47 लाख युवाओं को 3 साल तक भत्ता
47 लाख युवाओं को 3 साल तक भत्ता, 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर खोले जाएंगे
वित्त मंत्री ने भाषण में 47 लाख युवाओं को 3 साल तक स्टायपेंड देने की बात कही। युवा इंटरनेशनल मार्केट में नौकरियों के लिए तैयार हो सकें, इसके लिए देश में 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर खोले जाने का ऐलान भी किया।
पहले देखिए रोजगार से जुड़ी 3 बड़ी घोषणाएं…
- 47 लाख युवाओं को सपोर्ट देने के लिए ‘पैन इंडिया नेशनल एप्रेंटिसशिप स्कीम’ शुरू की जाएगी, इसके तहत सरकार 3 साल तक स्टायपेंड/भत्ता देगी।
- ‘यूनिफाइड स्किल इंडिया डिजिटल प्रोग्राम’ लागू होगा, अलग-अलग राज्यों में 30 स्किल इंडिया सेंटर खोले जाएंगे।
- PM कौशल विकास योजना 4.0 लॉन्च की जाएगी। इसके जरिए ऑन जॉब ट्रेनिंग मिलेगी।
एकलव्य स्कूलों में 38 हजार टीचर्स की भर्ती
इनके अलावा ट्राइब्स (जनजातियों) के लिए भी रोजगार देने की बात कही गई है। इसमें 740 एकलव्य स्कूलों के लिए 38 हजार 800 टीचर्स और सपोर्ट स्टाफ भर्ती किया जाएगा। हालांकि 2023 के बजट में वित्त मंत्री ने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) और आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना में जॉब बांटने की कोई चर्चा नहीं की।
अब बात उन घोषणाओं की, जिनमें रोजगार की संभावना
- स्टूडेंट्स के लिए नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी खोली जाएंगी।
- 157 नए नर्सिंग कॉलेज खुलेंगे। इनमें टीचिंग और सपोर्टिंग स्टाफ की भर्ती होगी।
- खेती से जुड़े स्टार्टअप शुरू करने वालों को मदद देने एग्रीकल्चर एक्सीलेटर फंड बनेगा।
- मत्स्य संपदा की नई सब-स्कीम में 6000 करोड़ इन्वेस्ट होंगे। मकसद नए रोजगार पैदा करना है।
- 10 हजार बायो-इनपुट रिसोर्स सेंटर खोले जाएंगे। इनमें भी इनडायरेक्ट इम्पलॉयमेंट यानी अप्रत्यक्ष रोजगार मिल सकेगा।
- 500 गोबरधन प्लांट बनाए जाएंगे। इनमें अवशिष्ट को आमदनी का जरिया बनाया जाएगा।
अब अवध ओझा का एनालिसिस…
- 4 बार रोजगार कहने का मतलब है कि बजट में रोजगार पर बहुत जोर नहीं दिया गया।
- रोजगार दिलाने के लिए सबसे ज्यादा इंडस्ट्री और इंफ्रास्ट्रक्चर (I & I) पर फोकस करना होगा।
- ट्रेनिंग बहुत अच्छी बात है। जापान को देखिए, उसने स्किल डेवलपमेंट पर ध्यान दिया। युवाओं को ट्रेंड किया, ताकि रोजगार के साथ-साथ स्वरोजगार बढ़ता रहे। लेकिन हमारा मुख्य मुद्दा है, बेरोजगारी। इसके लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
- सरकार युवाओं को ट्रेंड तो कर देंगी, लेकिन जॉब मिलने तक उनका परिवार कैसे चलेगा। फिलहाल, इससे कैसे निपटेंगे, ये चुनौती है।
- बजट में रोजगार के अच्छे पहलू में से एक जनभागीदारी है। PM विश्वकर्मा विकास योजना के तहत लोकल हैंडिक्राफ्ट को बढ़ावा मिलेगा।
- वूमन स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन मिलेगा, लेकिन सीधे तौर पर महिला भागीदारी पर सरकार को नजर रखनी होगी।
- भारत में किसान और युवाओं के चलते ही तरक्की मुमकिन है। सरकार मजबूरी का बहाना बनाकर जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकती।
- सरकार ने वादा तो किया है, अब निभाए भी। ताकि लोगों से कह सके कि उसने जो वादा किया उसे पूरा भी किया।
- सरकार के कदम सराहनीय हैं, लेकिन इनका आउटपुट मायने रखता है। महंगाई के दौर में भत्ते से ज्यादा नौकरियों की जरूरत है, वास्तविक धरातल पर ये कितनी होंगी ये देखने वाली बात होगी।
बजट के बाद आपके जरूरत की कई चीजें सस्ती और महंगी भी हो गई हैं। हालांकि, पांच साल पहले GST आ गया था। उसके बाद से बजट में ये समझना मुश्किल होता गया कि सस्ता-महंगा क्या होगा। क्योंकि अब यहां डायरेक्ट टैक्स की बात नहीं होती। इंडायरेक्ट टैक्स में कुछ ऊंच-नीच होती है। तो उसके असर के तौर पर सस्ते-महंगे का हिसाब लगाया जाता है।
इनडायरेक्ट टैक्स के असर से सस्ता महंगा तो आपने पढ़ लिया…लेकिन आपकी इनकम पर सरकार ने कितना टैक्स लगाया ये भी जान लीजिए…इनकम टैक्स में स्लैब घटकर 6 से 5 हो गए हैं, अब 7 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री कर दी गई है।
अब जान लेते हैं रोजगार को लेकर बजट 2022 में घोषणाएं क्या थीं और उनका अब तक क्या हुआ…
5 साल में 60 लाख नौकरियों का ऐलान
- 14 सेक्टर्स में 5 साल के अंदर 60 लाख नौकरियों का ऐलान। 1.97 लाख करोड़ रुपए की इस प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम से मेक इन इंडिया के तहत डोमेस्टिक प्रोडक्ट्स पर सब्सिडी दी जाती है।
अब तक क्या हुआ
- 31 जनवरी 2023 को जारी आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक फाइनेंशियल ईयर 2022 में बताया गया कि प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम के तहत 3 लाख रोजगार जनरेट हुए।
आत्मनिर्भर भारत योजना में 16 लाख नौकरियां
- अक्टूबर 2020 में लागू हुई आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (ABRY) के तहत 16 लाख नौकरियों का ऐलान।
अब तक क्या हुआ
- EPFO ने जून 2022 की रिपोर्ट में कहा था कि अक्टूबर 2020 से मार्च 2022 के बीच आत्मनिर्भर भारत स्कीम के तहत तय 50.9 लाख नौकरियों के मुकाबले 70.5 लाख नौकरियां दी गईं। यह टारगेट से 28% ज्यादा है। हालांकि, EPFO ने सालाना डेटा जारी नहीं किया।
दिसंबर में 16 महीने के पीक पर पहुंचने के बाद जनवरी में घटी बेरोजगारी दर
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के मुताबिक, दिसंबर 2022 में बेरोजगारी दर 8.3% रही। ये बीते 16 महीने में सबसे ज्यादा थी। इससे पहले अगस्त 2021 में बेरोजगारी दर 8.3% रही थी। जनवरी में जारी डेटा के मुताबिक यह 7.14% पर आ गई।
CMIE के MD महेश व्यास का कहना है कि हाल के महीनों में रोजगार में लगातार बढ़ोतरी के बदौलत दिसंबर 2022 तक रोजगार 41 करोड़ तक पहुंच गया। यह कोरोना महामारी से पहले यानी जनवरी 2020 के बाद का हाईएस्ट एम्प्लॉयमेंट लेवल है।
FO में नए एनरोलमेंट नवंबर में 16.5% बढ़े
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के पेरोल डेटा के मुताबिक, नवंबर 2022 में 16.2 लाख नए मेंबर जुड़े। यह पिछले साल यानी नवंबर 2021 से 16.5% ज्यादा है। वित्तमंत्री ने अपने बजट भाषण में बताया कि पिछले 9 साल में EPFO के सदस्य दोगुने हो गए है, यानी करीब 27 करोड़।
वित्त वर्ष 2021-22 में 1.22 करोड़ नए एनरोलमेंट हुए थे। वित्त वर्ष 2022-23 के 8 महीने यानी अप्रैल से नवंबर 2022 के बीच 1.05 करोड़ एनरोलमेंट हुए। इसके बाद का डेटा अभी उपलब्ध नहीं है। आप नीचे दिए गए ग्राफिक्स में डीटेल देख सकते हैं…
31 अनऑर्गेनाइज्ड सेक्टर्स में 28.55 करोड़ मजदूर अनऑर्गेनाइज्ड सेक्टर यानी ऐसे क्षेत्र जिनमें 10 से कम लोग काम करते हैं, जैसे जनरल स्टोर, खेत, दिहाड़ी पर काम करने वाले मजदूर। ई-श्रम पोर्टल के मुताबिक, 30 जनवरी 2023 तक 28.55 करोड़ मजदूर रजिस्टर्ड हुए हैं।
2022 में 67 स्टार्टअप में 25 हजार छंटनी
- Layoff.fyi की रिपोर्ट के मुताबिक, 67 स्टार्टअप ने 25 हजार लोगों को नौकरी से निकाला। BYJU’S, CARS24, ओला, OYO, Meesho, उड़ान, अनएकेडमी, स्विगी, शेयरचैट और vedantu जैसे बड़े स्टार्टअप ने छंटनी की।
- Layoff.fyi की ही रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी 2023 में दुनिया के करीब 101 स्टार्टअप 31,436 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल चुके हैं।
केंद्र और राज्य सरकार के विभागों में पौने दस लाख से ज्यादा पद खाली, किस विभाग में कितने पद, ग्राफिक्स से जानिए…
23 में टॉप 8 जॉब सेक्टर्स में जॉब बढ़ने की उम्मीद
लिंक्डइन इंडिया की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि 25 सेक्टर्स 2023 में सबसे ज्यादा रोजगार देंगे। लिंक्डइन ने जनवरी 2018 से जुलाई 2022 के बीच किए रिसर्च के आधार पर कुछ नतीजे निकाले, जो बताते हैं कि 2023 में किस सेक्टर में किस तरह की नौकरियों की ज्यादा मांग है।