सरकारें भी 5 साल के लिए बनती है, फिर युवाओं को सिर्फ 4 साल देश की सेवा करने का मौका क्यों?
अपनी ही सरकार से वरुण गांधी का सवाल ….
अपनी सरकार के खिलाफ बगावती तेवर दिखाने वाले सांसद वरुण गांधी ने एक बार फिर हमला बोला है। इस बार उन्होंने सरकार को अग्निपथ योजना को लेकर घेरा है। सांसद मोदी सरकार सवाल करते हुए कहा कि सरकारें भी पांच साल के लिए चुनी जाती हैं तो युवाओं को देश सेवा करने के लिए सिर्फ 4 साल मौका क्यों दिया जा रहा।
सांसद वरुण गांधी ने 6 घंटे के अंदर दो ट्वीट कर अग्निपथ योजना को घेरे में खड़ा कर दिया है। पहले ट्वीट के जरिए सांसद वरुण गांधी ने केंद्र सरकार द्वारा लांन्च की गई। इस योजना पर युवाओं की राय मांगी तो युवाओं ने बागी अंदाज में अपनी प्रतिक्रिया देना शुरू कर दी। इसी बीच सांसद वरुण गांधी ने दूसरा ट्वीट भी कर दिया जिसके जरिए सांसद वरुण गांधी ने सवालिया निशान उठाते हुए लिखा कि सरकार भी 5 सालों के लिए चुनी जाती है फिर युवाओं को सिर्फ 4 साल देश की सेवा करने का मौका क्यों?
TOD नियम लागू करना युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़
इस ट्वीट के साथ सांसद वरुण गांधी ने संदीप फौजी नाम से संचालित एक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया गया। वीडियो भी ताजा किया है, जिसमें कुछ लोग सरकार द्वारा TOD नियम लागू करने पर इसे देश की सुरक्षा व देश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ बता रहे हैं।
बीजेपी सांसद वरुण गांधी की तमाम ट्वीट बम के जरिए अपने ही सरकार पर हमलावर नजर आए थे। बेरोजगारी का मुद्दा हो या फिर विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े पदों का मुद्दा वरुण गांधी लगातार ट्वीट पर ट्वीट कर अपनी ही सरकार की नीतियों पर सवालिया निशान खड़े करते नजर आ रहे हैं।
ये हैं वरुण के सरकार पर पहले के ट्वीट वार
- इससे पहले वरुण गांधी ने SSC GD 2018 की परीक्षा पास कर चुके अभ्यर्थियों का एक वीडियो ट्वीट किया था। ये अभ्यार्थी 47 डिग्री तापमान में नागपुर से दिल्ली तक का पैदल आ रहे हैं। इन अभ्यर्थियों का मेडिकल भी हो चुका है, लेकिन उसके बाद भी इन्हें ज्वाइनिंग लेटर नहीं मिला है। उसी के विरोध में ये लोग पैदल मार्च कर रहे हैं। वरुण ने ट्वीट करके इन अभ्यार्थियों को रोजगार देने की मांग की थी।
- कुछ दिन पहले वरुण ने सीएम योगी को संविदाकर्मियों की मांगों को लेकर घेरा था। उन्होंने सीएम को एक पत्र लिखकर कहा था कि आपने संविदाकर्मियों को उनकी मांगों को लेकर आश्वासन दिया था। इसके ढाई महीने बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
- वरुण 19 दिसंबर को सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे संविदाकर्मियों के कार्यक्रम में पहुंचे थे। वहां उनके बीच बैठकर उनकी समस्याएं सुनी थीं।
- UPTET पेपर लीक मामले में वरुण ने सरकार से पूछा था कि आखिर रसूखदारों पर एक्शन कब होगा? उन्होंने कहा था कि ज्यादातर शिक्षण संस्थानों के मालिक राजनीतिक रसूखदार हैं।
- कृषि कानून और किसानों के मुद्दे पर भी वरुण सरकार के लिए कई बार असहज स्थिति उत्पन्न कर चुके हैं। उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार को कई बार लेटर लिखा था। इसमें किसानों की मांग को पूरा करने की बात कही थी।
- वरुण गांधी ने एक किसान के फसल जलाने पर भी BJP को घेरा था। उन्होंने लिखा था कि यूपी के किसान समोध सिंह पिछले 15 दिनों से अपनी धान की फसल को बेचने के लिए मंडियों में मारे-मारे फिर रहे थे, जब धान बिका नहीं तो निराश होकर इसमें स्वयं आग लगा दी।
- वरुण ने केंद्र सरकार के बैंकों के निजीकरण का भी विरोध किया था। वहीं अमेजन, फ्लिपकार्ट पर भी हमला किया था। उन्होंने कहा था कि किसानों के हित में केवल वह खड़े हुए थे। इसका विरोध करने की बाकी किसी भी सांसद की हिम्मत नहीं हुई थी।
- गन्ना मूल्य को लेकर परोक्ष रूप से राजनीतिक दलों पर कटाक्ष करते हुए वरुण ने कहा कि टिकट कटने के डर से पार्टी के नेता ऐसे मुद्दे नहीं उठाते। उन्हें इसका कोई डर नहीं है, क्योंकि उनके परिवार ने निर्दलीय भी चुनाव जीता है।