उस सुबह की कहानी जब लाल किले पर पहली बार फहराया था तिरंगा, शहनाई की धुन से हुआ था आजादी का स्वागत

Independence Day 2022 Special: 15 अगस्‍त 1947 यानि जिस दिन भारत को आजादी मिली थी, उस दिन भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने दिल्ली में लाल किले के लाहौरी गेट पर तिरंगा फहराया था.
15 August 1947 History: भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. देश में स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) इसबार ना सिर्फ और ज्यादा खास है बल्कि इसे लेकर देशभर में तैयारियां भी काफी खास की जा रही हैं. 15 अगस्‍त 1947 यानि जिस दिन भारत को आजादी मिली थी, इस दिन का हर भारतीय के लिए एक अलग ही भाव है. लेकिन इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज इस दिन देश में हुआ क्या था. आज आपको बताएंगे. अंग्रेजों के 200 वर्षों के शासन का खात्मा और दिल्ली (Delhi) में लालकिले (Red Fort) पर भारत के ध्वज के फहराने की वो ऐतिहासिक घटना हर किसी के लिए गर्व का पल रही है.

 जवाहर लाल नेहरूने फहराया था झंडा

15 अगस्त 1947 को भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने दिल्ली में लाल किले के लाहौरी गेट पर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया था. पंडित जवाहरलाल नेहरू का वो पहला भाषण जो उन्होंने 14-15 अगस्त की आधी रात को राष्ट्रपति भवन से दिया था वो अभी भी लोगों की यादों में बसा है. पंडित नेहरू ने अपने पहले भाषण में कहा था कि कई वर्षों पहले देश के भाग्य को बदलने की कोशिश शुरू हुई थी और अब वक्त आ गया है कि देश अपनी प्रतिज्ञा को पूरी करे. पंडित नेहरू ने अपने पहले संबोधन में कहा था कि आज रात 12 बजे जब पूरी दुनिया सो रही होगी उस वक्त भारत एक आजाद जीवन के साथ नई शुरूआत कर रहा होगा.

 बिस्मिल्लाह खां ने शहनाई की धुन से किया स्वागत

वहीं 15 अगस्त 1947 को आजादी की पहली सुबह की शुरुआत बिस्मिल्लाह खां ने शहनाई की धुन से की थी. पंडित नेहरू ने इच्छा जताई थी कि इस मौके पर बिस्मिल्लाह खां शहनाई वादन करें. जिसके बाद आजादी की पूर्व संध्या पर ढूंढकर बुलावा भेजा गया. जिसके बाद बिस्मिल्लाह खां और उनके साथियों ने राग बजा कर आजादी की सुबह का संगीतमय स्वागत किया था. इसके बाद पंडित नेहरु ने ध्वजारोहण किया था.  देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाने की तैयारी कर रहा है. देशभर में जश्न की तैयारी चल रही है. आजादी की पहली सुबह पर भी देश में भारी उत्साह का माहौल था और उस वक्त भी हजारों की भीड़ लालकिले पर जश्न मनाने के लिए जुटी थी.

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