आप बिजनेस की तरह कॅरिअर भी री-लॉन्च कर सकते हैं ..!
एक महीना पहले मैं और पुष्पेंद्र कुमावत- अलवर, राजस्थान के एमजीबी होटल्स के एचआर प्रमुख- कुछ उम्मीदवारों के रेज्यूमे देख रहे थे, ताकि उनका विकल्प खोज सकें। होटल प्रबंधन कुमावत को और बड़ी जिम्मेदारियां सौंपना चाहता था।
मेरे द्वारा सुझाए एक रेज्यूमे को देखते हुए कुमावत ने कहा- सर, मैं ऐसे लोगों पर भरोसा नहीं कर सकता, जिन्होंने 19 साल के कॅरियर में चार से भी अधिक वर्षों का ब्रेक लिया हो। मैंने भी देखा कि उम्मीदवार ने तीन अवसरों पर ब्रेक लिया था। मेरे पास तब इसके लिए कोई तर्क नहीं था, इसलिए मैंने रेज्यूमे को फाइल में रख दिया।
इस गुरुवार को जब कुमावत ने एक बार फिर मुझसे उसी पोजिशन के लिए कोई उम्मीदवार सुझाने को कहा तो मैंने उस पुराने रेज्यूमे को फिर से देखा और निश्चय किया कि मैं उन उम्मीदवार पर ‘टेबल एंड स्टूल’ की अपनी नई थ्योरी लागू करूंगा, जिसे मैंने इसी महीने सीखा है।
इस महीने के आरम्भ में 23 वर्ष के जीनो जे. अम्पाकड्डू ने ‘टेबल एंड स्टूल’ की शुरुआत की थी, जिसमें एक व्यक्ति एक मेज के सामने बैठकर अपनी कहानी सुनाता है। कोई हमें सुने, इसके महत्व को समझते हुए, जीनो उन्हें सुनाई जाने वाली हरेक कहानी के ऐवज में एक मुरुक्कु (चकली) प्रस्तुत करते हैं।
उन्हें कोई भी कहानी सुना सकता है, जैसे हाल में जेल से छूटा कोई कैदी, फिल्म इंडस्ट्री का कोई बैकग्राउंड-डांसर जिसने महामारी के दौरान नौकरी गंवा दी, कोई भिखारी या एक लड़की जिसका बॉयफ्रेंड बदमिजाज था। 30 मिनट तक कहानी सुनाने के बाद बोलने वाला हलका महसूस करता है।
मैंने इस ‘टेबल एंड स्टूल’ शैली को उन उम्मीदवार पर आजमाने का निर्णय लिया, जिन्हें हम पहले नकार चुके थे। तब जाकर मुझे अहसास हुआ कि आने वाले समय में एकल कॅरियर का मिथक ध्वस्त होने वाला है। उन्होंने अपने ब्रेक के दौरान ऐसे अनुभव अर्जित किए थे, जिनके बारे में अन्य एचआर प्रबंधक कल्पना भी नहीं कर सकते थे।
उम्मीदवार ने मुझे बताया कि परम्परागत कामकाजी समुदाय द्वारा माना जाता है मैं बस पकड़ने से चूक गया हूं, इसका यह मतलब नहीं कि मैंने यात्रा नहीं की (पढ़े, कमाई नहीं की)। मैंने कहीं पर हिच-राइड ली, कहीं टैक्सी तो कहीं साइकिल की मदद ली, लेकिन मेरी यात्रा अनवरत जारी रही है।
उनसे बात करने के बाद मुझे पता चला वे विफल नहीं हैं, उनके अनुभवों का संसार भिन्न रहा है। वे स्टीरियोटाइप्ड लोगों से अलग थे। स्टीरियोटाइप्ड यानी वो जिन्होंने कभी इस्तीफा नहीं दिया, मूल्यों के लिए संघर्ष नहीं किया, आज्ञाकारी बने रहे और मन ना होने के बावजूद हां कहते रहे। लेकिन हर बार नया विकल्प पाने पर उन्होंने कॅरियर में फिर से प्रवेश की प्रणाली बहुत कल्पनापूर्वक बनाई थी।
वे कहते हैं उन्होंने कभी ‘कॅरिअर-ब्रेक’ नहीं लिया, बल्कि एक अन्य दिशा में ‘कॅरिअर-ब्रिज’ बनाने में व्यस्त रहे, जिस तरफ दुनिया का रुख था। उनकी पत्नी शासकीय सेवा में थीं। तबादलों के कारण उन्हें ब्रेक लेना पड़ता था। लेकिन हर नए शहर में उनके कॅरिअर और वेतन का ग्राफ ऊपर ही उठा था। कोविड ने हमें बताया है कि जैसे कारोबार में उतार-चढ़ाव आते हैं, उसी तरह कॅरिअर में भी ब्रेक आते रहेंगे और जैसे जीवन की अवधि बढ़ती है, उसी तरह से कॅरिअर भी अनेक दिशाओं में फैल सकता है।
…. अगर आप कॅरिअर को री-लॉन्च करने वाले हैं तो किसी स्टूल (याद रखें आपके पास कोई जॉब यानी कुर्सी नहीं है) पर बैठकर अपनी कहानी मेज के दूसरी तरफ बैठे व्यक्ति को सुनाएं, पर अतिरिक्त योग्यता व आत्मविश्वास के साथ। और देखें कैसे आपको नौकरी पर रख लिया जाता है।