मर्सीडीज की खामी हादसे की जिम्मेदार या सेफ्टी नियमों का उल्लंघन बनता है जानलेवा…

मर्सीडीज चला रहे थे ऋषभ पंत:मिस्त्री, PM के भाई का एक्सीडेंट भी मर्सीडीज में…जून में ही रिकॉल हुई थीं 10 लाख मर्सीडीज

लेकिन इस हादसे में कुछ ऐसा है जो ऋषभ पंत, टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री और PM नरेंद्र मोदी के भाई प्रह्लाद मोदी को एक साथ ला खड़ा करता है। दरअसल, इन तीनों की ही कार का एक्सीडेंट हुआ और तीनों ही हादसों में कार डिवाइडर से जा टकराई। खास बात ये है कि तीनों ही हादसों में कार कंपनी थी…मर्सीडीज बेंज।

भारत में कार हादसे कोई नई बात नहीं हैं। 2021 में ही 4.03 लाख रोड एक्सीडेंट हुए थे, जिनमें 1.53 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। इनमें से भी 22906 लोगों की मौत कार हादसों में हुई थी। कुल सड़क हादसों में से करीब 6% सुबह 3 बजे से 6 बजे के बीच हुए थे और दो हजार से ज्यादा हादसे ड्राइवर को झपकी आने की वजह से हुए थे।

ऐसे में ऋषभ पंत का कार एक्सीडेंट भी एक आम हादसे जैसा ही लगता है। फर्क सिर्फ इतना है कि मर्सीडीज बेंज जैसी महंगी लग्जरी गाड़ियों में इस तरह के हादसों की आशंका बहुत कम होती है।

यूं तो मर्सीडीज अपनी गाड़ियों के सबसे सुरक्षित होने का दावा करती है, मगर भारत में पहले भी इन महंगी जर्मन गाड़ियों के सेफ्टी फीचर्स पर सवाल उठ चुके हैं। अहमदाबाद में कभी मर्सीडीज की ही सबसे बड़ी डीलरशिप चलाने वाले कामा मोटर्स ने कंपनी के खिलाफ मंत्रालय से लेकर प्रतिस्पर्द्धा आयोग तक हर जगह शिकायत की थी।

जानिए, ऋषभ पंत का एक्सीडेंट सिर्फ ड्राइवर की गलती से हुआ एक आम हादसा था या कार की किसी गड़बड़ी की वजह से ऐसा हुआ।

पहले समझिए, मर्सीडीज पर क्यों उठ रहे हैं सवाल

2022 में तीन बड़े नाम मर्सीडीज के हादसे से जुड़े

4 सितंबर, 2022: साइरस मिस्त्री की कार हादसे में मौत

साइरस मिस्त्री जिस कार में बैठे थे, उसे उनकी पारिवारिक मित्र अनाहिता पंडोले चला रही थीं। कार में पंडोले के पति और ससुर भी मौजूद थे।
साइरस मिस्त्री जिस कार में बैठे थे, उसे उनकी पारिवारिक मित्र अनाहिता पंडोले चला रही थीं। कार में पंडोले के पति और ससुर भी मौजूद थे।

4 सितंबर को टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की महाराष्ट्र के पालघर के निकट एक कार एक्सीडेंट में मौत हो गई थी। कार मर्सीडीज थी जो उनकी पारिवारिक मित्र अनाहिता पंडोले चला रही थीं। हादसे में मिस्त्री के साथ ही उनके मित्र जहांगीर पंडोले की भी मौत हो गई थी।

27 दिसंबर, 2022: कार हादसे में PM नरेंद्र मोदी के भाई घायल

यह दुर्घटना के बाद प्रह्लाद मोदी की कार की तस्वीर है। पुलिस के मुताबिक कार ओवर स्पीड नहीं थी। ड्राइवर ने नियंत्रण खो दिया और कार डिवाइडर से टकरा गई।
यह दुर्घटना के बाद प्रह्लाद मोदी की कार की तस्वीर है। पुलिस के मुताबिक कार ओवर स्पीड नहीं थी। ड्राइवर ने नियंत्रण खो दिया और कार डिवाइडर से टकरा गई।
हादसे के बाद कर्नाटक के खेल मंत्री नारायण गौड़ा PM मोदी के भाई प्रह्लाद मोदी का हाल-चाल जानने के लिए अस्पताल भी पहुंचे थे।
हादसे के बाद कर्नाटक के खेल मंत्री नारायण गौड़ा PM मोदी के भाई प्रह्लाद मोदी का हाल-चाल जानने के लिए अस्पताल भी पहुंचे थे।

27 दिसंबर को कर्नाटक के मैसूरु में PM नरेंद्र मोदी के भाई प्रह्लाद मोदी भी एक कार एक्सीडेंट का शिकार हो गए। कार मर्सीडीज की SUV थी जो अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकरा गई। प्रह्लाद मोदी हादसे में घायल हो गए। उनके साथ उनका परिवार भी था। उनके पोते का पांव हादसे में फ्रैक्चर हो गया था।

30 दिसंबर, 2022: क्रिकेटर ऋषभ पंत कार हादसे में घायल

हादसे के बाद ऋषभ पंत की कार में आग लग गई थी।
हादसे के बाद ऋषभ पंत की कार में आग लग गई थी।
डॉक्टरों के मुताबिक ऋषभ पंत खतरे से बाहर हैं। मगर वे दोबारा क्रिकेट कब खेल पाएंगे यह आगे की जांच के बाद तय हो पाएगा।
डॉक्टरों के मुताबिक ऋषभ पंत खतरे से बाहर हैं। मगर वे दोबारा क्रिकेट कब खेल पाएंगे यह आगे की जांच के बाद तय हो पाएगा।

30 दिसंबर को उत्तराखंड के रुड़की में क्रिकेटर ऋषभ पंत की गाड़ी अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकरा गई। पंत की कार भी मर्सीडीज थी जो वे खुद चला रहे थे। पुलिस के मुताबिक हादसा सुबह 5:30 बजे के आस-पास पंत को झपकी आ जाने की वजह से हुआ।

साइरस मिस्त्री के हादसे की शुरुआती जांच में मर्सीडीज ने कहा था- टकराने से सिर्फ 5 सेकेंड पहले ब्रेक लगाए गए

साइरस मिस्त्री की कार एक पुलिया के कोने से टकराई थी। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक कार की स्पीड बहुत ज्यादा थी।
साइरस मिस्त्री की कार एक पुलिया के कोने से टकराई थी। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक कार की स्पीड बहुत ज्यादा थी।

साइरस मिस्त्री के कार हादसे के बाद मर्सीडीज गाड़ी के सेफ्टी फीचर्स पर सवाल उठने लगे थे। उस वक्त कंपनी ने खुद हादसे की जांच की थी।

शुरुआती जांच में कंपनी ने कहा था कि हादसे से पहले कार की स्पीड 100 किमी. प्रति घंटा के आस-पास थी। टकराते समय गाड़ी की स्पीड 89 किमी. प्रति घंटा थी। टकराने से सिर्फ 5 सेकेंड पहले ब्रेक लगाए गए थे।

हॉन्गकॉन्ग से कंपनी के एक्सपर्ट्स की एक टीम ने हादसे की विस्तृत जांच भी की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 29 सितंबर के आस-पास ये रिपोर्ट पालघर पुलिस को सौंपी गई थी, लेकिन इसे सार्वजनिक नहीं किया गया।

मर्सीडीज के ब्रेकिंग ट्रांसमिशन में खामी की ही शिकायत की थी कामा मोटर्स ने

ब्रेकिंग ट्रांसमिशन में गड़बड़ी होने पर कार के ब्रेक सही समय पर कार को नहीं रोक पाते हैं। सामान्य परिस्थितियों में ब्रेक सही काम करते हैं, मगर स्पीड ज्यादा हो या अचानक ब्रेक लगाने पड़ें तो दिक्कत हो सकती है।
ब्रेकिंग ट्रांसमिशन में गड़बड़ी होने पर कार के ब्रेक सही समय पर कार को नहीं रोक पाते हैं। सामान्य परिस्थितियों में ब्रेक सही काम करते हैं, मगर स्पीड ज्यादा हो या अचानक ब्रेक लगाने पड़ें तो दिक्कत हो सकती है।

अहमदाबाद में कभी मर्सीडीज की ही सबसे बड़ी डीलरशिप चलाने वाले कामा मोटर्स ने खुद मर्सीडीज की गाड़ियों की क्वालिटी पर सवाल उठाए थे।

कामा मोटर्स ने प्रतिस्पर्द्धा आयोग से लेकर केंद्रीय परिवहन मंत्रालय तक हर जगह कंपनी की शिकायत की थी। कामा मोटर्स के मालिक रुस्तम कामा ने कहा था कि कंपनी के एयरबैग्स से लेकर ब्रेकिंग ट्रांसमिशन तक में खामियां हैं, जिनका खुलासा कंपनी नहीं कर रही है।

कामा मोटर्स ने एक अलग वेबसाइट बनाकर मर्सीडीज की गाड़ियों की गिरती क्वालिटी को लोगों के बीच पहुंचाना शुरू किया था। कंपनी के मुताबिक ब्रेकिंग ट्रांसमिशन में खामी की वजह से मर्सीडीज के ब्रेक समय पर नहीं लगते हैं।

कंपनी इसे स्वीकार करने के बजाय सीक्रेट तौर पर इसे सुधारने में लगी है। ग्राहकों को सर्विस कैंप के जरिये बुलाया जाता है और फिर बिना कारण बताए उनकी गाड़ियों को अनाधिकारिक रूप से रोक लिया जाता है। इसी दौरान बिना बताए ब्रेकिंग की खामियां दूर की जाती हैं।

लेकिन ये सिर्फ उन्हीं ग्राहकों के साथ हो पाता है जो सर्विस कैंप में आते हैं। जो नहीं आ पाते, उनकी गाड़ियों में जानलेवा खामी बनी ही रहती है।

जून, 2022 में मर्सीडीज ने 2004 से 2015 के बीच बनी गाड़ियां रिकॉल की थीं

मर्सीडीज के लिए 10 लाख गाड़ियां रिकॉल करना बड़ा फैसला था। हालांकि भारत में मर्सीडीज के ब्रेकिंग सिस्टम में गड़बड़ी की शिकायत 2002 के पहले से हो रही है। कंपनी ने रिकॉल का फैसला 20 साल बाद 2022 में लिया।
मर्सीडीज के लिए 10 लाख गाड़ियां रिकॉल करना बड़ा फैसला था। हालांकि भारत में मर्सीडीज के ब्रेकिंग सिस्टम में गड़बड़ी की शिकायत 2002 के पहले से हो रही है। कंपनी ने रिकॉल का फैसला 20 साल बाद 2022 में लिया।

कामा मोटर्स की शिकायतों पर तो कभी कोई कार्रवाई नहीं हुई। लेकिन जून, 2022 में मर्सीडीज कंपनी ने खुद ही गाड़ियां रिकॉल करना शुरू कर दिया।

कंपनी ने खामियां बताते हुए 2004 से 2015 के बीच बनी ML और GL सीरीज की SUV और R सीरीज की लग्जरी गाड़ियां रिकॉल की थीं। ये रिकॉल पूरी दुनिया में किया गया था। 10 लाख से ज्यादा गाड़ियां कंपनी ने रिकॉल की थीं।

ऋषभ पंत की गाड़ी भी मर्सीडीज की GLS SUV ही थी। पंत ने यह गाड़ी 2017 में खरीदी थी। यानी ये रिकॉल की गई गाड़ियों में नहीं थी।

हालांकि कामा मोटर्स के मालिक रुस्तम कामा के मुताबिक मर्सीडीज की ब्रेकिंग में खामी का मामला वो 2002 से उठा रहे थे। कंपनी ने 20 साल बाद आखिरकार खुलकर ये गलती स्वीकार की थी।

मगर…मर्सीडीज की खामी हादसे की जिम्मेदार या सेफ्टी नियमों का उल्लंघन बनता है जानलेवा

साइरस मिस्त्री का कार एक्सीडेंट हो या ऋषभ पंत का हादसा…कार में कोई खामी थी या नहीं यह जांच का विषय है। लेकिन ये बिल्कुल स्पष्ट था कि इन हादसों में ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन भी जरूर हुआ था।

साइरस मिस्त्री कार हादसे के समय पिछली सीट पर बैठे थे और उन्होंने सीट बेल्ट नहीं लगाई थी। कार चलाने वाली अनाहिता पंडोले तो हादसे में बच गईं, मगर मिस्त्री नहीं बचे। अनाहिता ने सीट बेल्ट लगा रखी थी और इस वजह से एयरबैग खुले और उनकी जान बच गई।

ऋषभ पंत ने भी हादसे के समय सीट बेल्ट नहीं लगा रखी थी। हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि हादसे के बाद कार पलट गई थी और सीट बेल्ट लगाए रहते तो पंत गाड़ी में फंसकर झुलस सकते थे। फिर भी सुबह के समय अकेले गाड़ी में चलना रिस्की था।

अब आंकड़ों से समझिए…कितने लकी हैं ऋषभ पंत

सुबह 3 से 6 के बीच 23 हजार से ज्यादा हादसे

पुलिस के मुताबिक ऋषभ पंत की कार का एक्सीडेंट सुबह 5:30 बजे के आस-पास हुआ था। हालांकि इस समय रोड एक्सीडेंट की संभावना अपेक्षाकृत कम होती है, फिर भी 2021 में 23 हजार से ज्यादा हादसे इसी समय के दौरान हुए थे।

हादसों में जान गंवाने वाले सबसे ज्यादा 25 से 35 की उम्र के

सड़क हादसों में जान गंवाने वालों में सबसे ज्यादा लोग 25 से 35 के आयुवर्ग के हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक भारत में कार चलाने वालों में भी सबसे ज्यादा लोग इसी आयुवर्ग के हैं।

CCTV फुटेज के मुताबिक ऋषभ पंत की कार जहां अनियंत्रित हुई वहां सीधी सड़क थी। परिवहन मंत्रालय का डेटा बताता है कि भारत में सबसे ज्यादा कार हादसे सीधी सड़क पर ही होते हैं।\

पुलिस के मुताबिक पंत को झपकी आ गई थी…ऐसी वजहों से 2 हजार से ज्यादा हादसे

पुलिस के मुताबिक ऋषभ पंत को झपकी आ जाने की वजह से कार अनियंत्रित हो गई थी। इस वजह से 2021 में कुल 2057 हादसे हुए थे। एक और वजह ये भी थी कि पंत की गाड़ी बहुत ज्यादा स्पीड में थी। यह हादसों की सबसे बड़ी वजह रही है।

मर्सीडीज इंडिया के CEO कह चुके हैं…ट्रैफिक नियमों का पालन हो तो आधे हो जाएं हादसे

साइरस मिस्त्री के कार एक्सीडेंट के बाद जब मर्सीडीज पर सवाल उठे थे तो मर्सीडीज बेंज इंडिया के MD व CEO मार्टिन श्वेंक ने एक बयान में कहा था कि अगर भारत में ट्रैफिक सेफ्टी रूल्स का कड़ाई से पालन कराया जाए तो हादसों की संख्या आधी हो सकती है।

उनका इशारा इस बात की तरफ था कि मिस्त्री ने पिछली सीट पर सीट बेल्ट नहीं लगाई थी। अब पंत के हादसे में भी एक बार फिर सीट बेल्ट न लगाने की बात सामने आ रही है। ऐसे में कंपनी फिर इस बात पर जोर दे सकती है कि अगर ट्रैफिक नियमों का पालन करते तो पंत भी हादसे का शिकार नहीं होते।

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