मतदाताओं को जूते-साड़ी का प्रसाद !
मतदाताओं को जूते-साड़ी का प्रसाद चुनावों में मतदाता को यदि कुछ मिलता है तो उसे प्रलोभन कहना पाप है ,क्योंकि
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