भोपाल : नए डायरेक्टर ने एम्स की व्यवस्थाओं में सुधार की योजना बताई, 950 से बढ़ाकर 1300 बेड करेंगे; लेकिन 8 साल से 623 पद खाली
सुधार की योजना …?
- डायरेक्टर ने कहा- खोई साख को वापल लाना ही लक्ष्य
- दवाई, जांच और इम्प्लांट के लिए बाहर नहीं जाना होगा
एम्स की खोई साख को वापस लाने का लक्ष्य लेकर ही मैं आया हूं। मैं चाहता हूं कि यहां आने वाला कोई भी मरीज बिना इलाज के वापस नहीं लौटे। यही वजह है कि हम बेड बढ़ा रहे हैं। अभी 950 बेड हैं। 150 बेड पहले अतिरिक्त चलाए गए थे, जिन्हें फिर शुरू करंगे। यही नहीं सभी डिपार्टमेंट में 15 से 20 प्रतिशत बेड बढ़ाए जाएंगे। इस तरह एम्स में बेड बढ़कर 1300 हो जाएंगे। ये दावा एम्स के नए डायरेक्टर डॉ. अजय सिंह ने बुधवार को पत्रकारों से चर्चा के दौरान किया।
हालांकि, उनके सामने चुनौती यह भी है कि एम्स में डाॅक्टर, ग्रुप ए, नॉन फैकल्टी और नर्सिंग ऑफिसर समेत कुल 1857 पद स्वीकृत हैं, पर इनमें से 1234 पद ही भरे हैं। 623 पद यानी 33.54 प्रतिशत पद खाली हैं। सबसे ज्यादा परेशानी यह है कि ग्रुप ए के 214 में से करीब 40 पद ही भरे हैं, इसलिए प्रशासनिक क्रियाकलापों के लिए डॉक्टरों को प्रभार देना पड़ता है। इससे मरीजों के इलाज समेत दूसरे काम प्रभावित होते हैं। डॉ. सिंह ने एम्स की व्यवस्थाओं में सुधार की विस्तृत योजना बताई।
गंभीर मरीजों को दिया जाएगा फ्री इलाज
डॉ. सिंह ने बताया कि ट्रामा और इमरजेंसी में आने वाले किसी भी मरीज को पैसे के अभाव में इलाज के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। अगर मरीज के पास पैसा नहीं है तो कंसल्टेंट और रेजीडेंट अपने साइन से फॉर्म भरकर देंगे जिसके आधार पर मरीज को 24 घंटे तक फ्री इलाज की सुविधा दी जाएगी।
दवाई, जांच और इम्प्लांट के लिए बाहर नहीं जाना होगा
मरीजों को जरूरी दवाएं, जांच और इम्प्लांट की सुविधा एम्स में दिलाएंगे। इसके लिए एम्स अपने दवा काउंटर खोलेगा। जांच के लिए जरूरी केमिकल आदि की कमी नहीं होने दी जाएगी। एम्स की ओर से दवाइयों पर 40 से 60 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। ये सुविधा मरीजों के लिए 24 घंटे उपलब्ध रहेगी।
यह भी हैं भविष्य की योजनाएं
- अभी 44 में से 42 डिपार्टमेंट काम कर रहे हैं। 6 नए डिपार्टमेंट की मंजूरी के लिए प्रयास शुरू किए हैं।
- ओपीडी, आईपीडी व पैसा जमा करने वाले काउंटर की संख्या बढ़ाई जाएगी। इमरजेंसी, ट्रामा के अलग-अलग काउंटर को सेंट्रलाइज्ड करेंगे।
- आईसीयू में अलग डायलिसिस सेंटर की व्यवस्था करेंगे, ताकि वहां के मरीजों को परेशान नहीं होना पड़े। ओटी, इमरजेंसी और ट्रामा यूनिट के स्टाफ का रिडिस्ट्रीब्यूशन इसी हफ्ते में किया जाएगा।