डॉ. मरावी पर रहम क्यों …? डीजीपी, टीआई को 17 जून को मिल गई थी नर्सों की शिकायत; लेकिन अब तक एफआईआर नहीं

हमीदिया अस्पताल में 50 से ज्यादा नर्सों से छेड़छाड़ और दुष्कर्म की कोशिश के मामले में भले ही अधीक्षक डॉ. दीपक मरावी को जांच समिति से क्लीन चिट मिल गई हो, लेकिन मामले में पुलिस का झूठ सामने आ गया है। दरअसल, नर्सों ने 15 जून को स्पीड पोस्ट के जरिये सीएम, गृह मंत्री, डीजीपी और कोहेफिजा थाना प्रभारी को अपनी शिकायत भेज दी थी।

गृहमंत्री को यह शिकायत 16 जून तो मुख्यमंत्री, डीजीपी, थाना प्रभारी को 17 जून को मिल गई थी। बावजूद इसके पुलिस ये कहती रही कि उन्हें शिकायत नहीं मिली है। 19 जून को जब भास्कर ने कोहेफिजा थाना पहुंचकर नर्सों का आवेदन थाना प्रभारी अनिल बाजपेयी को दिया, तब उन्होंने कहा था कि ऐसे गंभीर मामलों में शिकायती आवेदन पीड़िता से ही ले सकते हैं। अब जब साफ हो गया है कि खुद पीड़ित नर्सों की ओर से भेजा गया आवेदन 17 जून को कोहेफिजा थाने पहुंच गया था तो जिम्मेदारों ने प्रकरण दर्ज करने के बजाय स्पीड पोस्ट को ही दबा लिया।

जांच से क्यों भाग रहे… अब जीएमसी डीन डॉ. राय भी गए अवकाश पर

मामले की जांच अभी पूरी नहीं हुई है और जीएमसी के डीन डॉ. अरविंद राय भी अवकाश पर चले गए हैं। सोमवार को डॉ. राय ने डीन का प्रभार चर्म रोग विभाग की एचओडी डॉ. एना एलेक्स को प्रभार दिया है। इससे पहले जीएमसी की डिप्टी रजिस्ट्रार अमृता बाजपेयी और अधीक्षक डॉ. मरावी भी छुट्‌टी पर जा चुके हैं।

सीएम ऑफिस को 17 तो गृहमंत्री को 16 जून को मिली थी शिकायत
सीएम ऑफिस को 17 तो गृहमंत्री को 16 जून को मिली थी शिकायत

पुलिस अब बोली… गवाहों के बयान के आधार पर कार्रवाई

कोई स्पीड पोस्ट आया है तो अभी तक मुझे नहीं मिला है। जो भी डाक आती है वह स्टाफ रिसीव करता है। जो मेरे सामने रखी जाती है। अगर शिकायत आई है तो जांच में लेंगे। गवाहों को तलब करेंगे, बयानों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
– अनिल बाजपेयी, थाना प्रभारी, कोहेफिजा

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