21 दिन बाद भी क्यों नहीं पकड़ा गया अमृतपाल ..!
NIA के पास मिनटों में ट्रेस करने का सिस्टम, क्या VPN यूज करके चकमा दिया ….
9 राज्यों में तलाश और विदेश भागने की खबरों के बीच 29 मार्च को सोशल मीडिया पर अमृतपाल का एक वीडियो आया। उसने 13 अप्रैल को बैसाखी पर सरबत खालसा (सिख समागम) बुलाने की अपील की। इसके 28 घंटे बाद अमृतपाल ने फेसबुक लाइव किया। 30 मार्च को उसने एक ऑडियो भी जारी किया, जिसमें कहा, ‘मैं न जेल जाने से घबराता हूं और न ही पुलिस के टॉर्चर से।’
18 मार्च से अब तक अमृतपाल सिंह के 10 से ज्यादा CCTV फुटेज और वीडियो आ चुके हैं, पर पुलिस उसे पकड़ नहीं पाई। अमृतपाल सिंह पर 21 मार्च को नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) लगाया गया। इसके बावजूद सोशल मीडिया पर मौजूद उसके वीडियो ब्लॉक नहीं किए गए।
अमृतपाल का वीडियो जारी करना और पकड़ में न आना 5 सवाल खड़े करता है…
- अमृतपाल सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड कर रहा है, क्या उसे ट्रैक नहीं किया जा सकता?
- वीडियो में वो पुलिस और सरकार को चुनौती दे रहा है, फिर उसके वीडियो ब्लॉक क्यों नहीं किए गए?
- क्या फेसबुक लाइव करने के दौरान किसी को ट्रैक नहीं किया जा सकता?
- जिस फेसबुक अकाउंट से अमृतपाल लाइव हुआ, उस पर क्या कार्रवाई हुई?
- क्या वीडियो अपलोड करने वाले की लोकेशन का पता लगाया जा सका?
इन सवालों का जवाब पाने के लिए मैंने साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट और पुलिस अफसरों से बात की। सभी ने बताया कि नॉर्मली वीडियो अपलोड करने वाले को आसानी से ट्रैक किया जा सकता है, लेकिन अगर वो वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) का इस्तेमाल करता है, तो उसे ट्रैक करना मुश्किल जरूर है, लेकिन नामुमकिन नहीं है।
अमृतपाल की 9 राज्यों में तलाश, वीडियो पर पंजाब पुलिस की चुप्पी
पंजाब पुलिस 9 राज्यों में अमृतपाल को तलाश रही है। पुलिस अब तक ये नहीं बता सकी है कि अमृतपाल के वीडियो कब और कहां बने। वीडियो कैसे भेजे या अपलोड किए गए। वीडियो अपलोड के बाद किसी को पकड़ा गया या कोई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस सीज हुआ या नहीं?
हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट में एक शख्स को हिरासत में लिए जाने और होशियारपुर के माहिलपुर में वीडियो बनाने की बात सामने आई थी, लेकिन पुलिस ने इस पर कुछ नहीं कहा।
वीडियो विदेशी IP एड्रेस से अपलोड हुए, अब जांच NIA के पास
21 मार्च को मामला नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) के पास आया। पंजाब पुलिस ने वीडियो की मदद से अमृतपाल को ट्रैक करने की गुजारिश की, लेकिन NIA के हाथ भी अभी खाली हैं। सूत्रों के मुताबिक पंजाब पुलिस की साइबर सेल को पता चला है कि दोनों वीडियो और ऑडियो क्लिप दुबई, कनाडा, ब्रिटेन, अमेरिका, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया के IP एड्रेस से अपलोड हुए हैं। पंजाब पुलिस ने इनके IP एड्रेस NIA को दे दिए हैं।
पुलिस और NIA की तलाश के बाद भी अमृतपाल का पता नहीं चला है। मैंने 5 टेक्निकल एक्सपर्ट्स से पूछा कि क्या वाकई अमृतपाल को ट्रेस करना मुश्किल है या सुरक्षा एजेंसियों के पास उसकी लोकेशन तो है, लेकिन फिर भी वे उसे पकड़ नहीं पा रही हैं?
1 …. मुंबई साइबर सेल
कोई सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड करता है, तो क्या उसे ट्रैक किया जा सकता है?
कोई नॉर्मल तरीके से वीडियो अपलोड कर रहा है, तो उसे आसानी से ट्रैक कर सकते हैं। VPN से वीडियो अपलोड या लाइव करने पर ये काम मुश्किल है। डिवाइस मिलने पर हम उसमें से डिटेल निकालकर आरोपी तक पहुंच सकते हैं। इंटरनेट का यूज करने से IP एड्रेस जनरेट होता है और उसे ट्रैक करना आसान हो जाता है। IP एड्रेस, सर्विस प्रोवाइडर के पास होते हैं।
VPN यूज किया गया है, तो जांच वहीं रुक जाती है। हालांकि, आरोपी बार-बार एक ही VPN का यूज कर रहा हो तो उसे ट्रेस किया जा सकता है। इससे हैंडसेट का नाम और मॉडल नंबर पता चल जाता है। फिर हैंडसेट की डिटेल से हम आरोपी तक पहुंच जाते हैं।
इसके अलावा फोरेंसिक लैब, सोशल मीडिया अकाउंट और कुछ दूसरे जरिए हैं। सिक्योरिटी रीजन से मैं ये शेयर नहीं कर सकता। VPN सर्विस प्रोवाइडर से सरकार सीधे डिटेल नहीं ले सकती। यही वजह है कि इससे जांच प्रभावित होती है।
2. एडवोकेट …., साइबर क्राइम एक्सपर्ट
क्या VPN से वीडियो अपलोड या फेसबुक लाइव करने वाले को ट्रैक नहीं किया जा सकता?
अगर अमृतपाल VPN इस्तेमाल कर भी रहा है, तो भी उसे ट्रेस किया जा सकता है। कई बार इसमें टाइम लग सकता है। अभी लॉ इन्फोर्समेंट एजेंसियों के काम का जो तरीका है, उसे देखकर कहना गलत नहीं होगा कि वे महीनों लगा सकते हैं। हालांकि, कई प्राइवेट प्लेयर हैं, जिन्हें ये काम दे दिया जाए, तो वे 24 घंटे में सब ट्रेस कर सकते हैं।
वीडियो के ओरिजिनल फुटप्रिंट हमेशा कहीं न कहीं मौजूद रहते हैं। इससे आरोपी या उसके मददगारों तक पहुंचा जा सकता है। पहले तो उन्हें यह जांचना चाहिए कि दोनों वीडियो में फेक और ओरिजिनल कौन सा है। उसे ट्रेस करने के लिए बहुत से टूल हैं।
मुझे लगता है कि यह पॉलिटिक्स है और न्यूज में रहने के लिए एजेंडे के तहत काम हो रहा है। बाकी उसे ट्रेस करना कोई बड़ी बात नहीं है। मैं आम नागरिक होने के बावजूद ट्रैकिंग टूल का इस्तेमाल कर ट्रेस कर सकता हूं, तो समझिए कि उनके (NIA) पास कितनी बड़ी टीम है। वे सब कुछ कर सकते हैं।
कौन से तरीके हैं, जिनकी मदद से अमृतपाल को ट्रैक कर सकते हैं
वीडियो ही नहीं, दूसरे कई जरिए हैं, जिससे अमृतपाल की लोकेशन ट्रेस की जा सकती है। हर वीडियो का ओरिजिनल सोर्स होता है। वह (अमृतपाल) अकेला नहीं चल रहा है। उसके बॉडीगार्ड हैं, ड्राइवर हैं, उन्हें ट्रैक कर आसानी से अमृतपाल को पकड़ा जा सकता है। उसे लोकेट करने के लिए उसके प्यादों को भी पकड़ा जा सकता है। उसके बाद राजा तक पहुंचा जा सकता है।
3. ….जायसवाल, साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट
सुरक्षा एजेंसियों के पास किसी को ट्रैक करने का पूरा सिस्टम
अगर आप VPN यूज करते हैं तो आपका IP मास्क हो जाता है और दूसरी जगह का IP नजर आता है। ऐसे में ओरिजिन का पता लगा पाना मुश्किल होता है। हालांकि NIA जैसी एजेंसी के पास उन्हें ट्रैक करने के टूल हैं। वे आसानी से पता लगा सकते हैं कि ओरिजिनल कंटेंट कहां से जनरेट या अपलोड हुआ है।
वॉट्सऐप पर फॉरवर्ड वीडियो को भी ट्रेस किया जा सकता है
अगर कोई वीडियो वॉट्सऐप से फॉरवर्ड हो रहा है, तो उसे रोकना लगभग नामुमकिन है। हालांकि ये ट्रेस हो सकता है कि वह कहां से ओरिजिनेट हुआ है। इसका भी एक प्रोसेस है। कंपनियों को नोटिस जारी कर इस बारे में पता लगाया जा सकता है।
4 साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट
दूसरे देश से वीडियो अपलोड हुआ, तो टारगेट तक पहुंचना मुश्किल
सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड हुआ है, तो उसे ट्रेस किया जा सकता है, लेकिन उससे टारगेट तक पहुंचा जा सकता है, यह जरूरी नहीं है। इसमें अपलोड करने वाला व्यक्ति ट्रेस हो सकता है। हालांकि उसमें भी कई फैक्टर्स हैं। ये डिपेंड करता है कि जिस अकाउंट से अपलोड हुआ, वह कहां से ऑपरेट हो रहा है। हो सकता है कि वह किसी दूसरे देश में हो, ऐसे में जांच एजेंसियों को मुश्किल हो जाती है।
5. साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट
क्या फेसबुक लाइव के दौरान किसी को ट्रेस किया जा सकता है?
उसकी लोकेशन आसानी से ट्रेस की जा सकती है। हमें पहले VPN IP मिलेगा, फिर हम उससे रियल IP पता कर उस तक पहुंच सकते हैं। दूसरा अगर वह फेसबुक लाइव कर रहा है और हमने उसे चैट पर कुछ भेज दिया, उसने क्लिक कर लिया तो उससे भी लोकेशन मिल जाएगी। सरकारी एजेंसियों के पास इससे भी कई गुना ज्यादा पावर होती है।
अमृतपाल 6 मिनट तक फेसबुक पर लाइव रहा, फिर ट्रैक क्यों नहीं हो पाया?
सरकार उसे ट्रैक कर सकती थी। यही नहीं, जिस पर NSA लगा है और वह 6 मिनट तक लाइव रहता है, उसके वीडियो को तुरंत ब्लॉक भी किया जा सकता था। VPN इस्तेमाल कर वह मिसगाइड कर सकता है, ऐसे केस में उसकी रियल IP निकालने में थोड़ा टाइम लगता है यानी 3 से 4 दिन, लेकिन उस तक पहुंचा जा सकता है।
पंजाब पुलिस कई बार अमृतपाल के करीब पहुंची, लेकिन पकड़ नहीं पाई
अमृतपाल जालंधर के शाहकोट में पुलिस को चकमा देकर भाग निकला। 12वें दिन इसका वीडियो सामने आया था। पुलिस को 2 दिन पहले इनपुट मिला था कि अमृतपाल उत्तराखंड से पंजाब लौटकर श्री दरबार साहिब या श्री केसगढ़ साहिब में सरेंडर कर सकता है।
पुलिस हाई अलर्ट पर थी। लुधियाना नंबर की इनोवा में 3-4 संदिग्धों की सूचना मिलने पर पुलिस ने उसका पीछा किया। युवक रास्ते में गाड़ी छोड़कर भाग गए। गाड़ी का नंबर PB 10 CK 0527 फर्जी निकला। पुलिस ने आसपास के सभी घरों की चेकिंग की, पर न अमृतपाल मिला, न उसके सहयोगी।
वीडियो के सहारे अमृतपाल सिंह तक पहुंचने की कोशिश
अमृतपाल को ट्रैक करने के सवाल पर पंजाब पुलिस के एक अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा, ‘ऐसा नहीं है कि हमें वीडियो जारी करने का सोर्स या लोकेशन नहीं मिला है, हम 24 घंटे उसे ट्रैक करने के लिए काम कर रहे हैं। जल्द ही वह हमारी गिरफ्त में होगा। जांच प्रभावित न हो, इसलिए जल्दबाजी में कोई जानकारी सामने नहीं लाई जा रही है।’
पीलीभीत के मोहनापुर गुरुद्वारे में जांच
वीडियो जारी होने के बाद पंजाब की STF ने पीलीभीत के मोहनापुर गुरुद्वारे में छानबीन की थी। गुरुद्वारा परिसर के 16 कैमरों में 4 बंद मिले। इनकी रिकॉर्डिंग से छेड़छाड़ का पता चला। STF गुरुद्वारे से कैमरों की DVR ले गई। पुलिस की एक टीम ने हिमाचल में भी छापे मारे हैं। कहा जा रहा था कि पहला वीडियो अमृतपाल ने यहीं रिकॉर्ड किया था।
अमृतपाल को पकड़ने के लिए 300 से ज्यादा डेरों में सर्च ऑपरेशन
अमृतपाल की तलाश में पंजाब के 300 से ज्यादा डेरों में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। पुलिस के टारगेट पर जालंधर, कपूरथला, होशियारपुर और बठिंडा के डेरे हैं। इसके लिए ड्रोन की भी मदद ली जा रही है। पुलिस एक स्विफ्ट कार ढूंढ रही है, जिसे अमृतपाल होशियारपुर में छोड़कर इनोवा से फरार हुआ था।
इनोवा के ड्राइवर चरणजीत सिंह को जालंधर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वह अमृतपाल और उसके मीडिया एडवाइजर पपलप्रीत सिंह को लेकर जा रहा था। पुलिस से घिरने के बाद सभी गुरुघर में इनोवा छोड़कर भाग गए थे।