कई तरह से कर सकते हैं सोने में निवेश, जानिए कौन-कौन से तरीक़े हैं

  • सदियों से सोने को निवेश का सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है। इसमें सोने के सिक्के या ज़ेवर में सबसे ज़्यादा निवेश होता है। परंतु सोने में निवेश के और भी कई विकल्प मौजूद हैं।

हमारे यहां लोग अलग-अलग जगह अपनी पूंजी का निवेश करते हैं। इनमें से सोने में निवेश करना सबसे सुरक्षित माना जाता है। सोने के सिक्के और ज़ेवर सबसे ज़्यादा ख़रीदे जाते हैं। इस तरह के सोने को फिज़िकल गोल्ड कहते हैं। अगर आप भविष्य के लिए सिर्फ़ सोने पर निवेश करना चाहते हैं तो इसके कई विकल्प मौजूद हैं। सोने का हर निवेश अपने आप में अलग है और अलग फ़ायदे भी हैं। तो जानिए आपके लिए कौन-सा बेहतर है।

गोल्ड ईटीएफ

गोल्ड ईटीएफ यानी गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स एफडी से ज़्यादा मुनाफा दे सकता है। ये ऐसे फंड्स होते हैं जो सोने में निवेश करते हैं। आम शेयरों की तरह इन्हें ख़रीदा और बेचा जा सकता है। गोल्ड ईटीएफ के लिए एक डीमैट खाते की आवश्यकता होगी। गोल्ड ईटीएफ की ख़रीद या बिक्री स्टॉक एक्सचेंज पर होती है। गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने के लिए कम से कम एक यूनिट ख़रीदना ज़रूरी है। एक यूनिट एक ग्राम सोने के बराबर होती है। जब भी इसे बेचेंगे तो इसमें आपको सोना नहीं बल्कि उस समय के अनुसार बाज़ार मूल्य के बराबर राशि मिलती है।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड काग़ज़ी रूप में होते हैं जो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी किए जाते हैं। बॉन्ड में न्यूनतम निवेश 1 ग्राम से किया जा सकता है और एक निवेशक 4 किलो तक ख़रीद सकता है। यह प्रारंभिक निवेश पर निवेशक को 2.5 फ़ीसदी की दर से अर्ध-वार्षिक ब्याज का भुगतान करता है। यदि 8 वर्ष की परिपक्वता अवधि तक इसे रखा जाता है, तो इस पर कोई कर नहीं देना होता है। बॉन्ड की अवधि 8 साल के लिए है, जिसमें 5 साल के बाद रिडीम कराने का विकल्प है, जिसे ब्याज की देय तारीख पर रिडीम कराया जा सकता है। निवेशक इस बॉन्ड को गिरवी रखकर लोन भी ले सकता है, जो कि इसके जारी होने के 15 दिन के अंदर हो सकेगा। इस पर जीएसटी का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है।

डिजिटल गोल्ड

ये ऑनलाइन गोल्ड ख़रीदने का एक तरीक़ा है। इसे ख़रीदकर वॉलेट में स्टोर करके रख दिया जाता है। इस सोने को ख़रीदने का सबसे बड़ा फ़ायदा ये है कि इसे असली सोने में भी बदल सकते हैं, जिसके लिए अतिरिक्त भुगतान करना पड़ेगा। इसमें 3 फ़ीसदी जीएसटी का भुगतान करना पड़ता है। साथ ही सोने को डिजिटल वॉलेट में स्टोर करने के लिए भी कुछ रकम चुकानी पड़ती है। बाज़ार से कम से कम एक ग्राम का सोना ख़रीदना ही होता है जिसकी क़ीमत में हर रोज़ उतार-चढ़ाव होता रहता है। लेकिन डिजिटल सोने को आप 1 रुपये तक की क़ीमत में भी ख़रीद और बेच सकते हैं।

गोल्ड म्यूचुअल फंड

यह म्यूचुअल फंड सोने के गिरने-चढ़ने पर आधारित होता है। इस फंड में निवेश करने के लिए डीमैट खाते की आवश्यकता नहीं है। सिर्फ़ एक मामूली खाते के साथ और सलाहकार की मदद से गोल्ड म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। कोई भी विश्वसनीय फंड हाउस की वेबसाइट या शाखा में जाकर निवेश कर सकता है। इनमें निवेशक एसआईपी के ज़रिए निवेश कर सकते हैं, जो ईटीएफ में संभव नहीं है। इस फंड में मासिक एसआईपी के रूप में न्यूनतम 1000 रुपये के निवेश की आवश्यकता होती है। एसआईपी निवेश राशि कम ख़र्च पर अच्छा लाभ देती है। गोल्ड म्यूचुअल फंड सुरक्षित निवेशों में से एक है। यह फंड नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (एसईबीआई) द्वारा नियंत्रित होते हैं।

निवेशों के अंतर को समझें

यदि धातु के रूप में सोना ख़रीद रहा है, तो ख़रीदने की लागत और बिक्री मूल्य के बीच का फ़र्क़ लाभ होता है। हालांकि, जो लोग भौतिक सोना ख़रीदते हैं, वे इसे तब तक बेचने का इरादा नहीं रखते जब तक कि ऐसा करने की सख्त ज़रूरत न हो। इसलिए, रिटर्न का परिप्रेक्ष्य इस मामले में शून्य है।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) के मामले में, सोने को भौतिक तरीक़े से निवेश करने और विविधता लाने के बजाय डिजिटल तरीक़े से निवेश किया जाता है। इसलिए, जो परिपक्वता तक एसजीबी में निवेश करते हैं, वे ब्याज के साथ-साथ पूंजी में वृद्धि का फ़ायदा उठा सकते हैं, जो सोने में निवेश के किसी अन्य विकल्प में उपलब्ध नहीं है।

ईटीएफ और गोल्ड फंड्स के मामले में, यह सोने में रिटर्न को परिलक्षित करेगा क्योंकि ये तरीक़ा भौतिक सोने द्वारा समर्थित है। इसलिए रिटर्न इस बात से स्पष्ट होता है कि किसी विशेष वर्ष में सोने की क़ीमतों में कैसा प्रदर्शन रहा। चूंकि, यह विकल्प सोने की क़ीमत में रिटर्न के आधार पर लाभ देता है, इसलिए यह एसजीबी की तुलना में फ़ायदेमंद है।

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