13 में से सिर्फ 7 बसें ही दौड़ रहीं शहर में, छह बसें खड़ी-खड़ी हो रहीं कंडम
ग्वालियर स्मार्ट सिटी की सूची में जरूर शामिल है, लेकिन पब्लिक ट्रांसपोर्ट के नाम पर अभी भी लोग टेंपो और ऑटो में धक्के खाने को मजबूर हैं। इंदौर और भोपाल में 2023 से मेट्रो दौड़ाने की…
ग्वालियर. ग्वालियर स्मार्ट सिटी की सूची में जरूर शामिल है, लेकिन पब्लिक ट्रांसपोर्ट के नाम पर अभी भी लोग टेंपो और ऑटो में धक्के खाने को मजबूर हैं। इंदौर और भोपाल में 2023 से मेट्रो दौड़ाने की तैयारियां चल रही हैं, जबकि हमारे शहर में सिटी बस की सुविधा भी लोगों को नसीब नहीं हो रही है। स्मार्ट सिटी डवलपमेंट कॉर्पोरेशन की सिटी बसें काफी समय से बंद हैं। हालांकि मई में निगमायुक्त किशोर कान्याल के आदेश पर सिटी बसों का संचालन फिर शुरू किया गया था। बसें चलने से लोगों को बेहतर सुविधा मिल रही थी, लेकिन अब यह बसें सड़कों पर दौडऩे की बजाय डिपो में खड़ी हैं और कंडम हो रही हैं। स्मार्ट सिटी के अधिकारियों के मुताबिक वर्तमान में सिर्फ 7 बसें ही चल रहीं हैं।
शहरवासियों को बेहतर सुविधा देने के लिए 2017-18 में 13 सिटी बसें शहर में शुरू की गई थीं। इनमें से 6 बसें दीनदयाल नगर से महाराज बाड़ा और 6 बसें पुरानी छावनी से महाराज बाड़ा तक चलाई जा रही थीं। एक बस रिजर्व में रखी गई थी। बसों को शुरुआत में यात्रियों का अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा था, लेकिन बाद में टेंपो चालकों की मनमानी से सवारी न मिलने के कारण कई बार सिटी बसों को बंद करना पड़ा। टेंपो चालक बसों के आगे टेंपो लगाकर संवारियां भरते हैं, जिससे बसों में सवारियां नहीं आतीं। बस चालकों द्वारा विरोध करने पर वह मारपीट पर उतारू हो जाते हैं। इसके बाद भी परिवहन विभाग टेंपो पर अंकुश नहीं लगा पा रहा है।
सिटी बसों के सड़कों पर न दिखने की वजह जानने के लिए पत्रिका टीम सोमवार को स्मार्ट सिटी के बस डिपो पर पहुंची। यहां 6 बसें मौके पर खड़ी मिलीं। उन पर काफी धूल जमा थी, जिसे देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह बसें लंबे समय से नहीं चल रही हैं। इनमें एक बस में कपड़े सूखते हुए मिले, जबकि एक बस का शीशा टूटा हुआ था। ये बसें नशेडिय़ों का अड्डा बन चुकी हैं। बसों के आसपास शराब की खाली बोतलें पड़ी हुई थीं। करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी ये बसें कबाड़ा हो रही हैं।
पब्लिक डिमांड के अनुसार रूटों पर 7 बसें चल रहीं हैं। बाकी बसों के पाट््र्स खराब होने से वह सड़कों पर नहीं दिख रहीं हैं। कोविड के बाद से बसों के पाट््र्स समय से नहीं आ पा रहे हैं, पाट््र्स आते ही बसों की मरम्मत करवाकर संचालन शुरू कर दिया जाएगा।
स्वप्निल श्रीवास्तव, प्रभारी बस सेवा स्मार्ट सिटी