आगरा : रिहायशी इलाके में चल रहीं अवैध फैक्ट्रियां …?

रातभर उगलती हैं धुआं, प्रदूषण विभाग नहीं कर रहा कार्रवाई, हादसे की आशंका …

थाना सदर क्षेत्र में चोरी छिपे कई घरों में कारखाने संचालित हो रहे हैं। रात भर इन कारखानों से धुआं निकलता रहता है। फायर और प्रदूषण विभाग की बिना एनओसी से संचालित इन फैक्ट्रियों से आसपास के लोगों को जान का खतरा बना हुआ है। ताजमहल से थोड़ी दूर सदर क्षेत्र में घरों में संचालित फैक्ट्रियां फायर और प्रदूषण विभाग की सतर्कता पर सवाल उठा रही हैं। यहां तार बनाने फैक्ट्रियां चल रही हैं। ग्वालियर रोड सेवला जाट के त्यागी नगर में गुपचुप तरीके से फैक्ट्रियों में रात में काम होता है। स्थानीय लोग कई बार विरोध कर चुके हैं। विरोध करने पर कुछ दिन काम बंद रहता है और फिर विभागीय अफसरों की मिलीभगत से काम शुरू कर दिया जाता है। धुआं और शोर के चलते आसपास के लोग परेशान हैं।

मुख्यमंत्री पोर्टल और डीएम से की शिकायत
स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां त्यागी नगर क्षेत्र में घरों में कई कारखाने संचालित हैं। उनसे दिनरात धुंआ निकलता रहता है। ध्वनि व प्रदूषण से आसपास के लोगों का जीना मुश्किल हो रहा है। महामारी के संकट के समय प्रदूषण के चलते यहां लोगों को सांस लेना मुश्किल था। शिकायत होने पर कुछ दिन काम बंद रहा। विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से फिर से चोरी-छिपे फैक्ट्रियां संचालित हैं। क्षेत्र में आग लगने या विस्फोट जैसी कोई भी बड़ी घटना होने की आशंका रहती है। आसपास के लोग डरे-सहमे रहते हैं। मामले में लोगों ने मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल और डीएम के यहां शिकायत दर्ज कराई है।
मिलीभगत से चल रहीं अवैध फैक्ट्रियां
ताज ट्रिपोजियम जोन सीमा के अंतर्गत कोई प्रदूषण इकाई नहीं चल सकती। धुआं छोड़ने वाली फैक्ट्रियां अवैध है। यहां पेठे की भटि्टयों में कोयला का प्रयोग तक प्रतिबंधित है। और तो और शहर और ताजमहल के आसपास के गांव में लोग उपलों पर रोटी नहीं बना सकते हैं, ताकि धुंआ प्रदूषण न हो। ऐसे में आगरा में नुनिहाई, सेवला, नरायच, यमुना किनार, शास्त्रीपुरम के आसपास रिहायशी इलाकों में चोरी छिपे ध्वनि और वायु प्रदूषण फैला रहीं फैक्ट्रियां चल रही हैं। इन जगहों पर कांच के सामान, कांटेदार तार, कबाड़ा और वेस्ट की कटाई करने वाली मशीनें लगी हुई हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि विभाग के कुछ भ्रष्ट लोगों की मिलीभगत से ये फैक्ट्रियां चल रही हैं। शिकायत होने पर कुछ दिन के लिए बंद कर दी जाती हैं, बाद में फिर चालू कर दी जाती हैं।

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