादा क्षेत्र इस दायरे में आने की संभावना है।