देश में 10 जगहों से हो रही सबसे ज्यादा साइबर ठगी, दिल्ली-एनसीआर वाले सबसे ज्यादा शिकार
देश में 10 जगहों से हो रही सबसे ज्यादा साइबर ठगी, दिल्ली-एनसीआर वाले सबसे ज्यादा शिकार
देश में साइबर ठगी के 10 हॉट स्पॉट से लोगों की जेब से सबसे ज्यादा पैसा निकाला जा रहा है। इन जगहों से देश के कुल साइबर अपराध में से 85.4 फीसदी वारदात हो रही हैं। इनमें भरतपुर पहले, मथुरा दूसरे और जामताड़ा तीसरे नंबर पर हैं।
भरतपुर से 16.8, मथुरा से 14.1 व जामताड़ा से 12 फीसदी साइबर अपराध होते हैं। वहीं, झारखंड के छह जिले टॉप-10 में शामिल हैं। बढ़ते साइबर अपराध से गृहमंत्री अमित शाह ने भी चिंता जताई है। उन्होेंने शुक्रवार शाम को जंतर-मंतर स्थित भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) पहुंचकर ठगी के इन हॉट स्पॉट को खत्म कर अपराधियों पर शिकंजा कसने के आदेश दिए हैं।
गृह मंत्रालय ने बढ़ते साइबर अपराध के कारण आई4सी का गठन किया है। सभी राज्यों व संघ शासित प्रदेशों से सलाह के बाद आई4सी ने मेवात, जामताड़ा, हैदराबाद, अहमदाबाद, चंड़ीगढ़, गुवाहाटी और विशाखापतनम के लिए राज्यों व संघों की विधि प्रवर्तन एजेंसियों के बीच अंतर राज्य समन्वय के लिए सात संयुक्त साइबर अपराध समन्वय टीमों (जेसीसीटी) का गठन किया।
इसके बाद आई4सी का एक राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल साइबरअपराधडॉटजीओवीडॉटआईएन’ बनाया गया। इस पर देश के लोग साइबर अपराध की शिकायतों को 24 घंटे और सातों दिन दर्ज करवा सकते हैं।
जालसाजों के पास रकम को जाने से ऐसे रोकती हैं एजेंसियां
आई4सी से देश की सभी बैंक व ऑनलाइन पेमेंट प्लेटफार्म जुड़े हुए हैं। जालसाज पीड़ित के खाते से पैसे निकालकर खाते में ट्रांसफर कर लेता है तो ऐसे समय में पीड़ित समय से पोर्टल की हेल्पलाइन 1930 पर सूचना देता है तो आई4सी जिस बैंक में पीड़ित का खाता है उस बैंक से संपर्क कर पूछता है कि पीड़ित के खाते से किस बैंक व खाते में पैसे गए हैं। ऐसे में आई4सी उस बैंक को सूचना देकर रकम को ब्लाॅक करवा देता है। इस तरह आई4सी ने देश के लोगों के 325 करोड़ रुपये बचाए हैं।
दिल्ली-एनसीआर के लोग ज्यादा ठगी के शिकार
गृहमंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि साइबर जालसाजों के ज्यादातर शिकार दिल्ली व एनसीआर के लोग होते हैं। इसके लिए दिल्ली पुलिस ने स्पेशल सेल के देखरेख में आईएफएसओ यूनिट बनाई है। ये साइबर अपराध को रोकने पर यूनिट काम करती है।
अप्रैल, 21 से लेकर 27 मार्च, 2023 तक लोगों के 325 करोड़ रुपये बचाए
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि आई4सी ने अप्रैल, 2021 से लेकर 27 मार्च, 2023 तक देश के 1.65 लाख लोगों के 325 करोड़ रुपये बचाए हैं। जालसाजों ने ये रकम देश के लोगो की जेब से निकाल ली थी। समय से जानकारी मिलने पर आई4सी ने ये रकम जालसाजों से वापस निकाल ली।
भरतपुर से इस तरह हो रही ठगी
भरतपुर से सेक्सर्टोशन व ओएलएक्स के नाम पर ठगी होती है। सेक्सर्टोशन के तहत आरोपी पीड़ित को व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल करते हैं। दूसरी तरफ लड़की की फोटो दिखाकर पीड़ित के कपड़े उतरवाकर अश्लील वीडियो बना लेते हैं। इसके बाद मोटी रकम ऐंठते हैं। वहीं, ओएलएक्स पर किसी चीज का विज्ञापन देखकर उसे खरीदने का झांसा देकर पैसे उड़ा लेते हैं।
पोर्टल पर 27 मार्च 2023 तक दर्ज शिकायतें
- 20 लाख से अधिक शिकायतें दर्ज की गईं।
- देश भर में इन शिकायतों पर 40 हजार एफआईआर दर्ज की गईं।
- 13.43 करोड़ लोगों ने इस पोर्टल पर विजिट किया।
- पोर्टल पर 31639 पुलिस अधिकारियों को पंजीकृत किया गया।
- 8615 पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण के प्रमाणपत्र जारी किए।
- जांच के लिए दिल्ली में राष्ट्रीय साइबर फोरेंसिक प्रयोगशाला (एनसीएफएल) स्थापित की गई।
- आई4सी ने 27 मार्च तक राज्यों व केंद्रीय एजेंसियों को 7050 से अधिक साइबर और डिजिटल फोरेंसिक मामलों में सहायता प्रदान की।
- राज्यों व संघों को साइबर अपराध को रोकने के लिए उन्हें 122.24 करोड़ की वित्तीय सहायता दी गई।
साइबर अपराध को खत्म करने के लिए रणनीति बनाएंगे
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गृहमंत्री अमित शाह ने कहा हे कि देश में उन जगहों की पहचान की जाए जहां से साइबर अपराध सबसे ज्यादा होता है। इसके बाद अपराधियों को खत्म किया जाए। ये भी पता किया जा जाए कि कितने विदेशी इसमें शामिल हैं। अब साइबर अपराध के हॉट स्पाॅट की पहचान कर वहां से साइबर अपराध और अपराधियों को खत्म करने के लिए रणनीति बनाई जाएगी। आई4सी से देश की सभी एजेंसियों जुड़ी हुई हैं। सभी से बैठक कर रणनीति
बनाई जताएगी।