रूस में यूक्रेन के हिस्सों को मिलाने के खिलाफ अमेरिका-अल्बानिया लाए निंदा प्रस्ताव, भारत ने नहीं किया मतदान
रूस में यूक्रेन के हिस्सों के विलय के खिलाफ अमेरिका और अल्बानिया संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में निंदा प्रस्ताव लाए, जिसमें भारत समेत चार देशों मे मतदान नहीं किया.
यूक्रेन के चार क्षेत्रों- लुहांस्क (Luhansk), डोनेट्स्क (Donetsk), जैपोरिजिया (Zaporizhzhia) और खेरसॉन (Kherson) को रूस में विलय करने के खिलाफ शुक्रवार (30 सितंबर) को अमेरिका व अल्बानिया (Albania) संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में मसौदा प्रस्ताव लाए. 15 देशों को इस प्रस्ताव पर मतदान करना था, जिनमें भारत (India) भी शामिल था. भारत इसे लेकर तटस्थ रहा और मतदान से दूरी बना ली. भारत पहले भी कई मौकों पर रूस के खिलाफ प्रस्तावों पर तटस्थ रहा है. हालांकि, रूस ने प्रस्ताव के खिलाफ वीटो इस्तेमाल करते हुए इसे पारित नहीं होने दिया.
अमेरिका और अल्बानिया की ओर से लाए गए प्रस्ताव को लेकर भारत समेत चार देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया. 10 देशों ने प्रस्ताव के समर्थन में मतदान किया. प्रस्ताव में रूस की ओर से यूक्रेन में कराए गए जनमत संग्रह को अवैध बताया गया है और इसकी निंदा की गई है. प्रस्ताव कहा गया है कि रूस तत्काल प्रभाव से यूक्रेन से अपनी सेना वापस बुलाए. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने गुरुवार (29 सितंबर) को कहा कि धमकी या ताकत का इस्तेमाल करके किसी अन्य देश के हिस्सों पर कब्जा करना यूएन चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों का उल्लंघन है.
जनमत संग्रह में इतने फीसदी लोगों ने रूस के पक्ष में किया वोट
यूक्रेन के चार क्षेत्रों लुहांस्क, डोनेट्स्क, जैपोरिजिया और खेरसॉन में रूस समर्थित अलगाववादी नेताओं और अधिकारियों ने 23 से 27 सितंबर तक पांच दिवसीय जनमत संग्रह कराया था. दावा किया गया कि इन क्षेत्रों के लोगों ने रूस में शामिल होने के लिए समर्थन किया है. रिपोर्ट्स में बताया गया कि जनमत संग्रह में लुहांस्क में 98.4 फीसदी, डोनेट्स्क में 99.2 फीसदी, जैपोरिजिया में 93.1 फीसदी और खेरसॉन में 87 फीसदी लोगों ने रूस में शामिल होने के पक्ष में अपना मत दिया.
रूस के कदम पर यूरोपीय संंघ की प्रतिक्रिया
यूरोपीय संघ ने रूस के इस जनमत संग्रह की निंदा की है और यूक्रेन के क्षेत्रों के विलय को अवैध करार दिया है. यूरोपीय संघ में शामिल देशों के नेताओं ने कहा कि रूस में मिलाए गए क्षेत्रों को कभी मान्यता नहीं देंगे. यूरोपीय संघ ने रूस पर मौलिक अधिकारों, स्वतंत्रता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है.
वहीं, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने शुक्रवार को क्रेमलिन में आयोजित किए गए कार्यक्रम से पश्चिमी देशों पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पश्चिमी देश रूस को कॉलोनी बनाना चाहते हैं. पुतिन ने कहा कि रूस एक महान देश है और फर्जी अंतरराष्ट्रीय नियमों को स्वीकार नहीं करेगा.