जांच के घेरे में आबकारी नीति: कैसे फंसे मनीष सिसोदिया, जानिए क्या है पूरा मामला?

आबकारी नीति मामले में मनीष सिसोदिया के घर पर सीबीआई ने छापा मारा है। इसकी जानकारी उन्होंने ट्वीट कर दी है। इसके साथ ही उन्होंने सरकार पर निशाना भी साधा है।
आबकारी नीति मामले में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के आवास समेत 21 जगहों पर सीबीआई की छापेमारी चल रही है। आबकारी नीति मामले में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के आवास समेत 21 जगहों पर सीबीआई की छापेमारी चल रही है। दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर जानकारी दी कि सीबीआई आई है, जिसका स्वागत है। हम कट्टर ईमानदार हैं। लाखों बच्चों का भविष्य बना रहे हैं। बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे देश में जो अच्छा काम करता है उसे इसी तरह परेशान किया जाता है। इसीलिए हमारा देश अभी तक नंबर-1 नहीं बन पाया है।

यह है मामला
दरअसल एलजी ने दिल्ली के सचिव की एक रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। 8 जुलाई को यह रिपोर्ट भेजी गई थी। जिसमें पिछले साल लागू की गई आबकारी नीति पर सवाल उठाए गए थे। जिसमें आबकारी नीति (2021-22) बनाने और उसे लागू करने में लापरवाही बरतने के साथ ही नियमों की अनदेखी और नीति के कार्यान्वयन में गंभीर चूक के आरोप हैं। इसमें अन्य बातों के साथ-साथ निविदा को अंतिम रूप देने में अनियमितताएं और चुनिंदा विक्रेताओं को टेंडर के बाद लाभ पहुंचाना भी शामिल है। रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया कि शराब बेचने की वालों की लाइसेंस फीस माफ करने से सरकार को 144 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। आबकारी मंत्री के तौर पर मनीष सिसोदिया ने इन प्रावधानों की अनदेखी की है।

पहले भी कई जांच और रेड हुईं
सीएम केजरीवाल ने कहा कि हम दिल्ली के अच्छे कामों को रुकने नहीं देंगे। जिस दिन अमेरिका के सबसे बड़े अखबार एनवाईटी के फ्रंट पेज पर दिल्ली शिक्षा मॉडल की तारीफ और मनीष सिसोदिया की तस्वीर छपी, उसी दिन मनीष के घर केंद्र ने सीबीआई भेजी। सिसोदिया की तरह केजरीवाल ने भी कहा कि सीबीआई का स्वागत है। पूरा सहयोग करेंगे। पहले भी कई जांच और रेड हुईं लेकिन कुछ नहीं निकला। अब भी कुछ नहीं निकलेगा।

एलजी ने पूर्व आबकारी आयुक्त समेत 11 अधिकारियों को किया निलंबित
इससे पहले दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना ने 7 अगस्त को आबकारी नीति में भ्रष्टाचार और नीति लागू करने में बरती गई अनियमितताओं के आरोप में 11 अधिकारियों को निलंबित कर दिया। एलजी ने सतर्कता निदेशालय (डीओवी) की जांच रिपोर्ट को आधार बनाकर कार्रवाई की। उन्होंने पूर्व आबकारी आयुक्त आरव गोपी कृष्ण (आईएएस) और तत्कालीन उपायुक्त आनंद कुमार तिवारी (दानिक्स) समेत सभी आरोपियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने की विजिलेंस को मंजूरी भी दी।

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