मोबाइल गेम खेलने पर डांटा, बेटियों ने फांसी लगा ली … ? एक्सपर्ट बोले- बच्चों को समय दें

इंदौर में एक बच्ची की मौत, दूसरी गंभीर; एक्सपर्ट बोले- बच्चों को समय दें

दो घरों में मोबाइल पर गेम खेल रहीं बेटियों को परिजन ने थोड़ा डांटकर मोबाइल छीन लिए तो दोनों ने फांसी लगा ली। एक की मौत हो गई, जबकि दूसरी गंभीर है। परिजन सदमे में हैं। कह रहे हैं कि क्या बच्चियों से मोबाइल भी न लें।

चंदन नगर थाने के ASI गोपाल सिंह के अनुसार, स्कीम नंबर 71 डी सेक्टर निवासी 19 साल की सारा परवीन उर्फ नवीला पिता मोहम्मद रिजवान खोखर ने शनिवार सुबह घर में फांसी लगा ली। पिता ने पुलिस को बताया कि बेटी अकसर मोबाइल पर गेम खेलती थी। घटना के कुछ देर पहले भी वह मेरे मोबाइल पर गेम खेल रही थी। मोबाइल छीनकर उसे डांटा था। गुस्सा होकर परवीन ने खुद को कमरे में बंद कर फांसी लगा ली।

जान बच गई, लेकिन डर पैदा कर दिया

बालदा कॉलोनी की 17 वर्षीय युवती ने भी शुक्रवार रात फांसी लगा ली। उसे एमवाय में भर्ती कराया गया है। परिजन ने पुलिस को बताया कि बच्ची अकसर मोबाइल पर गेम खेलती थी। शुक्रवार को भी मोबाइल छीनकर डांट दिया था।

बच्चों में ऐसे पड़ती है लत

अभिभावक सहूलियत के लिए बच्चों को मोबाइल देते हैं। धीरे-धीरे उनमें लत लग जाती है। लगातार ऐसा करने से ब्रेन का रिवार्ड पॉथ-वे सक्रिय हो जाता है। इससे डोपामिन निकलता है, जिससे मन को अच्छी अनुभूति होती है। इसका सर्किट बन जाता है और समझदारी वाला एरिया डिस्टर्ब होने लगता है। जिस तरह नशा नहीं मिलने पर व्यक्ति एग्रेसिव हो जाता है, उसी तरह बच्चों को एकदम से बोलेंगे कि मोबाइल मत चलाओ तो वे चिड़चिड़े या हिंसक हो जाते हैं। गुस्से में आकर गलत कदम उठा लेते हैं।

ऐसे आदत छुड़वाएं

बच्चों को मोबाइल का कम उपयोग करने दें। गैरजरूरी एप्लिकेशन लॉक करें। उनकी गतिविधियां ट्रैक करें। जिस गेम या एप की लत लग रही हो, उसे ब्लॉक कर दें। बच्चे को समय दें, बात करें।

– डॉ. आशीष गोयल, मनोरोग विशेषज्ञ

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