नोएडा : 3.90 करोड़ निकासी का मामला : प्राधिकरण व बैंक ने हर कदम पर की गलती
नोएडा। प्राधिकरण के बैंक ऑफ इंडिया के खाते से 3.90 करोड़ रुपये की निकासी के मामले में हर कदम पर नोएडा प्राधिकरण व बैंक की तरफ से गलती निकलकर सामने आ रही है। इन्हीं गलतियों की वजह से प्राधिकरण को चूना लग गया। वहीं इस मामले में मास्टरमाइंड मनुपोला की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीम लगातार दबिश दे रही है। वहीं इसके एक अन्य साथी राजेश के बारे में भी पुलिस को कुछ इनपुट मिला है।
मामले में पुलिस की जांच तेजी से चल रही है। अब यह बात सामने आ रही है कि मास्टरमाइंड मनुपोला पश्चिम बंगाल के किसी जिले का है। वहीं पुलिस नोएडा प्राधिकरण व बैंक कर्मचारियों की भूमिका व कार्यशैली की भी जांच कर रही है। जांच में पुलिस पता लगा रही है कि इस फ्रॉड में कोई प्राधिकरण कर्मी या बैंक कर्मी शामिल तो नहीं है। पुलिस अपनी जांच में कुछ सवालों की सटीक जानकारी लेना चाह रही है। मसलन 15 जून को एफडी बिड के लिए हुई बैठक में बैंक कर्मियों के वापस जाने के बाद ठगों ने 7.66 प्रतिशत ब्याज का ऑफर प्राधिकरण के किस अधिकारी को दिया था। बगैर जांच के किसने इसकी फाइल बढ़ाई। ठगों की तरफ से एफडी की कॉपी प्राधिकरण के किस अधिकारी को भेजी गई और उस अधिकारी ने सत्यता की जांच किए बगैर फाइल आगे क्यों बढ़ा दी। प्राधिकरण के अकाउंट संचालन के लिए अधिकृत करने के दस्तावेज ठगों को कैसे मिले।
वहीं बैंक की तरफ से भी कदम-कदम पर गलती की गई। इस कारण बैंक वाले भी रडार पर हैं। प्राधिकरण के अकाउंट अधिकारी बनकर जालसाज अब्दुल खादर ने जो दस्तावेज बैंक को दिए, उनके आधार कार्ड में नाम के स्पेलिंग में गलती है। वहीं बैंक में ठगों ने जो प्राधिकरण की मुहर लगाई थी, उसमें नोएडा इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट लिखा था। वहीं नोएडा की मुहर न्यू ओखला इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी की होती है। इसके साथ ही बैंक की तरफ से केवाईसी व अन्य प्रक्रियाओं का भी पूरा पालन नहीं किया गया। इस कारण प्राधिकरण व बैंक कर्मी पुलिस के घेरे में हैं।