ग्रेटर नोएडा,  दिल्ली एनसीआर के युवाओं को ड्रग्स के दलदल में धकेलने के पीछे सबसे बड़ा हाथ नाइजीरियाई युवकों का है। इस वर्ष अब तक सात महीने में 50 से अधिक नाइजीरियाई को दिल्ली एनसीआर के अलग-अलग जिले की पुलिस ड्रग्स तस्करी के मामले में गिरफ्तार कर चुकी है।

हैरानी की बात यह है कि इस अवैध कारोबार में संलिप्त विदेशी नागरिक एलआईयू को ठेंगा दिखाकर बिना वीजा के रहते हैं और पुलिस प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लग पाती जबकि प्रत्येक विदेशी नागरिक का डाटा एलआईयू के पास ऑनलाइन मौजूद है।

नियमित जांच नहीं होने के चलते नाइजीरियाई युवक इसका लाभ उठाते है और मोटी रकम कमाने के चक्कर में ड्रग्स तस्करी में संलिप्त हो जाते है। मुख्य रूप से दिल्ली, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद, गुरुग्राम क्षेत्र ड्रग्स तस्करी से प्रभावित है। ग्रेटर नोएडा में दो बार ड्रग्स की फैक्ट्री पकड़ी जा चुकी है।

इस रूट से होती है ड्रग्स तस्करी

दिल्ली एनसीआर में तैयार की जाने वाली एमडीएमए ड्रग्स कोरियर से विदेश भेजी जाती है। इसके अलावा सड़क मार्ग से मुंबई, गुजरात भेजी जाती है। वहां से समुद्री रास्ते से गोवा जाती है।

फरीदाबाद में नाइजीरिया के युवकों पर हुई कार्रवाई

15 जुलाई : क्राइम ब्रांच सेक्टर 30 ने नशीले पदार्थों के साथ नवेके कोलिंस नाम के एक नाइजीरियाई नागरिक को सेक्टर-28 मेट्रो स्टेशन के पास से गिरफ्तार किया। उसके पास से 37 ग्राम कोकेन, 28 ग्राम हेराेइन, 25 ग्राम मेथाडोन सहित अन्य ड्रग्स बरामद हुए। आरोपित तीन साल पहले एजुकेशन वीजा पर भारत आया था। उसका वीजा भी खत्म हो चुका है, मगर वह छिपकर यहां रह रहा था।

फरीदाबाद में नाइजीरियाई नागरिक का ठिकाना ग्रीन फील्ड कालोनी, सेक्टर 21ए, ग्रेटर फरीदाबाद में इनकी काफी संख्या है। वीजा अवधि पूरी होने के बाद भी यह यहीं पर रुक जाते हैं। पुलिस ने कई बार नाइजीरियाई नागरिकों को साइबर ठगी और नशीले पदार्थों की बिक्री में संलिप्त पाया है। इस समय फरीदाबाद में 100 से अधिक नाइजीरियाई नागरिक रह रहे हैं।

गुरुग्राम में हुई कार्रवाई

11 जून : स्टडी वीजा पर तीन महीने पहले ही भारत आया नाइजीरियन मूल का व्यक्ति गुरुग्राम समेत अन्य जगहों पर हेरोइन सप्लाई कर रहा था। फरुखनगर क्राइम ब्रांच की टीम ने रविवार रात दिल्ली के द्वारका से उसे धर दबोचा।

29 मई: दिल्ली के निलोठी से दो नाइजीरियाई युवकों को मानेसर साइबर पुलिस ने पकड़ा। दोनों अवैध रूप से बिना वीजा के रह रहे थे।

क्या कहते हैं साइबर थाना प्रभारी?

मानेसर साइबर पुलिस थाना प्रभारी इंस्पेक्टर नरेश कुमार ने बताया कि बीते एक साल में नाइजीरियन गिरोह के 20 से ज्यादा सदस्यों को पकड़ा जा चुका है। सभी से पूछताछ में यह बात सामने आई कि वह लोग मेडिकल और पढ़ाई के नाम पर वीजा लेकर भारत आते है। बाद में यही रूक जाते है।

इस एक्ट में दर्ज होता है मुकदमा

विदेश से आने वाले लोग जब अनैतिक गतिविधियों में पकड़े जाते हैं तो उनके विरुद्ध फारेनर्स एक्ट के तहत भी मामला दर्ज होता है। दूतावास से संपर्क कर इस मामले की जानकारी भी दी जाती है। पुलिस सूत्रों के अनुसार अकेले गुरुग्राम में ही बीते तीन वर्षों में डेढ़ सौ से ज्यादा नाइजीरियाइ मूल के लोगों पर फारेनर्स एक्ट के तहत मामला दर्ज हो चुका है। इनमें कई आरोपित नशे से संबंधित मामलों में भी पकड़े जा चुके हैं।

दिल्ली-NCR के युवाओं को ड्रग्स के दलदल में धकेल रहे नाइजीरियाई

दिल्ली में हुई कार्रवाई

छह जून: एनसीबी ने एलएसडी की 14,961 ब्लोट्स यानी स्टाम्प के साथ एक महिला समेत छह तस्करों को गिरफ्तार कर पैन इंडिया डार्क नेट ड्रग्स तस्करों के एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया।

छह सितंबर 2022 : दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दो विदेशी नागरिकों के पास से 312.5 किलो ड्रग मेथामफेटामाइन और 10 किलो हेरोइन बरामद किया था। दोनों तस्कर दिल्ली में शरणार्थी बन कर रहे थे।

28 अप्रैल 2022 : शाहीन बाग और जामिया इलाके में एनसीबी ने छापेमारी कर 50 किलो हेरोईन और 47 किलो अलग-अलग केमिकल पाउडर बरामद किया था।

ऑपरेशन कवच के तहत ड्रग्स तस्करों के 128 ठिकानों पर छापेमारी

ग्रेटर नोएडा में हुई कार्रवाई

  • 17 मई को ग्रेटर नोडा के सूरजपुर में ड्रग्स फैक्ट्री का भंडाफोड़। दस नाइजीरियाई नागरिकों को गिरफ्तार कर 300 करोड़ की 46 किलोग्राम ड्रग्स बरामद
  • 30 मई को ग्रेटर नोएडा के ओमेगा स्थित मित्रा इंक्लेव सोसाइटी में पकड़ी गई ड्रग्स फैक्ट्री। तीन विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार कर 200 करोड़ की 30 किलोग्राम ड्रग्स बरामद

ग्रेटर नोएडा में नाइजीरियाई नागरिकों के ठिकाने

  • एलिस्टोनिया सोसायटी, सेक्टर सिग्मा एक, दो व तीन, मित्रा इंक्लेव, सूरजपुर का जैतपुर, निंबस सोसाइटी
  • दिल्ली में नाइजीरियाई लोगों के ठिकाने – नेब सराय, खिड़की एक्सटेंशन, महिपालपुर, वसंत कुंज