शहर की 37 अवैध कॉलोनियां हाेनी हैं वैध, इनमें से 32 के कॉलोनाइजर को ही नहीं ढूंढ सकी नपा

अवैध बसाहट …

जनवरी में प्रदेश सरकार ने दिसंबर-2016 के पहले बसीं अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए गजट नोटिफिकेशन किया था। नगर पालिका ने शहर में ऐसी 37 अवैध कॉलोनी चिह्नित भी कर लीं लेकिन अब तक एक भी कॉलोनी को वैध करने की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी है। दरअसल, 37 में से 32 कॉलाेनियों के तो कॉलोनाइजर का ही नगर पालिका के अधिकारी पता नहीं लगा सके हैं। ऐसे में इन कॉलोनियों को वैध करने के लिए अनुमति उनमें निवास करने वाले भवन स्वामियों को लेना होगी।

तभी यह कॉलोनी वैध हो पाएंगी। वहीं बाकी 5 कॉलोनियों के कॉलोनाइजर से भी कंपाउंडिंग राशि जमा नहीं कराई जा सकी है। भिंड शहर से सटी ग्राम पंचायतों के खेतों में लगातार नई कॉलोनियां काटी जा रही हैं। इन कॉलोनियों में विकास के नाम पर न तो सड़कें हैं न स्ट्रीट लाइटें और पेयजल की सुविधा। नगरपालिका भी इन कॉलोनियों में विकास कार्य कराने में आनाकानी करती है। ऐसे इन कॉलोनियों के वैध होने पर नगरपालिका न केवल इनमें विकास कार्य करा सकेगी।

बल्कि लोगों को निर्माण कार्य की अनुमतियां भी मिलना शुरू हो जाएंगीं। साथ ही नपा को भी जल कर, संपत्ति कर के रूप में राजस्व प्राप्त होने लगेगा। लेकिन समस्या यह है कि सरकार के गाइड लाइन के अनुसार अवैध कॉलोनी को वैध करने के लिए कॉलोनाइजन को डवलपमेंट चार्ज जमा कराना होगा। इसके बाद ही उन्हें एनओसी जारी की जाएगी।

यह अवैध कॉलोनी होनी हैं वैध
कुशवाह कॉलोनी, जोशी नगर, हरियल बाग, एसएएफ के सामने, गोविंद नगर, यादव कॉलोनी, ओझा नगर, श्रीकृष्ण नगर, भट्‌टा कॉलोनी, खंडेलवाल नगर, मातादीन का पुरा, अग्रवाल कॉलोनी भाग-1, भाग-2, डाक बंगला, देवीदयाल कॉलोनी, उर्मिला कॉलोनी, तुलसी नगर, कुम्हरौआ, सुरेंद्रप्रताप नगर, यदुनाथ नगर, सीता नगर, भीमनगर, रेखा नगर, मीरा कॉलोनी, सेंथिया नगर, शिवसदन कॉलोनी, चौबे वाली गली, अरविंद नगर, विजय नगर, विनोद नगर, भदौरिया नगर, राममूर्ति कॉलोनी, नबादा बाग कॉलोनी, चंदनपुरा और शिवाजी नगर को वैध करना है

वर्ष 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज ने बनाई थी योजना
विदित हो कि वर्ष 2015 के नगरीय निकाय चुनाव में तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने निकाय चुनाव के घोषणा पत्र में कहा था कि प्रदेश भर के शहरों, कस्बों में अवैध कॉलोनियों को वैध किया जाएगा। अक्टूबर 2018 में शिवराज सरकार ने कॉलोनियों को वैध करने की योजना बनाई थी। भिंड नगरपालिका ने शहर के 39 वार्डों में 37 कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया शुरू की। लेकिन आठ महीने बाद ही 2 जून 2019 को ग्वालियर हाईकोर्ट ने इन सभी कॉलोनियों को अवैध कर दिया था। इसके बाद कमलनाथ सरकार ने अवैध कॉलोनियों को वैध करने का निर्णय लिया और इसके केबिनेट में मंजूरी दी गई। वहीं अब सरकार ने विधि विशेषज्ञों की राय लेकर नियम में महत्वपूर्ण संशोधन करते हुए उन्हें फिर से वैध करने की प्रक्रिया प्रारंभ की है।

पांच कॉलोनाइजर चिह्नित
नगरपालिका ने शहर में 37 अवैध कॉलोनी चिह्नित की हैं, इनमें से पांच कॉलोनी के ही कॉलोनाइजर की जानकारी नगरपालिका को है। शेष कॉलोनी किसने बसाई हैं, यह लेखा-जोखा नगरपालिका के पास नहीं है। ऐसे में इन कॉलोनियों को अवैध से वैध करने के लिए कंपाउंडिंग का चार्ज उनमें निवास करने वाले भवन स्वामियों को देना होगा, तभी नगरपालिका उनकी कॉलोनी को वैध घोषित करते हुए उनमें मूलभूत सुविधाएं देना प्रारंभ करेगी।

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