ग्वालियर : अफसर बदले, सिस्टम बदला पर नगर निगम ग्वालियर में हालत ऐसे …

अफसर बदले, सिस्टम बदला पर नगर निगम ग्वालियर में हालत ऐसे, जानिए

जनसुनवाई, लोकमंतणा, जोनल आफिस व सीएम हेल्पलाइन में हर दिन आ रही हैं 30 से अधिक शिकायत फिर भी समाधान नहीं

ग्वालियर। शहर के ह्रदयस्थल महाराज बाड़ा पर फुटपाथियों का कब्जा, बाजारों में सडक़ों पर ठेले, आधी सडक़ों पर दुकानदारों का कब्जा, जर्जर सडक़ व जगह-जगह गंदगी के ढेर व बंद स्ट्रीट एलईडी लाइट। इतना ही नहीं सीवर, पेयजल व साफ सफाई जैसी छोटी-छोटी शिकायतों का हर वार्ड में ढेर लगा हुआ है। शहर की मौजूदा हकीकत यही है, भले ही नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी नई व्यवस्था सहित शहरभर में कुछ भी दावे करें।
निगम आयुक्त हर्ष ङ्क्षसह को आए चार महीने बीते चुके हैं, वह निगम में एक बड़ी सर्जरी और कई अधिकारियों को इधर से उधर करने के साथ ही जेडओ को अतिरिक्त काम करने की स्वीकृति और पीएचई के अधिकारियों को पेयजल सप्लाई व सीवर संधारण की पूरी पावर का फार्मूला देने के बाद भी लोगों की समस्याओं का ग्राफ नहीं गिर रहा है। तमाम बैठकें और निर्देशों के बीच भी कमिश्नर का अमला कभी बल तो कभी संसाधनों के बहानेबाजी कर सुकून की नीद सो रहे हैं। जबकि शहरवासी नए बदलाव से पहले भी परेशान थे और आज भी समस्याओं से जुझ रहे हैं। वार्ड ऑफिस, जनसुनवाई, सीएम हेल्पलाइन अथवा महापौर की लोकमंत्रणा होने के बाद भी समस्याओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।
शहरभर में समस्याओं की स्थिति
-क्षेत्रीय कार्यालय : 15 से 25 शिकायतें हर दिन आ रही हैं। क्षेत्रीय कार्यालय पर पदस्थ जेडओ ने सुनीं तो ठीक वरना पेङ्क्षडग पड़ी हुई है। लोगों को भरोसा ही नहीं है कि जोनल ऑफिस भी सुनवाई करेगा।
-जनसुनवाई : हर जनसुनवाई में 30 से 50 शिकायतें आती हैं। उपायुक्त,अपर आयुक्त से लेकर आयुक्त तक शिकायतों की सुनवाई करके संबंधित अधिकारियों को शिकायत फॉरवर्ड कर देते हैं।
-लोकमंत्रणा : महापौर खुद समस्या सुनकर संबंधित अधिकारियों को फॉरवर्ड करती हैं और प्रत्येक लोकमंत्रणा में विभिन्न प्रकार की 50 से अधिक शिकायतें आती है। खास बात यह है कि अधिकारी लोकमंत्रणा में पहुंचते ही नहीं है।
-सीएम हेल्पलाइन : सीएम हेल्पलाइन पर भी हर दिन 30 से 50 शिकायतें दर्ज होती हैं। अधिकारी कुछ की सुनवाई करते है तो कुछ को बिना सुने ही बंद करा देते है। 

gwalior nagar nigam story in hindiयह आती है सबसे अधिक शिकायतें

सीवर, सफाई, अतिक्रमण, नामातंरण, जर्जर सडक़, पानी की मोटर, गंदा पानी, सडक़ पर गड्ढे अधिक होने, भवन अनुमति नहीं मिलने, अधिकारियों द्वारा बिना लेनेदेन के कार्य नहीं करने, टीसी-एपीटीओ व राजस्व टीसी द्वारा कार्य नहीं करने व ठेके द्वारा अतिक्रमण सहित विभिन्न प्रकार की शिकायतें आती हैं।
हर तरफ यह हैं समस्याएं
-गंदगी
-सीवर
-सीवर चौक
-स्ट्रीट एलईडी लाइट खराब
-अतिक्रमण
-ठेलों का कब्जा
-पेयजल सप्लाई
जेडओ-पीएचई अधिकारी को पावर दी, परफॉर्मेंस अभी भी निल
क्षेत्रीय अधिकारी को अपने जोन में अतिक्रमण हटाने सहित अन्य छोटी-बड़ी समस्याएं निपटाने के लिए अधिकृत किया है। पीएचई में बिना योग्यता के अधिकारी बने लोगों को हटाकर पीएचई व सीवर के कार्य में लगाया गया है। जेडओ को सडक़ों पर अतिक्रमण हटाने, ट्रैफिक जाम में बाधक अस्थायी दुकानें सहित अन्य समस्याएं के निराकरण की अनुशंसा करते हुए मदाखलत के साथ मिलकर कार्रवाई करने की पावर भी दी गई। लेकिन फिर भी वह कार्रवाई नहीं कर पा रहे है।
आयुक्त ने दी सख्त चेतावनी
नगर निगम आयुक्त हर्ष ङ्क्षसह ने निगम में काम न करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को निलंबित करने और सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दे रखी है। इसके बाद भी जेडओ हो अथवा अन्य अमला किसी पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। हालांकि आयुक्त का कहना है कि प्रत्येक कार्य की समीक्षा की जा रही है कार्य में लापरवाही पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
“शहर के विकास के लिए सभी जनप्रतिनिधियों को आगे आकर कार्य करना चाहिए। लेकिन वह आगे न आते हुए विकास कार्य में बाधा बन रहे हैं। जेडओ सहित बड़े अधिकारी द्वारा सुनवाई नहीं करने से शहर में पानी, सीवर, जर्जर सडक़ व बंद लाइटों से आमजन परेशान है और इससे छोटे-छोटे काम रुके हुए है। जल्द ही सभी समस्याओं का निराकरण कराया जाएगा।”
डॉ शोभा सिंह सिकरवार, महापौर नगर निगम
“शहर में अभी सीवर व एलईडी लाइट की अहम समस्या बनी हुई है। नगर निगम कमिश्नर और हम सब मिलकर व्यवस्थाएं दुुरस्त करने में लगे हुए है। थोड़ा समय लगेगा। जहां भी काम रह गए है वहा उसे ठीक करवाया जाएगा।”
 तोमर सभापति नगर निगम
“शहर में पानी,सीवर,जर्जर सडक़ व बंद लाइटों से आमजन परेशान है।हर पीडि़त व्यक्ति वार्ड से लेकर निगम मुख्यालय तक अपनी समस्या बता रहा है फिर भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अभी हाल ही में विधानसभा की बैठक में आयुक्त ने समस्या के समाधान के लिए एक माह का समय दिया है। उम्मीद है जल्द ही आमजन को राहत मिलेगी।”
सिंह नेता प्रतिपक्ष
“शहरभर में बुनियादी सुविधाओं के लिए आमजन परेशान हो रहे हैं। इसके लिए अधिकारियों के साथ पार्षद, जनप्रतिनिधि व परिषद भी दोषी है। परिषद में सिर्फ सडक़,सीवर,पानी व एलईडी लाइटों पर ही चर्चा हो रही है उसके बाद भी कोई निर्णय नहीं हो पा रहा है। अरे भाई शहर के विकास के लिए भी तो कार्य करो।”
शहरवासी

हर्ष सिंह आयुक्त नगर निगम सीधी बात
1. आपने अभी नई व्यवस्था लोगों को राहत देने के लिए बनाई,लेकिन ग्राउंड लेवल पर काम दिखाई नहीं दे रहे हैं।
-मैंने सिस्टम बनाया है और समीक्षा भी कर रहा हूं। जल्द ही सभी से काम को लेकर जवाब लिया जाएगा।
2. आपके सख्त निर्देश के बाद भी कई अधिकारी काम नहीं कर रहे है।
-जो अधिकारी-कर्मचारी कार्य नहीं कर रहे है उन पर निलंबन सहित सख्त कार्रवाई करूंगा। 

3. खुलेआम शहरभर में अतिक्रमण, सडक़ों पर हाथ ठेले और महाराज बाड़ा फुटपाथियों के हवाले है, आखिर आपके अधिकारी क्या कर रहे हैं।
-हम प्लान बना रहे हैं जल्द ही शहर की सडक़ों पर हाथठेले लगाने वालों को नियमअनुसार पास बने हॉकर्स जोन में शिफ्ट किया जाएगा। बाड़े से अतिक्रमण हटाया जाएगा।

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