महाराष्ट्र की इन 10 सीटों पर होगी सबकी नजर, बड़े-बड़े चेहरों की किस्मत है दांव पर
नागपुर दक्षिण पश्चिम विधानसभा सीट में करीब तीन लाख एक्तालीस हजार तीन सौ वोटर हैं. साल 2014 के चुनाव में देवेंद्र फडणवीस 58942 वोटों के अंतर से चुनाव जीते थे और उन्हें 59.21 फीसदी वोट मिले थे. जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार की झोली में महज 28.57 फीसदी वोट पड़े थे. सीएम फडणवीस (CM Fadnavis) का नागपुर (Nagpur) गृहनगर है और राष्ट्रीय सेवक संघ (आरएसएस) का मुख्यालय भी नागपुर में ही है. कुल मिलाकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की स्थिति तगड़ी है. इस सीट पर चुनावी मैदान में कुल 24 उम्मीदवार हैं. हालांकि बीजेपी उम्मीदवार का पलड़ा बेहद भारी है.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बेहद चर्चा में आई दूसरी विधानसभा सीट मुंबई (Mumbai) की वर्ली (Worli) सीट है. इस चुनाव क्षेत्र से शिवसेना (Shiv Sena) के नेता आदित्य ठाकरे चुनाव लड रहे हैं. आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) के चुनाव मैदान में उतरने के साथ ही शिवसेना के अध्यक्ष उद्दव ठाकरे के ठाकरे परिवार (Thackeray Family) का पहला कोई वारिस चुनावी समर में उतरकर इतिहास रच रहा है. वर्ली विधानसभा सीट दक्षिण मुंबई लोकसभा क्षेत्र में आती है. वर्ली सीट शिवसेना का अभेद किला रहा है. इस सीट पर शिवसेना ने 1990 से लेकर साल 2009 तक लगातार जीत दर्ज कर राज किया है. हालांकि 2009 के विधानसभा चुनाव (Assembly Election) में वर्ली सीट शिवसेना खो बैठी थी और इस सीट पर एनसीपी के पूर्व मंत्री सचिन अहिर से शिवसेना के उम्मीदवार आशीष चुनाव हार गए थे. हालांकि शिवसेना ने पिछले 2014 विधानसभा चु्नाव में वर्ली सीट वापस जीत ली थी और शिवसेना नेता सुनील शिंदे ने सचिन अहिर को हराकर इस सीट पर फिर से शिवसेना का कब्जा काबिज कर दिया था. हालांकि अब सचिन अहिर भी एनसीपी (NCP) छोड़कर शिवसेना पार्टी में शामिल हो चुके हैं.
वर्ली विधानसभा सीट में कुल 265091 वोटर हैं. इस सीट में पुरुष मतदाता 56.23 फीसदी जबकि 43.77 फीसदी महिला वोटर हैं. साल 2014 के विधानसभा चुनाव में वर्ली सीट पर 55 फीसदी वोट पड़े थे. आदित्य ठाकरे समेत इस सीट पर कुल 20 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. पहली बार चुनाव लड़ रहे आदित्य ठाकरे को एनसीपी के उम्मीदवार सुरेश माने से चुनौती मिल रही है. हालांकि इस इलाके में एनसीपी का दबदबा अब नहीं रहा. स्थानीय एनसीपी के ज्यादातर नेता और कार्यकर्ता शिवसेना का दामन थाम चुके हैं. मराठी एक्टर अभिजीत बिचकुले भी इस सीट पर चुनावी मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं. वर्ली सीट दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट में आती है और दोनों पर ही शिवसेना का कब्जा है. केंद्रीय मंत्री अरविंद सावंत दक्षिण मुंबई संसदीय सीट से सांसद हैं. कुल मिलाकर आदित्य ठाकरे की इस सीट पर स्थिति बेहद अच्छी है.
सूबे में एक से एक कद्दावर नेताओं की इस चुनाव में किस्मत दांव पर है. एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार (NCP Supremo Sharad Pawar) के भतीजे प्रदेश के पूर्व डिप्टी सीएम अजीत पवार (Ajit Pawar) महाराष्ट्र के पुणे (Pune) जिले की बारामती विधानसभा सीट से 6 बार विधायक रह चुके हैं. अजीत पवार फिर एक बार बारामती सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं. बारामती इलाका पवार परिवार का गढ़ है. यह विधानसभा सीट बारामती संसदीय क्षेत्र में आती है और उस पर भी दशकों से एनसीपी का कब्जा है. अजीत पवार की बारामती सीट बेहद सुरक्षित सीट मानी जाती है. इस बार अजीत पवार को बीजेपी तगड़ी चुनौती दे रही है. बीजेपी (BJP) ने धनगर समाज (गडेरिया) के तगड़े नेता गोपीचंद पडालकर को चुनाव मैदान में उतारा है. पडालकर मराठा नेता संभाजी भिडे के शिष्य माने जाते हैं और इस इलाके में संभाजी भिडे की खासी पकड़ है. पडालकर प्रकाश अंबेडकर की पार्टी वंचित बहुजन आघाड़ी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे. इस चुनाव क्षेत्र में कुल 15 उम्मीदवार मैदान में हैं. हालांकि एनसीपी के अजीत पवार का पलड़ा काफी भारी है. अजीत पवार एनसीपी और कांग्रेस (Congress) गठबंधन के उम्मीदवार हैं.
महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री और सूबे की बीजेपी (BJP) का मराठा चेहरा की पहचान रखने वाले प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल की पुणे जिले की कोथरुड विधानसभा सीट खासी सुर्खियों में है. प्रदेश में सीएम कुर्सी के दावेदारों में से एक चंद्रकांत पाटिल पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं. चंद्रकांत पाटिल फिलहाल विधान परिषद के सदस्य हैं. पाटिल का गृहनगर कोल्हापुर है. लेकिन पार्टी ने सियासी तौर पर बेहद ताकतवर पश्चिम महाराष्ट्र के पुणे की कोथरुड सीट पर मौजूदा बीजेपी विधायक मेधा कुलकर्णी का टिकट काटकर चंद्रकांत पाटिल को चुनावी मैदान में उतारा है. ब्राह्मण वोटों के वर्चस्व वाली इस सीट पर बीजेपी ने इस बार मराठा जाति के चंद्रकांत पाटिल को चुनाव मैदान में उतार दिया है. चंद्रकांत पाटिल को एनसीपी के दुधाने लक्ष्मी देवराम से चुनौती मिल रही है. एनसीपी पुणे जिले में काफी ताकतवर रही है. हालांकि अब इस क्षेत्र में बीजेपी का दबदबा है. इस विधानसभा सीट पर कुल आठ उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं.
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण की सीट कांग्रेस के लिए नाक का सवाल बन गई है. पृथ्वीराज चव्हाण फिर से एक बार सातारा जिले की कराड दक्षिण विधानसभा सीट पर चुनाव लड रहे हैं. सातारा जिला प्रदेश के पश्चिम महाराष्ट्र में आता है. इस चुनाव क्षेत्र में पृथ्वीराज चव्हाण को बीजेपी के अतुल भोसले से कड़ी चुनौती मिल रही है. सातारा दक्षिण विधानसभा सीट पर कुल 21 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. हालांकि मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के उम्मीदवारों के बीच ही है.
महाराष्ट्र की महिला एवं बाल विकास मंत्री पंकजा मुंडे फिर एक बार सूबे की बीड जिले की परली विधानसभा सीट पर बीजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं. पंकजा मुंडे दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रही हैं. जीत की हैट्रिक लगाने के दमखम से चुनाव मैदान में उतरी पंकजा मुंडे को उन्हीं के चचेरे भाई एनसीपी नेता धनंजय मुंडे से इस बार चुनौती मिल रही है. धनंजय मुंडे एनसीपी के कद्दावर नेताओं में से एक हैं. धनंजय मुंडे विधान परिषद में विपक्ष के नेता भी हैं. इस सीट पर कुल 53 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमां रहे हैं. हालांकि मुख्य मुकाबला पंकजा मुंडे और धनंजय मुंडे के बीच दिखाई दे रहा है. हालांकि पंकजा मुंडे का पलड़ा खासा भारी है.
प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री छगन भुजबल की येवला विधानसभा सीट भी खासी सुर्खियों में है. येवला सीट सूबे के नाशिक जिले में आती है. छगन भुजबल एनसीपी का ओबीसी चेहरा हैं. छगन भुजबल का मुकाबला शिवसेना के संभाजी साहेबराव पवार से है. येवला विधानसभा सीट पर कुल 30 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं. हालांकि वंचित बहुजन आघाड़ी के अलगट सचिन वसंतराव के मैदान में आ जाने से त्रिकोणीय मुकाबला हो गया है.
महाराष्ट्र के गृहनिर्माण मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल की अहमदनगर जिले की शिर्डी विधानसभा सीट भी खासी चर्चा में है. कांग्रेस से बीजेपी में आए राधाकृष्ण विखे पाटिल इस सीट पर इस बार बीजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं. विखे पाटिल के सामने कांग्रेस के टिकट पर सुरेश जगन्नाथ थोरात चुनाव मैदान में हैं. इस सीट पर कुल 13 प्रत्याशी मैदान में हैं. हालांकि राधाकृष्ण विखे पाटिल की स्थिति काफी मजबूत मानी जा रही है.
प्रदेश के लोकनिर्माण मंत्री एकनाथ शिंदे मुंबई से सटे थाणे जिले की कोपरी पाचपखाड़ी विधानसभा सीट पर लगातार चौथी बार चुनाव मैदान में हैं. शिवसेना के कद्दावर नेता एकनाथ शिंदे को कांग्रेस के संजय पांडुरंग घाडीगांवकर चुनौती दे रहे हैं. थाणे जिले में शिवसेना और बीजेपी का दबदबा है. इस सीट पर कुल 11 उम्मीदवार चुनाव में किस्मत आजमा रहे हैं. हालांकि बहुजन वंचित आघाड़ी के उम्मीदवार उमेश बागवे की मौजूदगी से त्रिकोणीय मुकाबला है.
मुंबई पुलिस के पूर्व अफसर एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा की विधानसभा चुनाव में मौजूदगी चुनाव को खासी दिलचस्प बना रही है. प्रदीप शर्मा मुंबई से सटे नालासोपारा विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं. प्रदीप शर्मा का मुकाबला मौजूदा विधायक क्षितिज ठाकुर से है. इस सीट पर कुल 19 उम्मीदवार चुनाव के मैदान में हैं. हालांकि मुख्य मुकाबला बीजेपी उम्मीदवार प्रदीप शर्मा और बहुजन विकास आघाड़ी के क्षितिज ठाकुर के बीच माना जा रहा है