मोदीनगर: पुलिस के उत्पीड़न से त्रस्त लोगों ने घरों पर लगाए पलायन के पोस्टर, सीओ ने दिलाया न्याय का भरोसा

ग्रामीणों का आरोप है कि गांव के ही हिस्ट्रीशीटर के साथ मिलकर पुलिस लोगों को परेशान कर रही है। पोस्टर चस्पा होने के दौरान दो परिवार तो सामान की गठरी बांधकर घर से चल भी दिए।
मोदीनगर के निवाड़ी थाना पुलिस से परेशान सारा गांव के लोगों ने अपने घरों के बाहर पलायन के पोस्टर चस्पा कर लिए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि गांव के ही हिस्ट्रीशीटर के साथ मिलकर पुलिस लोगों को परेशान कर रही है। पोस्टर चस्पा होने के दौरान दो परिवार तो सामान की गठरी बांधकर घर से चल भी दिए लेकिन ग्रामीणों ने उन्हें समझाकर रोका।

मामला अधिकारियों तक पहुंचा तो सीओ ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को न्याय का भरोसा दिया। गांव पहुंचे निवाड़ी एसओ और क्षेत्र के दरोगा को ग्रामीणों और महिलाओं ने खूब खरी खोटी सुनाई।

निवाड़ी थाना क्षेत्र के गांव सारा के ग्रामीणों ने पुलिस पर एक हिस्ट्रीशीटर की शह पर निर्दोष लोगों के उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए शनिवार को तहसील मुख्यालय पर प्रदर्शन किया था। दारोगा हितेश पर लोगों को जबरन अवैध हिरासत में रखकर उनसे रकम वसूली का आरोप लगाया था।

ग्रामीणों का आरोप है कि प्रदर्शन की जानकारी लगने के बाद बौखलाए आरोपी हिस्ट्रीशीटर ने शनिवार रात उनके यहां पहुंचकर गाली-गलौज की और गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी। इतना ही नहीं हिस्ट्रीशीटर ने ग्रामीणों पर पुलिस का रौब भी झाड़ा तथा दोबारा आंदोलन करने पर फर्जी मुकदमों में जेल भिजवाने की धमकी दी।

लोगों ने निवाड़ी पुलिस पर भी गांव पहुंचकर गाली-गलौज करने का आरोप लगाया। देर रात हुई घटना के बाद 25 से अधिक परिवारों तौसिफ, मोमिन, तैयब, शौकिन, राहिल, सानिद, यामीन, सलीम, कामिल तथा इस्ताखर आदि सहित ने रविवार सुबह अपने घरों के बाहर पलायन के पोस्टर चस्पा कर दिए।

ग्रामीणों का आरोप है कि दारोगा हितेश हिस्ट्रीशीटर की शह पर निर्दोष लोगों को उठाकर उनकी बेरहमी से पिटाई करता है तथा मोटी रकम लेने के बाद उन्हें छोड़ता था। रविवार दोपहर दो परिवार अपना समेट कर वहां से चल दिए। अन्य ग्रामीणों ने उन्हें किसी तरह समझाया। इसी बीच मामले की जानकारी लगने के बाद सीओ सुनील कुमार सिंह गांव सारा पहुंचे और ग्रामीणों को न्याय का भरोसा दिया।

सीओ ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। थानाध्यक्ष मनोज कुमार दारोगा हितेश के साथ गांव सारा पहुंचे, जहां ग्रामीणों ने उन्हें खूब खरी खोटी सुनाई। दोनों के सामने ही ग्रामीणों ने निर्दोष लोगों को अवैध हिरासत में रखने और उनसे मोटी रकम लेकर छोड़ने का आरोप लगाया। ग्रामीणों ने स्पष्ट कर दिया कि अगर उत्पीड़न नहीं रुका तो उनके सामने पलायन के अलावा और कोई रास्ता नहीं है।

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