PVC पाइप से पानी में मिलता है शीशा ..! NGT दे चुका चेतावनी

PVC पाइप से पानी में मिलता है शीशा:इससे कैंसर और बांझपन का खतरा, गर्मी में बढ़ जाता है जोखिम, NGT दे चुका चेतावनी ….

गर्मी के दिनों में टंकी का पानी काफी गर्म हो जाता है। नल से बिना गीजर के ही अत्यधिक गर्म पानी आने लगता है। लोगों को इस पानी से नहाने, हाथ-मुंह धोने में भी दिक्कत होती है। लेकिन मामला सिर्फ इतना ही नहीं है। इस गर्म पानी में खतरनाक केमिकल भी मिले होते हैं। जो किसी को भी बीमार कर सकते हैं।

पाइप और टंकी में गर्म हुआ पानी प्लास्टिक के कई हानिकारक केमिकल्स को खुद में घोल लेता है। ऐसे में इस पानी का इस्तेमाल पीने के लिए या खाना बनाने के लिए करना खतरनाक हो सकता है। इससे कैंसर, बांझपन, किडनी की बीमारी और नर्वस सिस्टम फेल होने का खतरा होता है।

गर्म होने पर तेज होता है प्लास्टिक के साथ केमिकल रिएक्शन

पूर्व में हुई कई रिसर्च में पता चला है कि प्लास्टिक की टंकी और पाइप से होकर आने वाले पानी में उसके कुछ खतरनाक केमिकल मिल जाते हैं। गर्मी के दिनों में सीधी धूप पड़ने से पहले टंकी और पाइप गर्म होता है। उसके बाद उसके अंदर मौजूद पानी भी गर्म हो जाता है। तापमान बढ़ने पर प्लास्टिक में मौजूद खतरनाक केमिकल तेजी से पानी में घुलने लगते हैं।

 
गर्मी के दिनों में पानी में प्लास्टिक के केमिकल का घुलना तेज हो जाता है।

ऐसे पानी से खाना बनाना भी खतरनाक, उबलने के बाद भी साफ नहीं होता

गंदे पानी में कई तरह के वायरस और बैक्टीरिया भी पाए जाते हैं। आमतौर पर माना जाता है कि पानी को तेज आंच पर उबालने से इसमें मौजूद सूक्ष्मजीव खत्म हो जाते हैं। सामान्य वायरस और बैक्टीरिया के मामले में यह बात काफी हद तक सही भी है। लेकिन प्लास्टिक से पानी में मिला केमिकल उबालने के बाद भी नुकसान पहुंचाता है। ऐसे में टंकी के गर्म पानी से खाना बनाना खतरनाक हो सकता है।

पानी में मिल रहा शीशा, NGT ने 2017 में दी थी चेतावनी

घरों में इस्तेमाल होने वाले सामान्य पाइप और टंकी PVC यानी पॉलीविनाइल क्लोराइड के बने होते हैं। सेहत पर इसके नकारात्मक प्रभाव को लेकर पहले भी कई बार चेतावनियां जारी की जा चुकी हैं। साल 2017 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने अपने फैसले में कहा था कि PVC पाइप के चलते घर में यूज होने वाले पानी में शीशा मिल रहा है।

साल 2018 में केंद्र सरकार ने संसद में एक सवाल का जवाब देते हुए माना था कि प्लास्टिक पाइप के चलते पानी में खतरनाक केमिकल्स मिल रहे हैं।

बांझपन, किडनी की बीमारी और नर्वस सिस्टम को डैमेज कर सकता है पानी में मिला शीशा

अमेरिकी पर्यावरण संरक्षण एजेंसी के मानकों के अनुसार पीने और खाना बनाने में इस्तेमाल होने वाले पानी में शीशे की मात्रा शून्य होनी चाहिए। लेकिन प्लास्टिक का पाइप गर्म होने के बाद काफी मात्रा में शीशा पानी में छोड़ता है।

पानी में मौजूद शीशा शरीर में जाने के बाद बांझपन और किडनी की बीमारी का कारण बन सकता है। लंबे समय तक ऐसे पानी के इस्तेमाल से नर्वस सिस्टम भी डैमेज हो सकता है। बच्चों को इससे खास खतरा होता है। शीशा शरीर में जाने के बाद उनके शारीरिक और मानसिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।

 

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