यूपी के लिए कितना घातक इस्लामिक देशों का विरोध?
17 हजार करोड़ का मीट, 4 हजार करोड़ का कालीन; 13 हजार करोड़ का चमड़ा होता है एक्सपोर्ट….
भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादित बयान दिया। इसके बाद कानपुर में हिंसा हुई। नूपुर के बयान की हर तरफ आलोचना होने लगी। विवाद बढ़ने पर भाजपा ने नूपुर शर्मा को पार्टी से निलंबित कर दिया। इसके बावजूद विवाद अभी थमा नहीं है।
नूपुर शर्मा के बयान को लेकर दुनिया के 15 इस्लामिक देश विरोध दर्ज करा चुके हैं। इतना ही नहीं, बयान के विरोध में कुवैत सहित कई खाड़ी देशों ने अपने सुपर मार्केट में इंडियन प्रोडक्ट को बैन कर दिया। अगर ऐसा लंबे समय तक चलता रहा तो देश के साथ यूपी की अर्थव्यवस्था पर भी बड़ा प्रभाव पड़ेगा। क्योंकि, भारत से होने वाले कुल निर्यात का करीब 30% यूपी से होता है।
खाड़ी देशों से रिश्तों में कड़वाहट आने की वजह से यूपी पर इसका कितना असर पड़ सकता है? यूपी के सबसे ज्यादा निर्यात होने वाले प्रोडक्ट्स कौन-कौन से हैं? और यूपी के कितने लोग खाड़ी देशों में रहते हैं? आइए, जानते हैं…
देश के ये 4 प्रोडक्ट सबसे ज्यादा निर्यात होते हैं।
1. मीट एक्सपोर्ट के मामले में यूपी नंबर- 1
साल 2020-21 में यूपी ने 17.6 हजार करोड़ का मीट एक्सपोर्ट किया। इसमें अकेले 13.1 हजार करोड़ रुपए का बफैलो मीट का निर्यात हुआ। यह राज्य के कुल निर्यात का 74.3% है। इंडिया से कुल निर्यात होने वाले मीट में यूपी की हिस्सेदारी लगभग 50% की है। इस 50% में से करीब 30% हिस्सा सिर्फ गल्फ देशों को एक्सपोर्ट होता है।
2. 4 हजार करोड़ की कालीन एक्सपोर्ट करता है भदोही
भदोही के कालीन कारोबारियों के मुताबिक, कोरोना संकट के दौरान भी विदेशों से कालीन के आर्डर आते थे। यही वजह रही कि 2020-21 में भदोही और आस-पास के जिलों से 4.1 हजार करोड़ रुपए की कालीन का निर्यात किया जा सका। अमेरिका के बाद गल्फ देशों में ही कालीन का सबसे ज्यादा निर्यात होता है। देश से निर्यात होने वाले कुल कालीन का 50% प्रोडक्शन यूपी में ही होता है। यूपी की अर्थव्यवस्था को दुरुस्त रखने में कालीन का बड़ा योगदान है।
3. 50 से ज्यादा देशों में है कानपुर के चमड़े की डिमांड
कानपुर, आगरा, नोएडा और सहारनपुर से दुनिया के 50 से ज्यादा देशों में चमड़ा प्रोडक्ट्स का निर्यात होता है। इन देशों में सऊदी अरब, ताईवान और ओमान जैसे देशों के नाम भी शामिल हैं। अप्रैल 2021 से जनवरी 2022 तक अकेले कानपुर से ही 13.1 हजार करोड़ रुपए का निर्यात हुआ।
4. देश के कुल दूध उत्पादन में यूपी का हिस्सा 17% है
डेयरी प्रोडक्ट के उत्पादन में भारत दुनिया में नंबर वन पर है। साल 2020-21 के दौरान 54.7 हजार मीट्रिक टन डेयरी उत्पादों का निर्यात हुआ था। इससे भारत को 1.4 हजार करोड़ रुपए की आय हुई। भारत के कुल मिल्क प्रोडक्शन में 17% के साथ यूपी देश का सबसे बड़ा राज्य है। भारत के मिल्क प्रोडक्ट की सबसे ज्यादा डिमांड सऊदी अरब में है। इसका मतलब, मिल्क प्रोडक्ट का निर्यात प्रभावित होने से यूपी पर उसका सबसे अधिक असर पड़ेगा।
खाड़ी देशों में नौकरी करने वालों में 30-35% यूपी के हैं
इकोनॉमिक टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, खाड़ी देशों में करीब 89 लाख भारतीय रहते है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, इनमें से 26 से 30 लाख तो यूपी से ही हैं। यूएई में 34 लाख भारतीय रहते हैं जो वहां की आबादी का 34.6% है। इसी तरह सऊदी अरब में भारतीयों की आबादी 26 लाख है जो वहां की कुल आबादी का 7.5% है।
कुवैत में 10 लाख भारतीय रहते हैं जो वहां की कुल आबादी का 24.1% है। इसी तरह ओमान में भारतीयों की आबादी 7 लाख है जो देश की कुल जनसंख्या का 15.3% है। कतर में भारतीयों की आबादी 7.5 लाख है जो वहां की कुल आबादी का 25.9% है। बहरीन की कुल आबादी में 19.2 % भारतीय हैं। वहां 3.26 लाख भारतीय रहते हैं। इसी तरह जॉर्डन में 20 हजार, इराक में 18 हजार और लेबनॉन में 8 हजार भारतीय रहते हैं।
खाड़ी देशों से यूपी में 1.87 लाख करोड़ रुपए आते हैं
विदेशों में रहने वाले भारतीयों द्वारा भेजे जाने वाले रेमिटेंस यानी पैसों में करीब आधे पैसे पांच खाड़ी देशों से आते हैं। इसमें यूएई की हिस्सेदारी 26.9% है। इसी तरह सऊदी अरब की हिस्सेदारी 11.6 फीसदी, कतर की 6.5 फीसदी, कुवैत की 5.5 फीसदी और ओमान की तीन फीसदी हिस्सेदारी है। विदेशों में रहने वाले भारतीय हर साल 80 अरब डॉलर भारत भेजते हैं जो दुनिया में सबसे अधिक है। इस रकम का करीब 30% हिस्सा यानी 1 लाख 87 हजार करोड़ रुपए यूपी आते हैं।
यूपी का निर्यात डेढ़ लाख करोड़ होने का अनुमान
विदेशों में निर्यात के मामले में यूपी देश के टॉप 5 राज्यों में शामिल हैं। उत्तर प्रदेश से 2021-2022 के जनवरी महीने तक कुल निर्यात (Gross Export) बढ़कर 1,25,903.76 करोड़ रुपए का हो गया है। ऐसा माना जा रहा है कि वित्तीय वर्ष खत्म होने तक ये आंकड़ा बढ़कर 1.50 लाख करोड़ रुपए हो जाएगा।