ग्वालियर, । शहर में बायो मेडिकल वेस्ट के कारण बढ़ रहे प्रदूषण को रोकने के लिए प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड, सीएमएचओ कार्यालय, एवं जिला प्रशासन मिलकर मुहिम चलाने वाले हैं। संभाग भर में करीब 550 अस्पताल, नर्सिंग होम, आदि संचालित हो रहे हैं। इनमें से काफी अस्पताल ऐसे हैं, जो कि अपने यहां से निकले बायाे मेडिकल वेस्ट को इंसीनेटर (संयुक्त जैव चिकित्सा अपशिष्ट उपचार सुविधा) में देने की जगह उसे खुले में फैंक रहे हैं। ऐसे अस्पतालाें पर कार्रवाई के लिए संयुक्त मुहिम चलाई जाएगी। इसका निर्देश कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने सभी विभागों को दिया है। इस मुहिम से अस्पतालों में पंलगों की संख्या को लेकर चल रहे फर्जीवाड़े का भी खुलासा हो सकेगा।

कोरोनाकाल के दौरान अस्पतालों से निकलने वाले बायो मेडिकल अपशिष्ट को अस्पताल संचालकों ने हाइवे के किनारे, एवं कैंसर अस्पताल की पहाड़िया पर फैंक दिया था। जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ गया था। यहां पर कार्रवाई प्रारंभ की गई तो उन्होंने इसे शीतला माता के जंगलों में फैंकना प्रारंभ कर दिया था। नगर निगम के मदाखलत अमलों पर कई गाड़ियों काे कचरा फैकते हुए पकड़ा था, साथ ही उन पर भारी जुर्माना भी लगाया गया था। खुले में बायो मेडिकल अपशिष्ट फैंकने वालाें पर कार्रवाई करने के लिए अब सभी अस्पतालों की जांच की जाएगी, साथ ही सभी जगहों से उनकी पलंग संख्या ली जाएगी। इन पंलग संख्या के आधार पर निकलने वाले बायो मेडिकल अपशिष्ट का आंकलन किया जाएगा।

सामने आएगा अस्पतालों का फर्जीवाड़ाः अस्पतालों की संख्या सीएमएचओ कार्यालय में अलग दर्ज है, जबकि इंसीनेटर (संयुक्त जैव चिकित्सा अपशिष्ट उपचार सुविधा) में संख्या अलग दर्ज है, इसी प्रकार प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड में अलग दर्ज है। इसे लेकर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने तीनों विभागाें को निर्देश दिए हैं कि वह सभी अस्पतालों का निरीक्षण कर वहां से सीटों की संख्या पता करें। जिससे पता चल सके कि कितने अस्पतालों से बायो मेडिकल वेस्ट आ रहा है।

इन दराें पर लिया जाता है बायो मेडिकल वेस्टः इंसीनेटर (संयुक्त जैव चिकित्सा अपशिष्ट उपचार सुविधा) द्वारा जिन डाक्टरों का आइएमए इंडियन मेडिकल कांउसिल में रजिस्ट्रेशन है, वहां से 8 रुपये प्रति पलंग एवं जिन अस्पताल संचालकों का इंडियन मेडिकल काउंसिल में रजिस्ट्रेशन नहीं है, उनसे 12 रुपये प्रति पलंग के हिसाब से बायो मेडिकल वेस्ट का चार्ज वसूला जाता है।

वर्जन-

कई बार शिकायतें सामने आई हैं कि बायो मेडिकल वेस्ट को खुले में फैंका जा रहा है। प्रदूषण कंट्रोल बेार्ड के अधिकारी लगातार ऐसे स्थानों का औचक निरीक्षण भी कर रहे हैं, जहां पर बायो मेडिकल वेस्ट फैंकने की शिकायतें आती रहती थीं। इसके साथ ही प्रत्येक अस्पताल से इंसीनेटर (संयुक्त जैव चिकित्सा अपशिष्ट उपचार सुविधा) को ही बायो मेडिकल वेस्ट देना है, जो नहीं देगा उस अस्पताल पर सख्त कार्रवाई होगी। इसके लिए कलेक्टर ने भी निर्देश जारी किया है।

एमएल मालवीय, क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड

वर्जन-

हमारे यहां पर पलंगों की संख्या अलग है, सीएमएचओ कार्यालय में अलग दर्ज है, वहीं प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड में पलंगों की संख्या अलग दर्ज है। ऐसे में पलंगों की संख्या को एक जैसा करने के लिए कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं। अभी हमारे पास 8500 पलंगों का बायो मेडिकल वेस्ट आ रहा है। जबकि पलंगों की संख्या काफी अधिक है।

संजय मैनेजर, इंसीनेटर (संयुक्त जैव चिकित्सा अपशिष्ट उपचार सुविधा)