अब नहीं चलेगी पतियों की सरपंची …!
सरपंच पतियों ने पंचायत का संचालन किया तो जाएगी पत्नियों की सरपंची ..
- कलेक्टर ने जारी किए आदेश
ग्वालियर कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह द्वारा जिले की सभी जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को लिखित में एक नए आदेश जारी किए गए हैं जारी किए गए निर्देश में सरपंच या पंच के पद पर निर्वाचित महिला प्रतिनिधि के स्थान पर यदि उनके पति या किसी अन्य परिजन ग्राम पंचायत या ग्राम सभा की बैठक में भाग लिया जाए तो ऐसी महिला सरपंचों व पंचों को पद से तत्काल हटाने की कार्रवाई प्रस्तावित करें।
कलेक्टर कौशल विक्रम सिंह ने 20 सितंबर 2022 को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने त्रि-स्तरीय पंचायतों के लिये चुनी गईं महिला जनप्रतिनिधियों के सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास में महिलाओं की भूमिका को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। विभाग ने स्पष्ट किया है कि महिला पदाधिकारियों के स्थान पर ग्राम पंचायत व ग्राम सभा की बैठकों का संचालन उनके पति अथवा परिजनों द्वारा किया जाना वर्जित है। बता दें कि त्रि-स्तरीय पंचायत राज संस्थाओं में महिलाओं के प्रतिनिधित्व को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से जिला, जनपद व ग्राम पंचायतों में 50 प्रतिशत पद महिलाओं के लिये आरक्षित किए गए हैं।
जनपद पंचायत CEO को दिए गए निर्देश
कलेक्टर ने पत्र के जरिए सभी जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को सूचित किया है कि महिला जनप्रतिनिधियों के स्थान पर उनके पतियों द्वारा बैठकों के संचालन संबंधी शिकायतों को गंभीरता से लें। साथ ही समय-सीमा में कार्रवाई करें। कलेक्टर ने इन निर्देशों का कड़ाई से पालन करने की सभी अधिकारियों हिदायत दी है।
ग्वालियर-चंबल में है पतियों के बैठक लेने की परंपरा
ग्वालियर-चंबल अंचल के गांव में परंपरा है कि महिला सरपंच की जगह बैठकों में उनके पति भाग लेते हैं और आदेश निर्देश जारी करते हैं। सिर्फ हस्ताक्षर के लिए महिला सरपंच को लाया जाता है। इससे महिलाओं को मिलने वाले 50 प्रतिशत भागीदारी के साथ अन्याय हो रहा है।यही कारण है कि कलेक्टर ग्वालियर ने यह फैसला लिया है।