राजनीति में परिवारवाद …?

बेटा-बेटी और भतीजे के लिए चार पूर्व मंत्री मैदान छोड़ चुके, 12 के रिश्तेदार कतार में ..

भाजपा हाईकमान ने भले ही परिवारवाद पर समझौता न करने को लेकर क्राइटेरिया साफ किया है, लेकिन मप्र में अभी तक पार्टी के चार बड़े नेताओं ने बेटा-बेटी के लिए चुनाव मैदान छोड़ दिया है। पूर्व मंत्री गौरीशंकर शेजवार और हर्ष सिंह ने विधानसभा चुनाव में बेटे के लिए चुनाव मैदान छोड़ा था।

अब दो पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन और नागेंद्र सिंह ने चुनाव लड़ने से इनकार किया है। इसके अलावा 12 नेता हैं, जिनके अपने टिकट की दावेदारी में है। इससे पहले नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों में भी भाजपा नेताओं ने बेटे-बहू और नजदीकी रिश्तेदारों को चुनाव लड़ाया और इनके लिए पूरी ताकत लगाई थी। अब विधानसभा चुनाव में किस नेता के बेटे या बेटी को टिकट मिलेगा, ये गाइडलाइन ही तय करेगी।

राष्ट्रीय महासचिव विजयवर्गीय सहित कई छोड़ चुके सीट

सबसे पहले बालाघाट से विधायक गौरीशंकर बिसेन ने चुनाव लड़ने से इनकार किया है। वे पूर्व मंत्री और सात बार के विधायक हैं। उम्र 70 वर्ष है। उन्होंने बेटी मौसम बिसेन को भावी विधायक कहकर चुनावो के लिए आगे किया है। भोपाल में एक बड़ा डिनर दे चुके हैं। इधर, नागौद से विधायक नागेंद्र सिंह ने सोमवार को बयान दिया कि अगला चुनाव नहीं लड़ेंगे। उनकी उम्र 80 साल है। बताया जा रहा है कि नागेंद्र सिंह अपने दोनों बेटों या फिर भतीजे में से किसी एक के लिए दावेदारी करेंगे। गुढ़ से चार बार के विधायक नागेंद्र सिंह भी अपने बेटों के लिए सीट छोड़ सकते हैं। उनकी उम्र भी 82 साल हो चुकी है। पूर्व मंत्री गौरीशंकर शेजवार दोबारा बेटे मुदित के लिए टिकट मांगेंगे। वहीं जयंत मलैया बेटे सिद्धार्थ के लिए प्रयास करेंगे। राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी बेटे आकाश के लिए सीट छोड़ दी थी।

ये नेता पुत्र दावेदारी में आगे

उम्रदराज मंत्रियों में गोपाल भार्गव अपने बेटे अभिषेक को लड़ाना चाहते हैं। प्रभात झा ने बेटे तृष्मुल और सूर्यप्रकाश मीणा ने देवेश के लिए दावेदारी जताई है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे देवेंद्र, सुमित्रा महाजन के बेटे मंदार, दिवंगत नंदकुमार सिंह चौहान के बेटे हर्षवर्धन सिंह चौहान दौड़ में अभी से हैं। ऐसे ही विजय शाह बेटे दिव्यादित्य शाह, विधायक सुलोचना रावत बेटे विशाल रावत को आगे बढ़ा रहे हैं। पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह ने मुरैना से अपने बेटे राकेश सिंह के लिए दावेदारी तेज कर दी है।

ये कहा था पीएम ने

परिवारवादी पार्टी हमारे देश के लोकतंत्र और युवाओं की सबसे बड़ी दुश्मन है। परिवारवादी पार्टियां केवल अपने विकास के बारे में सोचती हैं।
(मई में हैदराबाद के कार्यकर्ता सम्मेलन में)

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